तमिलनाडु : चेन्नई जिला प्रधान सत्र न्यायालय में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को एआईएडीएमके के एडप्पादी करुप्पा पलानीस्वामी (ईपीएस) और राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया. मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में यह मुकदमा दायर किया गया है. मुख्यमंत्री की ओर से सरकारी वकील ने विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि विपक्षी नेताओं ने राजनीतिक शत्रुता से प्रेरित होकर मानहानिकारक आरोपों के जरिए मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का जानबूझकर प्रयास किया है. ईपीएस और अन्नामाली ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह में निष्कासित डीएमके सदस्य जाफर सादिक अब्दुल रहमान की कथित संलिप्तता के लिए डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की.
9 मार्च को, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने 2,000 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क पर एजेंसी की हालिया कार्रवाई के सिलसिले में डीएमके के पूर्व पदाधिकारी और तमिल फिल्म निर्माता जाफर सादिक को गिरफ्तार किया था. एनसीबी ने जाफर सादिक पर भारत-ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है.
सादिक डीएमके के एनआरआई विंग में चेन्नई वेस्ट डिप्टी ऑर्गेनाइजर का पद संभाल रहे थे. विशेष रूप से, 25 फरवरी को, DMK ने सादिक को पार्टी को बदनाम करने वाली गतिविधियों में शामिल होने के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. ईपीएस ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि तमिलनाडु ड्रग तस्करों के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है और द्रमुक के लिए एक पदाधिकारी का ड्रग रैकेट में शामिल होना शर्मनाक है.
इसी तरह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक्स पर अपने सोशल मीडिया पेज पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें सीएम स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को इस मामले से जोड़ा गया. मीडिया से अन्नामलाई ने कहा कि एनसीबी को मामले की तह तक जाना चाहिए और सादिक के सभी सहयोगियों को पकड़ना चाहिए, जो डीएमके में महत्वपूर्ण पद पर थे और उन्होंने अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया.