गुवाहाटी: भारत जोड़ो न्याय यात्रा के सिलसिले में अपराध जांच विभाग द्वारा असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा को दूसरा समन भेजा गया है. बोरा को 7 मार्च को सीआईडी कार्यालय पहुंचने के लिए कहा गया है. यदि बोरा आदेश का अनुपालन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है. दूसरी ओर, विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया को भी सीआईडी ने तलब किया है. उन्हें छह मार्च को सीआइडी कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया गया है.
इस बीच सूत्रों के मुताबिक 7 मार्च को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपने पिता की पुण्य तिथि के मौके पर अपने घर पर व्यस्त रहेंगे. गौरतलब है कि सीईसी की अहम बैठक 7 मार्च को शाम 6 बजे कांग्रेस मुख्यालय में होगी. उसी दिन कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा. तो क्या बोरा सीआईडी के सामने पेश होते हैं या नहीं, यह उस दिन की उनकी पूर्व व्यस्तताओं को ध्यान में रखते हुए देखना दिलचस्प होगा.
गौरतलब है कि न्याय यात्रा के दौरान खानापारा में बिगड़े हालात पर दो कांग्रेस नेताओं को समन जारी किया गया है. पहले समन में भूपेन बोरा को 2 मार्च को सीआईडी कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था, लेकिन भूपेन बोरा उपस्थित नहीं हुए क्योंकि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे थे.
गौरतलब है कि 23 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गुवाहाटी शहर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. शहर की पुलिस ने भारत की यात्रा को रोकते हुए खानापारा में बैरिकेड्स लगा दिए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए. इससे पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच टकराव हो गया. पुलिस के लाठीचार्ज में भूपेन बोरा, जाकिर हुसैन सिकदर समेत कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गये.
कांग्रेस नेता- राहुल गांधी, जितेंद्र सिंह, के.सी. सिंह पर कानूनी आदेशों की अवज्ञा करने, अनुमति के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने, सरकारी सेवकों को उनके वैध कर्तव्यों को पूरा करने में बाधा डालने और सरकारी सेवकों पर हमला करने के लिए मामला दर्ज किया गया था. कांग्रेस वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, श्रीनिवास बीवी, कन्हैया कुमार, गौरव गोगोई, देबब्रत सैकिया, भूपेन बोरा, जाकिर हुसैन सिकदर, रमेन कुमार सरमा के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे. बाद में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर मामला सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया.