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पार्टी में शामिल हुए कई नए नेताओं को टिकट दे सकती है कांग्रेस, कहा- मजबूत होगा I.N.D.I.A. गठबंधन

JAP Alliance with Congress Party, बिहार के दिग्गज नेता पप्पू यादव ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया और ऐलान किया कि वह लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में करेंगे. इस विलय के बाद कांग्रेस पार्टी का कहना है कि पप्पू यादव के आने से I.N.D.I.A. गठबंधन मजबूत होगा. पढ़ें इस मुद्दे पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 20, 2024, 8:51 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के नेता बुधवार को आमद के मौसम से उत्साहित थे, जिसके दौरान भाजपा, बीआरएस और बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी लोकसभा चुनाव से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल हो गए. बुधवार को झारखंड भाजपा के मौजूदा विधायक और सचेतक जेपी पटेल, पूर्व सांसद लाल सिंह सहित कई लोगों के शामिल होने का सिलसिला शुरू हुआ, जो भाजपा में चले गए थे.

लेकिन बाद में बिहार के नेता और जन अधिकार पार्टी के संस्थापक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और निलंबित बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने अपना खुद का संगठन डोगरा स्वाभिमान पार्टी बना लिया. उनसे पहले, हरियाणा के मौजूदा भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद बीरेंद्र सिंह के बेटे, राजस्थान में मौजूदा भाजपा सांसद राहुल कासवान और तेलंगाना के कई बीआरएस नेता हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे.

दो बार कांग्रेस सांसद रहे लाल सिंह को उधमपुर सीट से टिकट मिलने की संभावना है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला को जम्मू सीट से मैदान में उतारे जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को पूर्णिया सीट से टिकट मिल सकता है, जबकि दानिश अली को उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है.

राहुल कस्वां को पहले ही राजस्थान की चुरू सीट से टिकट दिया जा चुका है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'प्रियंका गांधी ने लाल सिंह की वापसी में भूमिका निभाई. आने वाले दिनों में और भी लोग शामिल होंगे.' एआईसीसी के बिहार प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि 'पप्पू यादव कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित थे और उनकी पार्टी के विलय से बिहार की राजनीति बदल जाएगी.'

उन्होंने कहा कि 'वे कांग्रेस की न्याय गारंटी से भी प्रभावित थे. उनके शामिल होने से I.N.D.I.A. गठबंधन मजबूत होगा.' उन्होंने कहा कि 'इन नेताओं को एहसास हो रहा है कि राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी यात्रा के दौरान उजागर किया जा रहा सामाजिक न्याय का नारा जमीनी हकीकत को दर्शाता है, जो कि भाजपा के 400 से अधिक सीटों के दावे से बहुत दूर है.'

लाल सिंह ने कहा कि 'उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया, लेकिन अगर वे वहां चुनाव हार गए तो यह संख्या निरर्थक हो जाएगी.' दानिश अली, जिनका पहले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने मजाक उड़ाया था, को टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा का समर्थन करने के बाद बसपा से निलंबित कर दिया गया था. बाद में, राहुल गांधी ने सांसद के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अली से मुलाकात की थी.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया कि 'अली के शामिल होने से हमें पश्चिमी हिस्सों में मदद मिलेगी. यह बसपा के भीतर बेचैनी का भी संकेत देता है.' पूर्व बसपा सांसद इमरान मसूद पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और उनके सहारनपुर सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है. तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव रोहित चौधरी के अनुसार, बीआरएस नेताओं का कांग्रेस में पलायन दर्शाता है कि क्षेत्रीय पार्टी दक्षिणी राज्य में ढह रही है.

चौधरी ने बताया कि 'यह एक स्पष्ट संकेत है कि पिछले 10 वर्षों में राज्य पर शासन करने वाली बीआरएस ढह रही है. कांग्रेस सत्ता में तो है, लेकिन अपना प्रभाव भी बढ़ा रही है. इससे हमें आगामी राष्ट्रीय चुनावों में मदद मिलेगी.' हाल ही में बीआरएस से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वालों में विधायक दानम नागेंद्र और सांसद रंजीत रेड्डी शामिल हैं.

इसके अलावा, कई बीआरएस नेता जो स्थानीय निकायों में प्रतिनिधि थे, वे भी कांग्रेस में चले गए हैं. चौधरी ने कहा कि 'बीआरएस नेताओं का पलायन विधानसभा चुनाव से पहले भी देखा गया था और यहां तक कि कुछ भाजपा नेता भी हमारे साथ शामिल हुए थे.'

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के नेता बुधवार को आमद के मौसम से उत्साहित थे, जिसके दौरान भाजपा, बीआरएस और बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी लोकसभा चुनाव से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल हो गए. बुधवार को झारखंड भाजपा के मौजूदा विधायक और सचेतक जेपी पटेल, पूर्व सांसद लाल सिंह सहित कई लोगों के शामिल होने का सिलसिला शुरू हुआ, जो भाजपा में चले गए थे.

लेकिन बाद में बिहार के नेता और जन अधिकार पार्टी के संस्थापक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और निलंबित बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने अपना खुद का संगठन डोगरा स्वाभिमान पार्टी बना लिया. उनसे पहले, हरियाणा के मौजूदा भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद बीरेंद्र सिंह के बेटे, राजस्थान में मौजूदा भाजपा सांसद राहुल कासवान और तेलंगाना के कई बीआरएस नेता हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे.

दो बार कांग्रेस सांसद रहे लाल सिंह को उधमपुर सीट से टिकट मिलने की संभावना है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला को जम्मू सीट से मैदान में उतारे जाने की संभावना है. उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को पूर्णिया सीट से टिकट मिल सकता है, जबकि दानिश अली को उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है.

राहुल कस्वां को पहले ही राजस्थान की चुरू सीट से टिकट दिया जा चुका है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'प्रियंका गांधी ने लाल सिंह की वापसी में भूमिका निभाई. आने वाले दिनों में और भी लोग शामिल होंगे.' एआईसीसी के बिहार प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि 'पप्पू यादव कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित थे और उनकी पार्टी के विलय से बिहार की राजनीति बदल जाएगी.'

उन्होंने कहा कि 'वे कांग्रेस की न्याय गारंटी से भी प्रभावित थे. उनके शामिल होने से I.N.D.I.A. गठबंधन मजबूत होगा.' उन्होंने कहा कि 'इन नेताओं को एहसास हो रहा है कि राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी यात्रा के दौरान उजागर किया जा रहा सामाजिक न्याय का नारा जमीनी हकीकत को दर्शाता है, जो कि भाजपा के 400 से अधिक सीटों के दावे से बहुत दूर है.'

लाल सिंह ने कहा कि 'उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया, लेकिन अगर वे वहां चुनाव हार गए तो यह संख्या निरर्थक हो जाएगी.' दानिश अली, जिनका पहले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने मजाक उड़ाया था, को टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा का समर्थन करने के बाद बसपा से निलंबित कर दिया गया था. बाद में, राहुल गांधी ने सांसद के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अली से मुलाकात की थी.

यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया कि 'अली के शामिल होने से हमें पश्चिमी हिस्सों में मदद मिलेगी. यह बसपा के भीतर बेचैनी का भी संकेत देता है.' पूर्व बसपा सांसद इमरान मसूद पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और उनके सहारनपुर सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है. तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव रोहित चौधरी के अनुसार, बीआरएस नेताओं का कांग्रेस में पलायन दर्शाता है कि क्षेत्रीय पार्टी दक्षिणी राज्य में ढह रही है.

चौधरी ने बताया कि 'यह एक स्पष्ट संकेत है कि पिछले 10 वर्षों में राज्य पर शासन करने वाली बीआरएस ढह रही है. कांग्रेस सत्ता में तो है, लेकिन अपना प्रभाव भी बढ़ा रही है. इससे हमें आगामी राष्ट्रीय चुनावों में मदद मिलेगी.' हाल ही में बीआरएस से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वालों में विधायक दानम नागेंद्र और सांसद रंजीत रेड्डी शामिल हैं.

इसके अलावा, कई बीआरएस नेता जो स्थानीय निकायों में प्रतिनिधि थे, वे भी कांग्रेस में चले गए हैं. चौधरी ने कहा कि 'बीआरएस नेताओं का पलायन विधानसभा चुनाव से पहले भी देखा गया था और यहां तक कि कुछ भाजपा नेता भी हमारे साथ शामिल हुए थे.'

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