नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित महाराष्ट्र और हरियाणा कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है. दोनों राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर आश्वस्त कांग्रेस ने संभावित टिकट चाहने वालों से आवेदन लेना शुरू कर दिया है, ताकि नवंबर में संभावित चुनावों से पहले स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा सके. इसके साथ ही उन्हें इसमें शामिल किया जा सके.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सामान्य वर्ग से आवेदन करने वालों के लिए प्रति निर्वाचन क्षेत्र 20,000 रुपये, जबकि अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और महिला वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों के लिए 5,000 रुपये निर्धारित किए गए हैं.
महाराष्ट्र के प्रभारी ने कहा कि इसका उद्देश्य पार्टी फंड इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि केवल गंभीर उम्मीदवार ही चुनाव के लिए आगे आएं. चूंकि पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और कांग्रेस के पक्ष में मजबूत रुझान है, इसलिए हमें उम्मीदवारों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. यह कदम इसलिए भी उठाया गया है ताकि गंभीर उम्मीदवारों को टिकट के लिए भीड़ से अलग किया जा सके, जो आमतौर पर चुनावी मौसम से जुड़ी होती है.
महाराष्ट्र के प्रभारी AICC सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत को बताया कि इससे पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में मदद मिलती है. वे सभी लोग जिन्होंने वर्षों से कड़ी मेहनत की है और चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, वे चुनाव संबंधी गतिविधि की शुरुआत को लेकर उत्साहित हैं. शुल्क केवल यह सुनिश्चित करने के लिए मामूली है कि केवल गंभीर लोग ही आवेदन करें
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस कई साल पहले राज्य में बहुत मजबूत थी और हमें विश्वास है कि हम अपनी स्थिति में फिर से काफी सुधार करेंगे. चूंकि हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आगामी चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए एमवीए सहयोगियों शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी के साथ संयुक्त रणनीति बनाई जा रही है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार विपक्षी महा विकास अघाड़ी के शीर्ष नेताओं की एक संयुक्त बैठक 5 जुलाई को मुंबई में हुई थी, जिसमें जिला स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करने की रणनीति पर चर्चा की गई थी
महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ नसीन खान ने ईटीवी भारत से कहा कि जल्द ही गठबंधन सहयोगियों के जिला-स्तरीय प्रमुखों की बैठक होगी. हम चाहते हैं कि गठबंधन जमीन पर काम करे. इससे संयुक्त अभियान भी चलेंगे. किसानों की उपेक्षा, मराठा आरक्षण, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे राज्य सरकार के खिलाफ प्रमुख मुद्दे होंगे.
उन्होंने कहा कि हम टिकट चाहने वालों से आवेदन लेना शुरू कर दिये है, लेकिन अभी तक सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है. मुख्य ध्यान प्रत्येक विधानसभा सीट पर जीतने वाले उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर है. लोकसभा चुनाव के दौरान एमवीए को कुल 288 विधानसभा सीटों में से 146 सीटों पर बढ़त मिली थी. आने वाले चुनावों में हम इसे 200 सीटों तक ले जाएंगे.
वहीं, लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित हरियाणा कांग्रेस ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची बनाने की कवायद शुरू कर दी है. पार्टी ने उम्मीदवारों को विशेष रूप से डिजाइन किए गए आवेदन पत्र भरने के लिए आमंत्रित किया है और विभिन्न श्रेणियों के लिए मूल्य निर्धारित किए हैं.
हरियाणा में, राज्य इकाई के प्रमुख उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें चुनाव तक व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम चलाने और लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए कहा है.
हुड्डा ने ईटीवी भारत से कहा कि राज्य में लोग भाजपा सरकार से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं. कांग्रेस ने राज्य में लोकसभा चुनावों के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और विधानसभा में कम से कम 90 में से 70 सीटें जीतकर सरकार बनाने की ओर अग्रसर है. यह एक संभावना है, लेकिन हमें लोगों के साथ रहना होगा और उनके लिए लड़ना होगा.
भाजपा और जेजेपी कार्यकर्ता पूरे राज्य में कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. राज्य में कांग्रेस मजबूत है और आने वाले चुनावों में अपने दम पर जीत हासिल करेगी. राज्य सरकार पिछले पांच सालों में जनविरोधी नीतियां बनाती रही है, लेकिन अब नए वादे कर रही है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि पुराने वादों का क्या हुआ.