रायपुर: छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम में फंसी सौम्या चौरसिया और रानू साहू की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस केस में ईडी की जांच के साथ अब छत्तीसगढ़ की ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है. अब से कुछ दिनों पहले EOW ने जेल में बंद रानू साहू और सौम्या चौरसिया को प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए अपनी कस्टडी में लिया था. बुधवार पांच जून को दोनों की रिमांड अवधि खत्म हो गई. इसके बाद दोनों को EOW ने कोर्ट में पेश किया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सौम्या चौरसिया और रानू साहू को 18 जून तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने दिया है.
18 जून की फिर होगी दोनों की पेशी: सौम्या चौरसिया पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव थीं, जबकि रानू साहू आईएएस के तौर पर छत्तीसगढ़ में सेवा दे रही थी, अभी दोनों निलंबित हैं. अब दोनों की पेशी 18 जून को फिर रायपुर के कोर्ट में होगी. इस केस में निलंबिक आईएएस समीर बिश्नोई और सूर्यकांत तिवारी 10 जून तक EOW की रिमांड पर हैं.
540 करोड़ से ज्यादा का है कोल घोटाला: ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोल स्कैम का खुलासा किया था. ईडी के मुताबिक यह घोटाला करीब 540 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोल लेवी स्कैम में 11 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसमें कारोबारी सुनील अग्रवाल को जमानत मिली है. जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू उसे भी गिरफ्तार करने वाली है. EOW का आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में प्रभावशाली लोगों से मिलकर अवैध रूप से कोयले का परिवहन किया था. इसके लिए एक कार्टेल बनाई गई थी जिससे स्कैम हुआ.
EOW ने कोर्ट में क्या कहा ?: EOW ने स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया था, जिसमें यह कहा गया कि सौम्या चौरसिया को सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार मनीष उपाध्याय और जय नामक व्यक्ति के जरिए 36 करोड रुपए पहुंचाए गए. यह पैसा अवैध रूप से लेवी के जरिए आया. वहीं निलंबित आईएएस रानू साहू ने कोयला घोटाला मामले में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके साथियों के द्वारा ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली करने में मदद की. मदद के बदले में मिलने वाले पैसे से निलंबित आईएएस रानू साहू ने अपने भाई पीयूष साहू और अन्य रिश्तेदारों के नाम से कई चल और अचल संपत्तियां खरीदी है. जांच ऐजेंसियां इन सब पहलुओं पर लगातार जांच कर रही है.