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मांडू और पोड़ैयाहाट, महागठबंधन में पैदा न कर दे खटास! जानें, क्या है सियासी समीकरण - Jharkhand Assembly Seats

Political rhetoric between JMM and Congress. झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में प्रदेश के सियासी दल जुटने लगे हैं. सत्ताधारी दलों के साथ साथ विपक्ष भी रणनीति बनाने में जुटी है. इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर का बयान आया कि पार्टी 33 विधानसभा सीटों पर चुनावी तैयारी में जुट गयी है. इसको लेकर महागठबंधन में खटास की स्थिति उत्पन्न होती नजर आ सकती है.

Congress demanded two assembly seats currently being held by Jharkhand Mukti Morcha
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 14, 2024, 7:32 PM IST

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब झारखंड में राजनीतिक दलों के नेता इसी वर्ष के अंत के होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में लग गए हैं. इस संबंध में पहला बयान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर का आया कि पार्टी ने विधिवत रूप से विधानसभा की 33 सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

विधानसभा सीटों की शेयरिंग पर कांग्रेस और झामुमो के नेताओं के बयान (ETV Bharat)

ऐसे में सवाल यह है कि 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी को तब 31 विधानसभा सीट मिलीं थी. अब दावा 33 विधानसभा सीट का क्यों है. क्या महागठबंधन के दूसरे दल आसानी से इसे स्वीकार लेंगे या यह राज्य में सत्तारूढ़ तीन दलों में आपसी खटपट की शुरुआत भर है. इसके अलावा कोई प्रेशर पॉलिटिक्स की कवायद की जा रही है. ऐसे कई सवाल प्रदेश की सियासी फिजा में गूंज रही है.

हैरानी की बात यह है कि जिन दो विधानसभा सीटों पर अब कांग्रेस अपना हक जता रही है. वह दोनों सीटें पोड़ैयाहाट और मांडू 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कोटे में गयी थी. उस समय झामुमो ने झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार प्रदीप यादव के मुकाबले में महागठबंधन प्रत्याशी की रूप में अशोक कुमार को मैदान में उतारा था. इसी तरह 2019 में मांडू विधानसभा सीट भी महागठबंधन में झामुमो के कोटे में गयी थी और तब भाजपा प्रत्याशी जेपी पटेल के मुकाबले में जेएमएम ने रामप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया था.

झारखंड विधानसभा की 33 सीट पर चुनाव लड़ने के पीछे क्या है तर्क

आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में कम से कम 33 सीट पर चुनाव लड़ने की प्रदेश प्रभारी की घोषणा को झारखंड कांग्रेस ने सही करार दिया है. इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य में 33 विधानसभा की सीट पर हमारी दावेदारी के पीछे मजबूत तर्क भी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में हमें 31 सीटें महागठबंधन में मिली थी और मांडू के भाजपा विधायक जेपी पटेल और पोड़ैयाहाट से जेवीएम विधायक प्रदीप यादव हमारे दल में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में 31+2= 33 का हमारा दावा जायज है.

मांडू और पोड़ैयाहाट हमारी सीट, खटास बढ़ाने वाले बयान से परहेज करें कांग्रेस के नेता- झामुमो

कांग्रेस द्वारा एकतरफा 33 विधानसभा सीट पर दावेदारी ठोकने से झारखंड मुक्ति मोर्चा हतप्रभ है. पार्टी नेता मनोज पांडेय ने कहा कि मांडू विधानसभा सीट झामुमो की परंपरागत सीट रही है, पोड़ैयाहाट भी 2019 में झामुमो को मिला था ऐसे में ये दोनों सीट झामुमो की है. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि कोई विधायक किसी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में चला जाए तो वोटर और कार्यकर्ता भी शिफ्ट हो जाते हैं. झामुमो नेता ने आपसी खटास पैदा करने वाले बयान से परहेज करने की सलाह कांग्रेस के नेताओं को दी है.

2000 से लगातार पोड़ैयाहाट से विधायक रहे प्रदीप यादव, मांडू में टेकलाल महतो का रहा जलवा

जिन दो विधानसभा सीटों को लेकर झामुमो और कांग्रेस में किचकिच शुरू हुई है, उसमें से एक पोड़ैयाहाट पर वर्ष 2000 से लगातार प्रदीप यादव विधायक हैं. वर्ष 2000 और 2005 में भाजपा के सिंबल पर वह विधायक बनें तो 2009, 2014 और 2019 में जेवीएम के सिंबल पर चुनाव जीत कर विधायक बनें. वहीं मांडू विधानसभा सीट पर लंबे समय से झामुमो और टेकलाल महतो का जलवा रहा है. 1995 से लेकर 2019 तक के छह विधानसभा चुनाव में चार बार झामुमो और एक-एक बार जदयू और भाजपा के खाते में गया है. 2019 में टेकलाल महतो के बेटे ही भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे और वे अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस की बैठक में लोकसभा चुनाव परिणाम की हुई समीक्षा, राज्य प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा- बॉटम से टॉप तक हर किसी की जवाबदेही तय होगी - Jharkhand Congress Meeting

इसे भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव तैयारी में जुटा आयोग, वोटर की शिकायत दूर करने के लिए चलेगा अभियान - Jharkhand Assembly elections

इसे भी पढ़ें- चतरा संसदीय क्षेत्र में बंपर जीत के बाद भी भाजपा चिंतित, हार से इंडिया गठबंधन भी परेशान, विधानसभा में कैसे लगेगी नैया पार - Chatra lok Sabha Election Result 2024

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब झारखंड में राजनीतिक दलों के नेता इसी वर्ष के अंत के होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में लग गए हैं. इस संबंध में पहला बयान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर का आया कि पार्टी ने विधिवत रूप से विधानसभा की 33 सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

विधानसभा सीटों की शेयरिंग पर कांग्रेस और झामुमो के नेताओं के बयान (ETV Bharat)

ऐसे में सवाल यह है कि 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी को तब 31 विधानसभा सीट मिलीं थी. अब दावा 33 विधानसभा सीट का क्यों है. क्या महागठबंधन के दूसरे दल आसानी से इसे स्वीकार लेंगे या यह राज्य में सत्तारूढ़ तीन दलों में आपसी खटपट की शुरुआत भर है. इसके अलावा कोई प्रेशर पॉलिटिक्स की कवायद की जा रही है. ऐसे कई सवाल प्रदेश की सियासी फिजा में गूंज रही है.

हैरानी की बात यह है कि जिन दो विधानसभा सीटों पर अब कांग्रेस अपना हक जता रही है. वह दोनों सीटें पोड़ैयाहाट और मांडू 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कोटे में गयी थी. उस समय झामुमो ने झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार प्रदीप यादव के मुकाबले में महागठबंधन प्रत्याशी की रूप में अशोक कुमार को मैदान में उतारा था. इसी तरह 2019 में मांडू विधानसभा सीट भी महागठबंधन में झामुमो के कोटे में गयी थी और तब भाजपा प्रत्याशी जेपी पटेल के मुकाबले में जेएमएम ने रामप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया था.

झारखंड विधानसभा की 33 सीट पर चुनाव लड़ने के पीछे क्या है तर्क

आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में कम से कम 33 सीट पर चुनाव लड़ने की प्रदेश प्रभारी की घोषणा को झारखंड कांग्रेस ने सही करार दिया है. इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य में 33 विधानसभा की सीट पर हमारी दावेदारी के पीछे मजबूत तर्क भी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में हमें 31 सीटें महागठबंधन में मिली थी और मांडू के भाजपा विधायक जेपी पटेल और पोड़ैयाहाट से जेवीएम विधायक प्रदीप यादव हमारे दल में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में 31+2= 33 का हमारा दावा जायज है.

मांडू और पोड़ैयाहाट हमारी सीट, खटास बढ़ाने वाले बयान से परहेज करें कांग्रेस के नेता- झामुमो

कांग्रेस द्वारा एकतरफा 33 विधानसभा सीट पर दावेदारी ठोकने से झारखंड मुक्ति मोर्चा हतप्रभ है. पार्टी नेता मनोज पांडेय ने कहा कि मांडू विधानसभा सीट झामुमो की परंपरागत सीट रही है, पोड़ैयाहाट भी 2019 में झामुमो को मिला था ऐसे में ये दोनों सीट झामुमो की है. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि कोई विधायक किसी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में चला जाए तो वोटर और कार्यकर्ता भी शिफ्ट हो जाते हैं. झामुमो नेता ने आपसी खटास पैदा करने वाले बयान से परहेज करने की सलाह कांग्रेस के नेताओं को दी है.

2000 से लगातार पोड़ैयाहाट से विधायक रहे प्रदीप यादव, मांडू में टेकलाल महतो का रहा जलवा

जिन दो विधानसभा सीटों को लेकर झामुमो और कांग्रेस में किचकिच शुरू हुई है, उसमें से एक पोड़ैयाहाट पर वर्ष 2000 से लगातार प्रदीप यादव विधायक हैं. वर्ष 2000 और 2005 में भाजपा के सिंबल पर वह विधायक बनें तो 2009, 2014 और 2019 में जेवीएम के सिंबल पर चुनाव जीत कर विधायक बनें. वहीं मांडू विधानसभा सीट पर लंबे समय से झामुमो और टेकलाल महतो का जलवा रहा है. 1995 से लेकर 2019 तक के छह विधानसभा चुनाव में चार बार झामुमो और एक-एक बार जदयू और भाजपा के खाते में गया है. 2019 में टेकलाल महतो के बेटे ही भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे और वे अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.

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