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छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का डंका, एससी/एसटी के लिए आरक्षित सभी 5 लोकसभा सीटों पर जीत - Lok Sabha Election Results 2024

LOK SABHA ELECTION RESULTS 2024 छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने 11 में से 10 सीटों पर कब्जा जमाया. खास बात यह रही कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सभी पांच लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. बीजेपी ने बस्तर सीट भी कांग्रेस से छीन ली है.

LOK SABHA ELECTION RESULTS 2024
छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:05 PM IST

Updated : Jun 5, 2024, 7:25 PM IST

छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर वरिष्ठ पत्रकार का राय (ETV Bharat)

रायपुर : छत्तीसगढ़ की कुल 11 लोकसभा सीटों में से बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा एसटी वर्ग के लिए और जांजगीर-चांपा एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीतीं और कांग्रेस एक सीट बरकरार रखने में सफल रही.

बस्तर लोकसभा क्षेत्र में बड़ा उलटफेर : आरक्षित सीटों में से बस्तर लोकसभा क्षेत्र में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला. बस्तर में भाजपा के महेश कश्यप ने कांग्रेस के प्रभावशाली आदिवासी नेता और मौजूदा विधायक कवासी लखमा के खिलाफ 55,245 वोटों से जीत हासिल की. साल 2019 में कांग्रेस ने जो दो सीटें जीतीं, उनमें बस्तर भी शामिल थी.

कांग्रेस ने इस बार अपने मौजूदा सांसद और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज को हटा दिया. कांग्रेस ने लखमा को मैदान में उतारा, जो छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.

सरगुजा में भाजपा उम्मीदवार चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस के शशि सिंह के खिलाफ 64,822 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. चिंतामणि महाराज पिछले साल के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

2.4 लाख वोट के अंतर से जीते राठिया : रायगढ़ में, भाजपा के राधेश्याम राठिया ने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. मेनका देवी सिंह के खिलाफ 2,40,391 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जो सारंगढ़ के पूर्व शाही परिवार से हैं. कांकेर में बीजेपी के भोजराज नाग ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को 1884 वोटों से हराया. 2019 में भी ठाकुर कांकेर से 6,914 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे.

एससी आरक्षित अकेली सीट पर भी हारी कांग्रेस : एकमात्र एससी-आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट पर, भाजपा के कमलेश जांगड़े ने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राज्य मंत्री शिवकुमार डहरिया को 60,000 वोटों के अंतर से हराया. साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर राज्य बनने के बाद से 2019 तक सभी आरक्षित लोकसभा सीटें कांग्रेस की पकड़ से बाहर थीं. भाजपा ने राज्य में 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में 11 में से 10 सीटें जीती थीं. 2019 में कांग्रेस ने बस्तर समेत दो सीटें जीतीं.

छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों का इतिहास : छत्तीसगढ़ के आदिवासी सीटों पर लोकसभा का चुनावी परिणाम दिलचस्प रहा. बीजेपी ने प्रदेश के सभी आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज की है, जिनमें सरगुजा, रायगढ़, कांकेर, जांजगीर-चांपा और बस्तर शामिल हैं. सरगुजा सीट से चिंतामणि महाराज, कांकेर से भोजराज नाग, बस्तर से दिनेश कश्यप, जांजगीर चांपा से कमलेश जांगड़े और रायगढ़ से राधेश्याम राठिया ने जीत दर्ज किया है. सरगुजा लोकसभा सीट पर साल 2004 से भाजपा का कब्जा है. वहीं रायगढ़ में बीजेपी 1999 से अजेय रही है. जांजगीर चांपा में 2004 से बीजेपी जीतते आ रही है. कांकेर सीट 1999 से भाजपा के पास रही है. बस्तर लोकसभा सीट पर 1999 से 2014 तक भाजपा ने जीत दर्ज की. हालांकि, 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां से जीत दर्ज किया. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई है.

"बस्तर की सीट हमेशा से चुनौती पूर्ण रहती है. इस बार कांग्रेस अपनी सीट बचा नहीं पाई. बस्तर की सीट आदिवासियों के रिप्रजेंटेशन की सीट मानी जाती है. इसे देश की राजनीति में आदिवासियों की पहचान वाली सीट माना जाता है. आजादी के बाद कई बार यह सीट कांग्रेस के पास रही. फिर साल 2019 के पहले यह सीट बीजेपी के पास थी. इस बार बस्तर की सीट को कांग्रेस नहीं बचा पाई. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए गए और समस्या को लेकर जो काम किया जा रहा है जिससे आदिवासियों को भरोसा हुआ. बस्तर की दोनों सीटें बीजेपी को मिल गया. आदिवासियों को बीजेपी ने बहुत अच्छे तरीके से साधा है. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को आदिवासी सीटों पर सफलता मिली है": उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

आदिवासी सीएम चेहरे का मिला फायदा : विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की बड़ी जीत के बाद प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत किया गया. बीजेपी ने आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया. इसी आदिवासी चेहरे का असर अब आदिवासी लोकसभा सीटों के परिणामों में देखने को मिल रहा है.

प्रदेश की आदिवासी सीटों के परिणामों पर एक नजर

सरगुजा लोकसभा सीट

1999 - खेलसाय सिंह - कांग्रेस

2004 - नंद कुमार साय - भाजपा

2009 - मुरारीलाल सिंह - भाजपा

2014 - कमलभान सिंह मराबी - भाजपा

2019 - रेणुका सिंह सरुता - भाजपा

2024 - चिंतामणि महराज - भाजपा

रायगढ़ लोकसभा सीट

1999 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2004 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2009 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2014 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2019 - गोमती साय - भाजपा

2024 - राधेश्‍याम राठिया - भाजपा

बस्तर लोकसभा सीट

1999 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2004 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2009 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2014 - दिनेश कश्यप - भाजपा

2019 - दीपक बैज - कांग्रेस

2024 - महेश कश्‍यप - भाजपा

कांकेर लोकसभा सीट

1999 - सोहन पोटाई - भाजपा

2004 - सोहन पोटाई - भाजपा

2009 - सोहन पोटाई - भाजपा

2014 - विक्रम उसेंडी - भाजपा

2019 - मोहन मंडावी - भाजपा

2024 - भोजराज नाग - भाजपा

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छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर वरिष्ठ पत्रकार का राय (ETV Bharat)

रायपुर : छत्तीसगढ़ की कुल 11 लोकसभा सीटों में से बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा एसटी वर्ग के लिए और जांजगीर-चांपा एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीतीं और कांग्रेस एक सीट बरकरार रखने में सफल रही.

बस्तर लोकसभा क्षेत्र में बड़ा उलटफेर : आरक्षित सीटों में से बस्तर लोकसभा क्षेत्र में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला. बस्तर में भाजपा के महेश कश्यप ने कांग्रेस के प्रभावशाली आदिवासी नेता और मौजूदा विधायक कवासी लखमा के खिलाफ 55,245 वोटों से जीत हासिल की. साल 2019 में कांग्रेस ने जो दो सीटें जीतीं, उनमें बस्तर भी शामिल थी.

कांग्रेस ने इस बार अपने मौजूदा सांसद और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज को हटा दिया. कांग्रेस ने लखमा को मैदान में उतारा, जो छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे.

सरगुजा में भाजपा उम्मीदवार चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस के शशि सिंह के खिलाफ 64,822 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. चिंतामणि महाराज पिछले साल के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

2.4 लाख वोट के अंतर से जीते राठिया : रायगढ़ में, भाजपा के राधेश्याम राठिया ने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. मेनका देवी सिंह के खिलाफ 2,40,391 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जो सारंगढ़ के पूर्व शाही परिवार से हैं. कांकेर में बीजेपी के भोजराज नाग ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को 1884 वोटों से हराया. 2019 में भी ठाकुर कांकेर से 6,914 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे.

एससी आरक्षित अकेली सीट पर भी हारी कांग्रेस : एकमात्र एससी-आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट पर, भाजपा के कमलेश जांगड़े ने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राज्य मंत्री शिवकुमार डहरिया को 60,000 वोटों के अंतर से हराया. साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर राज्य बनने के बाद से 2019 तक सभी आरक्षित लोकसभा सीटें कांग्रेस की पकड़ से बाहर थीं. भाजपा ने राज्य में 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में 11 में से 10 सीटें जीती थीं. 2019 में कांग्रेस ने बस्तर समेत दो सीटें जीतीं.

छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों का इतिहास : छत्तीसगढ़ के आदिवासी सीटों पर लोकसभा का चुनावी परिणाम दिलचस्प रहा. बीजेपी ने प्रदेश के सभी आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज की है, जिनमें सरगुजा, रायगढ़, कांकेर, जांजगीर-चांपा और बस्तर शामिल हैं. सरगुजा सीट से चिंतामणि महाराज, कांकेर से भोजराज नाग, बस्तर से दिनेश कश्यप, जांजगीर चांपा से कमलेश जांगड़े और रायगढ़ से राधेश्याम राठिया ने जीत दर्ज किया है. सरगुजा लोकसभा सीट पर साल 2004 से भाजपा का कब्जा है. वहीं रायगढ़ में बीजेपी 1999 से अजेय रही है. जांजगीर चांपा में 2004 से बीजेपी जीतते आ रही है. कांकेर सीट 1999 से भाजपा के पास रही है. बस्तर लोकसभा सीट पर 1999 से 2014 तक भाजपा ने जीत दर्ज की. हालांकि, 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां से जीत दर्ज किया. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई है.

"बस्तर की सीट हमेशा से चुनौती पूर्ण रहती है. इस बार कांग्रेस अपनी सीट बचा नहीं पाई. बस्तर की सीट आदिवासियों के रिप्रजेंटेशन की सीट मानी जाती है. इसे देश की राजनीति में आदिवासियों की पहचान वाली सीट माना जाता है. आजादी के बाद कई बार यह सीट कांग्रेस के पास रही. फिर साल 2019 के पहले यह सीट बीजेपी के पास थी. इस बार बस्तर की सीट को कांग्रेस नहीं बचा पाई. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए गए और समस्या को लेकर जो काम किया जा रहा है जिससे आदिवासियों को भरोसा हुआ. बस्तर की दोनों सीटें बीजेपी को मिल गया. आदिवासियों को बीजेपी ने बहुत अच्छे तरीके से साधा है. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को आदिवासी सीटों पर सफलता मिली है": उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

आदिवासी सीएम चेहरे का मिला फायदा : विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की बड़ी जीत के बाद प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत किया गया. बीजेपी ने आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया. इसी आदिवासी चेहरे का असर अब आदिवासी लोकसभा सीटों के परिणामों में देखने को मिल रहा है.

प्रदेश की आदिवासी सीटों के परिणामों पर एक नजर

सरगुजा लोकसभा सीट

1999 - खेलसाय सिंह - कांग्रेस

2004 - नंद कुमार साय - भाजपा

2009 - मुरारीलाल सिंह - भाजपा

2014 - कमलभान सिंह मराबी - भाजपा

2019 - रेणुका सिंह सरुता - भाजपा

2024 - चिंतामणि महराज - भाजपा

रायगढ़ लोकसभा सीट

1999 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2004 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2009 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2014 - विष्णुदेव साय - भाजपा

2019 - गोमती साय - भाजपा

2024 - राधेश्‍याम राठिया - भाजपा

बस्तर लोकसभा सीट

1999 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2004 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2009 - बलीराम कश्यप - भाजपा

2014 - दिनेश कश्यप - भाजपा

2019 - दीपक बैज - कांग्रेस

2024 - महेश कश्‍यप - भाजपा

कांकेर लोकसभा सीट

1999 - सोहन पोटाई - भाजपा

2004 - सोहन पोटाई - भाजपा

2009 - सोहन पोटाई - भाजपा

2014 - विक्रम उसेंडी - भाजपा

2019 - मोहन मंडावी - भाजपा

2024 - भोजराज नाग - भाजपा

छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत, सिर्फ 1884 वोटों के अंतर से यहां हुआ बड़ा फैसला - Chhattisgarh Lok Sabha election results
छत्तीसगढ़ की दस सीटों पर खिला कमल, कोरबा में हाथ से हारी बीजेपी - Lok Sabha election results 2024
राजनांदगांव लोकसभा सीट हारकर भी भूपेश बघेल बने बाजीगर - Rajnandgaon loksabha Election Results
Last Updated : Jun 5, 2024, 7:25 PM IST
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