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महाराष्ट्र MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग, खड़गे कांग्रेस विधायकों के खिलाफ लेंगे एक्शन - Cross voting in MLC Poll - CROSS VOTING IN MLC POLL

Cross voting in MLC Poll: हाल में हुए महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भाजपा गठबंधन ने जोरदार प्रदर्शन किया था. 11 में नौ सीटों पर भाजपा गठबंधन ने कब्जा जमाया. सबसे अधिक पांच सीटों पर भाजपा और शिवसेना व राकांपा ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने एक और शिवसेना (यूबीटी) ने एक-एक सीट जीती. जबकि एक सीट पर जयंत पाटिल को हार का सामना करना पड़ा. खबर है कि, कांग्रेस क्रॉस वोटिंग में शामिल विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

ANI
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो) (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 17, 2024, 10:15 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे महाराष्ट्र में हाल के एमएलसी चुनावों के दौरान पार्टी के लगभग सात विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग से नाराज हैं. बता दें कि, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को पछाड़ने की तैयारी कर रहा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला द्वारा एआईसीसी के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद खड़गे दोषी विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में जीतेश अंतापुरकर, मोहन हमबारडे, सुलभा खोडके, जीशान सिद्दीकी और हिरामन खोशकर हैं.

कांग्रेस क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर कार्रवाई करेगी
क्रॉस वोटिंग मामले पर महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरण सिंह सपरा ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर एक्शन लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, राज्य इकाई ने इस मामले पर एआईसीसी को रिपोर्ट भेज दी है. उन्होंने कहा कि, आगे आलाकमान अब उचित कार्रवाई करेगा. एमएलसी चुनावों में कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपी-एसपी वाले महा विकास अघाड़ी को झटका लगा था. यह झटका लोकसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी वाले सत्तारूढ़ महायुति के मुकाबले विपक्षी गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन के बाद लगा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि एमवीए कुछ शिवसेना और राकांपा विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग पर भरोसा कर रही थी, लेकिन कुछ कांग्रेस विधायकों द्वारा महायुति के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के कारण उसने जिन तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से एक हार गई. वहीं, महायुति (गठबंधन) अपने सभी नौ उम्मीदवार जिताने में सफल रही.

क्रॉस वोटिंग से महा विकास अघाड़ी को नुकसान
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, हाल के एमएलसी चुनावों में क्रॉस वोटिंग करने वाले दोषी विधायकों की पहचान करना गुप्त मतदान में आसान काम नहीं था. लेकिन संदेह की सुई जीतेश अंतापुरकर, मोहन हमबारडे, सुलभा खोडके, जीशान सिद्दीकी और हिरामन खोशकर जैसे विधायकों पर गई है. हालांकि कांग्रेस कुल 48 लोकसभा सीटों में से 13 जीतकर पश्चिमी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन सबसे पुरानी पार्टी पहले भी क्रॉस-वोटिंग की समस्या से जूझ चुकी है. 2022 में, जब एमवीए सत्ता में थी, राज्य विधानसभा में 44 कांग्रेस विधायकों में से लगभग 7 ने क्रॉस-वोटिंग की, जिससे एमएलसी चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार, राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत हंडोरे की हार हुई.

2023 में, खड़गे के निर्देश पर कांग्रेस अनुशासन समिति ने एमएलसी डॉ. सुधीर तांबे को निलंबित कर दिया था और नासिक डिवीजन ग्रेजुएट्स निर्वाचन क्षेत्र से आगामी एमएलसी चुनावों के लिए नामांकन दाखिल नहीं करने के बाद जांच शुरू की थी. इसके बजाय, डॉ तांबे के बेटे और युवा कांग्रेस के पूर्व नेता सत्यजीत तांबे, जिन्हें सबसे पुरानी पार्टी ने विद्रोही घोषित कर दिया था, ने भाजपा की मदद से एमएलसी चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को महत्वपूर्ण राज्य चुनावों से पहले खुद को स्थापित करने की ज़रूरत थी. एमवीए सत्तारूढ़ महायुति के भीतर कथित बेचैनी से उत्साहित थी. 'आज लगभग चार राकांपा अजीत पवार नेता राकांपा-शरद पवार समूह में शामिल हो गए. यह राकांपा के भीतर बेचैनी का संकेत देता है, क्योंकि इसके कई विधायक विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर पाला बदल सकते हैं. भाजपा भी अजित पवार से खुश नहीं है. वह इसलिए क्योंकि, राकांपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन के दौरान हटा दिया गया था. भाजपा को अब राकांपा उपयोगी नहीं लगती और इससे क्षेत्रीय पार्टी में बेचैनी बढ़ रही है.' हाल ही में शरद पवार के रिश्तेदार रोहित पवार ने दावा किया था कि एनसीपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही पाला बदल सकते हैं.

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव परिणाम: महायुति के सभी 9 उम्मीदवार जीते, MVA के खाते में आई दो सीटें

नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे महाराष्ट्र में हाल के एमएलसी चुनावों के दौरान पार्टी के लगभग सात विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग से नाराज हैं. बता दें कि, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को पछाड़ने की तैयारी कर रहा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला द्वारा एआईसीसी के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद खड़गे दोषी विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में जीतेश अंतापुरकर, मोहन हमबारडे, सुलभा खोडके, जीशान सिद्दीकी और हिरामन खोशकर हैं.

कांग्रेस क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर कार्रवाई करेगी
क्रॉस वोटिंग मामले पर महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरण सिंह सपरा ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह एक गंभीर मुद्दा है और इस पर एक्शन लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, राज्य इकाई ने इस मामले पर एआईसीसी को रिपोर्ट भेज दी है. उन्होंने कहा कि, आगे आलाकमान अब उचित कार्रवाई करेगा. एमएलसी चुनावों में कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपी-एसपी वाले महा विकास अघाड़ी को झटका लगा था. यह झटका लोकसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी वाले सत्तारूढ़ महायुति के मुकाबले विपक्षी गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन के बाद लगा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि एमवीए कुछ शिवसेना और राकांपा विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग पर भरोसा कर रही थी, लेकिन कुछ कांग्रेस विधायकों द्वारा महायुति के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के कारण उसने जिन तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से एक हार गई. वहीं, महायुति (गठबंधन) अपने सभी नौ उम्मीदवार जिताने में सफल रही.

क्रॉस वोटिंग से महा विकास अघाड़ी को नुकसान
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, हाल के एमएलसी चुनावों में क्रॉस वोटिंग करने वाले दोषी विधायकों की पहचान करना गुप्त मतदान में आसान काम नहीं था. लेकिन संदेह की सुई जीतेश अंतापुरकर, मोहन हमबारडे, सुलभा खोडके, जीशान सिद्दीकी और हिरामन खोशकर जैसे विधायकों पर गई है. हालांकि कांग्रेस कुल 48 लोकसभा सीटों में से 13 जीतकर पश्चिमी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन सबसे पुरानी पार्टी पहले भी क्रॉस-वोटिंग की समस्या से जूझ चुकी है. 2022 में, जब एमवीए सत्ता में थी, राज्य विधानसभा में 44 कांग्रेस विधायकों में से लगभग 7 ने क्रॉस-वोटिंग की, जिससे एमएलसी चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार, राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत हंडोरे की हार हुई.

2023 में, खड़गे के निर्देश पर कांग्रेस अनुशासन समिति ने एमएलसी डॉ. सुधीर तांबे को निलंबित कर दिया था और नासिक डिवीजन ग्रेजुएट्स निर्वाचन क्षेत्र से आगामी एमएलसी चुनावों के लिए नामांकन दाखिल नहीं करने के बाद जांच शुरू की थी. इसके बजाय, डॉ तांबे के बेटे और युवा कांग्रेस के पूर्व नेता सत्यजीत तांबे, जिन्हें सबसे पुरानी पार्टी ने विद्रोही घोषित कर दिया था, ने भाजपा की मदद से एमएलसी चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को महत्वपूर्ण राज्य चुनावों से पहले खुद को स्थापित करने की ज़रूरत थी. एमवीए सत्तारूढ़ महायुति के भीतर कथित बेचैनी से उत्साहित थी. 'आज लगभग चार राकांपा अजीत पवार नेता राकांपा-शरद पवार समूह में शामिल हो गए. यह राकांपा के भीतर बेचैनी का संकेत देता है, क्योंकि इसके कई विधायक विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर पाला बदल सकते हैं. भाजपा भी अजित पवार से खुश नहीं है. वह इसलिए क्योंकि, राकांपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन के दौरान हटा दिया गया था. भाजपा को अब राकांपा उपयोगी नहीं लगती और इससे क्षेत्रीय पार्टी में बेचैनी बढ़ रही है.' हाल ही में शरद पवार के रिश्तेदार रोहित पवार ने दावा किया था कि एनसीपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही पाला बदल सकते हैं.

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