सिलचर : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष के खिलाफ एक बड़ा बयान दे दिया है. इस बयान के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि जो भी जीतेगा वह बाद में भाजपा में शामिल हो जाएगा, केवल एक को छोड़कर. करीमगंज जिला भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की.
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि कोई भी उम्मीदवार कांग्रेस में नहीं रहना चाहता, हर कोई बीजेपी में शामिल होना चाहता है. उन्होंने आगे कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ता भी पीएम मोदी को वोट देंगे. हम राज्य में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए काम कर रहे हैं. अल्पसंख्यक युवाओं को बिना रिश्वत दिए नौकरियां मिल रही हैं. अल्पसंख्यक हमें वोट देंगे. विशेष रूप से करीमगंज अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या जो चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें वोट देंगे.
सरमा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन 14 में से 11 सीटें सुरक्षित करेगा और तीन सीटें जो अभी भी बची हुई हैं, वो भी भाजपा के खाते में ही आएगा. हेमंत सरमा ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूर्य हैं और हम चंद्रमा हैं. बता दें, इस बैठक में करीमगंज संसदीय क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार कृपानाथ मल्लाह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता के लिए बड़ी घोषणा की. सरमा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के साथ-साथ भाजपा आम लोगों की जरूरतों की पहचान के लिए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण भी कराएगी. 2026 तक राज्य की जनता की सभी जरूरतें पूरी हो जाएंगी. सर्वेक्षण के पीछे का उद्देश्य असम में विकास और आम लोगों की जरूरतों की वास्तविक तस्वीर प्राप्त करना है. हम पांच बिंदुओं के साथ फॉर्म वितरित करेंगे. सड़कों, पुलों, अरुणोदय कार्ड और अन्य सुविधाओं की आवश्यकता. हम इस वर्ष कक्षा 10 उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं के नाम सूचीबद्ध करेंगे और हम सुनिश्चित करेंगे कि वे इसके बाद अपनी पढ़ाई जारी रखें.
दरअसल, हेमंत सरमा की टिप्पणी राज्य के कई कांग्रेस नेताओं के BJP खेमे में जाने के मद्देनजर आई है. महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले, राज्य की कांग्रेस इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी अपनी पूर्व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के एक दिन बाद BJP में शामिल हो गए. वही, जोरहाट से दो बार के पूर्व विधायक गोस्वामी गुवाहाटी में सरमा और असम भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए. कांग्रेस से उत्तरी करीमगंज सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पुरकायस्थ ने पिछले महीने पद छोड़ दिया और भाजपा सरकार को समर्थन दिया. एक अन्य कांग्रेस विधायक बसंत कुमार दास ने भी सत्तारूढ़ सरकार को समर्थन दिया था.
बता दें, भाजपा असम की 14 लोकसभा सीटों में से 12 पर चुनाव लड़ रही है और दो सीटें अपने सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) के साथ साझा कर रही है. चुनाव आयोग के परिसीमन के बाद, सिलचर अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट बन गई, जबकि करीमगंज अनारक्षित सीट बन गई. चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्य में तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 4 जून को होगी.