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इसरो जासूसी मामला: नंबी नारायणन के खिलाफ रची गई थी साजिश, CBI की चार्जशीट में दावा - ISRO Espionage Case - ISRO ESPIONAGE CASE

Nambi Narayanan: इसरो जासूसी मामले में सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि पूरा जासूसी मामला तत्कालीन स्पेशल ब्रांच अधिकारी सीआई एस विजयन ने रचा था. साथ ही नंबी नारायणन को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया गया था.

Nambi Narayanan
नंबी नारायणन (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 11, 2024, 4:01 PM IST

नई दिल्ली: इसरो जासूसी मामले में नंबी नारायणन को टारगेट बनाकर रची गई साजिश मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चौंकाने वाली जानकारी दी है. जांच एजेंसी के मुताबिक उसे जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला.

कोर्ट में पेश चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि पूरा जासूसी मामला तत्कालीन स्पेशल ब्रांच अधिकारी सीआई एस विजयन ने गढ़ा था. पुलिस ने जासूसी मामले में नंबी नारायणन और अन्य को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार विशेष टीम ने केस को मजबूत करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए थे.

मरियम रशीदा के साथ छेड़छाड़ की कोशिश
चार्जशीट के अनुसार एस विजयन ने मालदीव की मूल निवासी मरियम रशीदा की फ्लाइट टिकट और पासपोर्ट हथियाने के बाद केस अपने हाथ में लिया था. सीबीआई ने बताया कि पहले आरोपी ने मरियम रशीदा के साथ उसके होटल के कमरे में छेड़छाड़ करने की कोशिश की. मरियम ने ने इसका विरोध किया. मरियम रशीदा के खिलाफ मामला दर्ज करने का कारण यही रंजिश थी.

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर को बिना किसी सबूत के वंचियूर स्टेशन पर मरियम रशीदा के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था. साथ ही आईबी अधिकारियों को उनकी गिरफ्तारी दर्ज किए बिना ही उनसे पूछताछ करने का मौका दिया गया. आरोप पत्र में कहा गया है कि मरियम रशीदा को हिरासत में यातनाएं दी गईं, ताकि वह अपना अपराध कबूल करलें.

गवाहों के बयान
सीबीआई ने गवाहों के बयानों के आधार पर साजिश मामले की चार्जशीट तैयार की है. मामले में एस विजयन के सहयोगी सुरेश बाबू ने गवाही दी कि एस विजयन को आधिकारिक तौर पर जासूसी मामले की जांच करने के लिए नियुक्त नहीं किया गया था. मीडियाकर्मियों ने भी गवाही दी थी कि पहले आरोपी एस विजयन ने जासूसी मामले की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी थी. सीबीआई की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि एस विजयन का यह दावा झूठा है कि जासूसी मामले का सुझाव सहायक लोक अभियोजक ने दिया था. पूर्व एपीपी हबीबुल्लाह के बयान से इसकी पुष्टि होती है.

नंबी नारायणन
श्रीकृष्ण अस्पताल के मालिक वी सुकुमारन ने कहा है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि नंबी नारायणन को बेरहमी से पीटा गया था और अगर उन्हें और पीटा जाता तो उनकी मौत हो जाती. पुलिस हिरासत में मौजूद नंबी नारायणन को जब आईबी अधिकारियों ने पूछताछ की तो वे लकवाग्रस्त हो गए थे.

सेवानिवृत्त एसपी बेबी चार्ल्स ने बताया कि वे ही डॉ सुकुमारन को नंबी नारायणन की जांच के लिए लाए थे. चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि जयप्रकाश नाम के एक पूर्व आईबी अधिकारी ने पुलिस हिरासत में नंबी नारायणन की पिटाई की थी. पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने गवाही दी थी कि जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला.

नंबी नारायणन को दूसरे आरोपी सिबी मैथ्यूज ने बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था. मैथ्यूज उस समय डीआईजी थे. बता दें कि सीबीआई ने इसरो जासूसी मामले की जांच करने वाली केरल पुलिस और आईबी की विशेष जांच टीम के पांच सदस्यों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की.

यह भी पढे़ं- केरल: विझिंजम बंदरगाह पर पहुंचा बड़ा कंटेनर जहाज 'सैन फर्नांडो', रचा इतिहास

नई दिल्ली: इसरो जासूसी मामले में नंबी नारायणन को टारगेट बनाकर रची गई साजिश मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चौंकाने वाली जानकारी दी है. जांच एजेंसी के मुताबिक उसे जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला.

कोर्ट में पेश चार्जशीट में सीबीआई ने कहा है कि पूरा जासूसी मामला तत्कालीन स्पेशल ब्रांच अधिकारी सीआई एस विजयन ने गढ़ा था. पुलिस ने जासूसी मामले में नंबी नारायणन और अन्य को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार विशेष टीम ने केस को मजबूत करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए थे.

मरियम रशीदा के साथ छेड़छाड़ की कोशिश
चार्जशीट के अनुसार एस विजयन ने मालदीव की मूल निवासी मरियम रशीदा की फ्लाइट टिकट और पासपोर्ट हथियाने के बाद केस अपने हाथ में लिया था. सीबीआई ने बताया कि पहले आरोपी ने मरियम रशीदा के साथ उसके होटल के कमरे में छेड़छाड़ करने की कोशिश की. मरियम ने ने इसका विरोध किया. मरियम रशीदा के खिलाफ मामला दर्ज करने का कारण यही रंजिश थी.

सीबीआई की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर को बिना किसी सबूत के वंचियूर स्टेशन पर मरियम रशीदा के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था. साथ ही आईबी अधिकारियों को उनकी गिरफ्तारी दर्ज किए बिना ही उनसे पूछताछ करने का मौका दिया गया. आरोप पत्र में कहा गया है कि मरियम रशीदा को हिरासत में यातनाएं दी गईं, ताकि वह अपना अपराध कबूल करलें.

गवाहों के बयान
सीबीआई ने गवाहों के बयानों के आधार पर साजिश मामले की चार्जशीट तैयार की है. मामले में एस विजयन के सहयोगी सुरेश बाबू ने गवाही दी कि एस विजयन को आधिकारिक तौर पर जासूसी मामले की जांच करने के लिए नियुक्त नहीं किया गया था. मीडियाकर्मियों ने भी गवाही दी थी कि पहले आरोपी एस विजयन ने जासूसी मामले की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी थी. सीबीआई की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि एस विजयन का यह दावा झूठा है कि जासूसी मामले का सुझाव सहायक लोक अभियोजक ने दिया था. पूर्व एपीपी हबीबुल्लाह के बयान से इसकी पुष्टि होती है.

नंबी नारायणन
श्रीकृष्ण अस्पताल के मालिक वी सुकुमारन ने कहा है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि नंबी नारायणन को बेरहमी से पीटा गया था और अगर उन्हें और पीटा जाता तो उनकी मौत हो जाती. पुलिस हिरासत में मौजूद नंबी नारायणन को जब आईबी अधिकारियों ने पूछताछ की तो वे लकवाग्रस्त हो गए थे.

सेवानिवृत्त एसपी बेबी चार्ल्स ने बताया कि वे ही डॉ सुकुमारन को नंबी नारायणन की जांच के लिए लाए थे. चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि जयप्रकाश नाम के एक पूर्व आईबी अधिकारी ने पुलिस हिरासत में नंबी नारायणन की पिटाई की थी. पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो के सहायक निदेशक विनोद कुमार ने गवाही दी थी कि जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला.

नंबी नारायणन को दूसरे आरोपी सिबी मैथ्यूज ने बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया था. मैथ्यूज उस समय डीआईजी थे. बता दें कि सीबीआई ने इसरो जासूसी मामले की जांच करने वाली केरल पुलिस और आईबी की विशेष जांच टीम के पांच सदस्यों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की.

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