लातेहार: झारखंड के लातेहार का उदयपुरा गांव समाज के लिए एक मिसाल है. आदिवासी बहुल इस गांव के ग्रामीण गांव में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. इस गांव में खुले में शौच पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. लातेहार जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी ग्रामीणों के इस प्रयास की सराहना करते हैं.
दरअसल, लातेहार जिले का उदयपुरा गांव जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह गांव पूरी तरह से आदिवासी बहुल है. इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के ग्रामीण गांव में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. सभी ग्रामीणों के घरों में शौचालय हैं, जिनका उपयोग भी किया जाता है. इस गांव में खुले में शौच पर पूरी तरह से प्रतिबंध है.
इसके अलावा गांव में गंदगी फैलाने पर भी रोक है. करीब 500 की आबादी वाले इस गांव के ग्रामीण स्वच्छता के प्रति इतने जागरूक हैं कि यहां गंदगी का नामोनिशान नहीं है. गांव को इस मुकाम तक पहुंचाने में यहां की महिलाओं की भूमिका सबसे अहम रही है.
सुनीता बनीं प्रणेता, रानी मिस्त्री से बन गईं मुखिया
उदयपुरा गांव में स्वच्छता की अलख जगाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाली महिला हैं सुनीता देवी. सुनीता देवी पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं. बाद में जब सरकार ने हर घर में शौचालय बनाने की योजना शुरू की तो सुनीता ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
शौचालय बनाने वाले राजमिस्त्रियों की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने खुद राजमिस्त्री की ट्रेनिंग ली और रानी मिस्त्री बन गईं और अन्य महिलाओं की मदद से ग्रामीणों के घरों में शौचालयों का निर्माण कराया. सुनीता देवी ने महिलाओं को जागरूक करते हुए ग्रामीणों को शौचालय का उपयोग करने के लिए भी जागरूक किया. गांव की महिलाओं का यह प्रयास सफल रहा और लोग शौचालय का उपयोग करने लगे.
सुनीता देवी को किया गया राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित
गांव में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सुनीता देवी को दिल्ली में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. बाद में सुनीता देवी ने पंचायत चुनाव लड़ा और अपने पंचायत की मुखिया बनीं. सुनीता देवी बताती हैं कि गांव के लोगों को शौचालय के इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने के लिए गांव की महिलाओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन आखिरकार ग्रामीणों को शौचालय का महत्व समझ में आया और उन्होंने इसका उपयोग करना शुरू कर दिया.
अधिकारी भी करते हैं ग्रामीणों की तारीफ
इधर जिले के अधिकारी भी उदयपुरा गांव के ग्रामीणों की तारीफ करते हैं. लातेहार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार महतो ने बताया कि उदयपुरा गांव फिलहाल खुले में शौच मुक्त गांव बन गया है. यहां कूड़ा-कचरा या गोबर आदि रखने के लिए जगह-जगह किट बनाए गए हैं. इसके अलावा गांव को पूरी तरह से नल जल योजना से कवर कर दिया गया है.
लातेहार डीसी गरिमा सिंह ने कहा कि उदयपुरा गांव समाज के लिए एक मिसाल है. इस गांव से अन्य लोगों को भी सीख लेने की जरूरत है. इस गांव की महिलाएं पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.