बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोपों की जांच कर रहे अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने पॉक्सो (POCSO) मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में गुरुवार को आरोप पत्र दायर दिया. 14 मार्च को येदियुरप्पा के खिलाफ सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में पॉक्सो मामले के तहत मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा, अरुण, रुद्रेश और मारिस्वामी को आरोपी बनाया है. सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र करीब 750 पन्नों का है और इसमें 75 लोगों को गवाह माना गया है.
नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला
2 फरवरी को अपनी मां के साथ बीएस येदियुरप्पा के घर गई पीड़िता पर यौन उत्पीड़न के आरोप के आधार पर 14 मार्च को सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में येदियुरप्पा के खिलाफ छेड़छाड़ के मामले के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था. 14 मार्च को सीआईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 12 अप्रैल को सुनवाई में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया था.
येदियुरप्पा सीआईडी के सामने पेश हुए
12 अप्रैल को, येदियुरप्पा मामले की सुनवाई में शामिल हुए और आवाज का नमूना दिया. इसी बीच पीड़िता की मां की मौत के बाद एक रिश्तेदार ने पीड़िता की ओर से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की. हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद सीआईडी ने 12 जून को बीएस येदियुरप्पा को नोटिस जारी किया. वहीं,12 जून को सीआईडी की ओर से उनकी गैरहाजिरी के कारण गिरफ्तारी वारंट की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया गया था. बाद में, हाईकोर्ट ने सीआईडी को पूर्व सीएम को गिरफ्तार नहीं करने और उन्हें सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया. जिसके बाद येदियुरप्पा सीआईडी के सामने पेश हुए.
जानें क्या है पूरा मामला
मामला एक नाबालिग लड़की की मां के शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. महिला ने आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने इस साल 2 फरवरी को अपने आवास पर एक बैठक के दौरान उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की. हालांकि, येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया.
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