सरगुजा : निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ में इस बार वाकई में लोकतंत्र का महापर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया गया. ऐसे नवाचार मतदान केन्द्रों में किए गए कि मानों किसी पर्व का उत्सव मनाया जा रहा हो. कुछ आदर्श मतदान केन्द्रों को PVTG (विशेष संरक्षित जनजाति, पंडो और पहाड़ी कोरवाओ) के जन जीवन पर आधारित बनाया गया. ये मतदान केंद्र आकर्षण का केंद्र रहे. सरगुजा के पीवीटीजी पोलिंग बूथों पर आदिवासी संस्कृति की महक मतदान में भी शामिल रही.
मांदर की थाप पर थिरकते नजर आए मतदाता: आम तौर पर सरगुजा के PVTG आम जन जीवन में जिन चीजों से जुड़े होते हैं. उनसे ही मतदान केन्द्रों को सजाया गया. मतदान केंद्र के बाहर गुफा बना दी गई. लोग गुफा में प्रवेश कर मतदान करने जा रहे थे. पुरुष शैला नृत्य और महिलाएं सुगा नृत्य कर रही थी. मांदर की थाप पर मतदाता थिरकते हुए मतदान कर रहे थे. इतना ही नही सरगुजा की शादियों में बजने वाला ट्रेडिशनल घसिया बाजा भी मतदान केंद्र पर बजता नजर आया.
समूह बनाकर मतदान करने पहुंचे मतदाता: निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि मूलतः आदिवासी बाहुल्य लोकसभा के मतदाताओं को उनकी अपनी संस्कृति से जोड़कर एक उत्सव का माहौल निर्मित कर दिया गया. जिसका फायदा उन इलाकों में हुआ, जहां कभी मतदान का प्रतिशत कम हुआ करता था. इस बार पंडो और पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग भी समूह बनाकर मतदान करने पहुंचे.
नींबू पानी और ओआरएस घोल की भी थी व्यवस्था: इसके अलावा दिव्यांग रथ निशक्त मतदाताओं का सहारा बना और लोगों को रथ में बैठाकर मतदान केंद्र ले जाया गया. मतदान केंद्रों में एनएसएस और स्काउट एंड गाइड के छात्र भी कमाल की सेवा भावना का परिचय दे रहे थे. हर मतदान केंद्र में ये छात्र लोगों को नींबू पानी और ओआरएस का घोल पिला रहे थे.