रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र का चौथा दिन हंगामेदार रहा. गुरुवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया. वित्त मंत्री द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान साल 2022-23 का त्वरित और साल 2023-24 का अग्रिम अनुमान का विवरण तालिका 1 और 2 में दिया गया है. सकल राज्य घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य पर साल 2022-23 की तुलना में 6.56 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है, जिसमें कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र में 3.23 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग क्षेत्र 7.13 प्रतिशत वृद्धि और सेवा क्षेत्र में 5.02 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है.
जानिए किस क्षेत्र में हुई कितनी वृद्धि: साल 2023-24 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद पर साल 2022-23 के रुपये 4,64,399 करोड़ से बढ़कर रुपये 5,05,887 करोड़ होना संभावित है, जो कि 8.93 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. साल 2022-23 में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र रुपए 89,530 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 97,628 करोड़, इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र में रुपये 1,96,817 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 2,12,903 करोड़ और सेवा क्षेत्र में रुपये 1,53,066 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में रुपये 1,65,891 करोड़ होना संभावित है, जो कि बीते साल की तुलना में प्रतिशत वृद्धि लगभग 9.05, 8.17 और 8.38 प्रतिशत है.
शुक्रवार को पेश होगा बजट: आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि, "बजट पेश करने से पहले पिछले साल का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है. साल 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा में पेश किया गया है. हमारी सरकार शुक्रवार को बजट पेश करेगी. शुक्रवार को पेश होने वाला बजट राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है. छत्तीसगढ़ के जीडीपी को बढ़ाना और समूचा विकास करना हमारी प्राथमिकता है. प्रदेश की जीडीपी 2022-23 में 3 लाख 2 हजार 102 करोड़ थी, जो साल 2023- 24 में 3 लाख 21 हजार 900 करोड़ रुपए हो गई. जीडीपी की विकास दर स्थिर भाव पर 6.16 फीसद रही है. देशभर की जीडीपी की तुलना से वृद्धि दर 7.32 प्रतिशत रही. इससे साफ है कि हमारे छत्तीसगढ़ के विकास की गति धीमी रही है."