नई दिल्ली : लंबे सस्पेंस के बाद कांग्रेस पार्टी ने रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. उम्मीद के विपरीत राहुल गांधी अमेठी के बजाए रायबरेली से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि शतरंज की कुछ चालें अभी बाकी हैं.
उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी की पहचान मात्र यह थी कि वह राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव अमेठी से चुनाव लड़ती हैं, लेकिन इस बार उनकी यह पहचान भी खत्म हो गई. जब उनसे पूछा गया कि रायबरेली से प्रियंका गांधी क्यों नहीं चुनाव लड़ रही हैं, इस पर जयराम रमेश ने कहा कि वह बड़ी नेता हैं, और उन्हें सिर्फ एक चुनाव क्षेत्र तक सीमित करना अच्छा नहीं होगा. और वैसे भी प्रियंका तो कभी भी किसी उप चुनाव के माध्यम से सासंद बन सकती हैं.
जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और वह बहुत ही सोच-समझकर अपना दांव चलते हैं. उनके अनुसार राहुल गांधी का रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला विचार विमर्श करने के बाद लिया गया है. यह एक रणनीति है.
भाजपा पर प्रहार करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि उनके 'चाणक्य' को पता ही नहीं चला, अब वो क्या करें, वो तो कुछ और सोच कर चल रहे थे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं, और उनके पहले खुद इंदिरा गांधी भी यहां से सांसद थीं. इसलिए कांग्रेस के लिए यह कोई विरासत नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी है.
जयराम रमेश से जब यह पूछा गया कि क्या अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस अपना गढ़ नहीं मानती है, इस पर उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के लिए पूरा देश ही, चाहे उत्तर हो या दक्षिण, गढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि पीएम मोदी दक्षिण भारत से चुनाव लड़ते, जिस तरह राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं. जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी के पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह वहां जाकर चुनाव लड़ पाएं.
जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने अमेठी से एक आम कार्यकर्ता को टिकट दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए ही एक पत्रकार की टिप्पणी का प्रयोग कर कहा- वह कह रहे थे कि किसी आम कांग्रेसी कार्यकर्ता का अमेठी से नंबर आएगा या नहीं, तो लीजिए हमने अपने कार्यकर्ता को टिकट दे दिया और वह भाजपा का भ्रम दूर कर देंगे.
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