रांची: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने रांची में मीडिया को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार सवाल पूछे. जयराम रमेश ने पीएम से पूछा कि वे बताएं कि क्या उनकी विचारधारा भारतीय संविधान को स्वीकार करती है या नहीं? अपने दूसरे सवाल के तौर पर जयराम रमेश ने पीएम से पूछा कि वह जाति और आर्थिक जनगणना पर चुप क्यों हैं.
तीसरे सवाल के तौर पर जयराम रमेश ने पीएम से पूछा कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने पर वह चुप क्यों हैं. पीएम को सार्वजनिक मंच पर बताना चाहिए कि क्या वह 50% की सीमा हटाने के पक्ष में हैं या नहीं? और आखिरी सवाल के तौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि वह बताएं कि उनकी सरकार ने आदिवासियों के हित में बने कानूनों में संशोधन कर उन्हें कमजोर क्यों किया. पूंजीपतियों के लिए उनकी सरकार ने वन अधिकार कानून 2006, वन संरक्षण कानून 1960, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बनाया, इसमें संशोधन कर इसे कमजोर क्यों किया गया?
जयराम रमेश ने कहा कि पहले दो चरण के मतदान के बाद यह साफ हो गया है कि बीजेपी को दक्षिण भारत में और आधे उत्तर भारत में क्लीन स्वीप मिलने जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में चार चरणों का मतदान हो चुका है, 379 सीटों पर मतदान हो चुका है और अब यह साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है. बाकी तीन चरण के मतदान का चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
जयराम रमेश ने कहा कि हार देखने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की भाषा बदल गई है. प्रधानमंत्री हताश और निराश हैं. कांग्रेस को जनता की सेवा करने की ताकत उसकी 05 न्याय और 25 गारंटी से मिलती है. राहुल गांधी की दो यात्राओं के दौरान उन्होंने आम लोगों की बात सुनी और फिर आम लोगों की समस्याओं और अन्याय को सुनने के बाद उन्होंने 05 न्यायाधीशों के बारे में बात की. प्रत्येक न्याय के अंतर्गत 05-05 गारंटी दी गई है.
जयराम रमेश ने कहा कि अब पीएम कहते हैं कि वह धार्मिक भेदभाव नहीं करते लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की भाषा ध्रुवीकरण की भाषा है. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को PM-HM के नाम से जाना जाता है. यह तय है कि दक्षिण भारत में बीजेपी का खाता नहीं खुलेगा.
जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि अडानी और अंबानी ने टैंपो में भरकर कांग्रेस को काला धन दिया है, पीएम के इस गंभीर आरोप पर ईडी-सीबीआई चुप क्यों हैं? यह बड़ा सवाल है कि केंद्रीय एजेंसियां कांग्रेस कार्यालय में टेम्पो में आने वाले पूंजीपतियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के 80 पन्नों के घोषणापत्र में कहीं भी विरासत के पैसों के बंटवारे का जिक्र नहीं है. हमारा चुनाव अभियान हमारे अपने मुद्दों पर चल रहा है. प्रधानमंत्री चुनाव को सांप्रदायिक पिच पर ले जाना चाहते हैं लेकिन हम गुमराह होने वाले नहीं हैं. हमारे घोषणापत्र के सबसे बड़े प्रचारक प्रधानमंत्री हैं. पीएम के बयान के बाद हमारे घोषणापत्र को 5 लाख बार डाउनलोड किया गया, ये एक रिकॉर्ड है.
विरासत कानून के मुद्दे पर सैम पित्रोदा की राय को उनकी निजी राय बताते हुए जयराम रमेश ने कहा कि हकीकत तो यह है कि राज्य शुल्क हटाने वाले पीएम राजीव गांधी ही थे. 16 मार्च 1985 को उनकी सरकार में जब वीपी सिंह वित्त मंत्री थे तब राज्य शुल्क हटा दिया गया था.