रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में उस समय हंगामा हो गया जब नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने नक्सलियों से जुड़ा प्रश्न सदन में पूछा. महंत ने पूछा कि दिसंबर 2023 से जून 2024 तक प्रदेश में नक्सली घटनाओं में कितने जवान शहीद हुए और कितने आम लोग मारे गए. क्या गोली से मारे गए या गला काटकर 34 आम लोगों की हत्या की गई.
विधानसभा में नक्सलवाद पर हंगामा: डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने पहले कहा कि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की बातें गुगली बॉल की तरह होती है इसलिए मैं शुरू से ही चिंतित था. लेकिन ये विषय स्पष्टता के साथ सदन में रखना चाहिए. शर्मा ने कहा-" प्रदेश में नक्सल घटनाओं की संख्या 273 है और 92 घटनाओं में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुए हैं. पुलिस जवान शहीद हुए हैं. 88 जवान घायल हुए जो अब स्वस्थ है. 34 आम लोगों की हत्या की गई. इसमें 4 ऐसे है जिन्हें नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर मार डाला. आईईडी ब्लास्ट में कई लोग मारे गए. मुखबिरी के आरोप में 24 लोगों की हत्या नक्सलियों ने की. नक्सलियों की फायरिंग में 1 की मौत हुई."
चरणदास महंत ने आगे पूछा-" मारे गए 137 नक्सलियों और गिरफ्तार किए गए 401 नक्सलियों में कितने नक्सली छत्तीसगढ़ के थे, कितने इनामी नक्सली थे कितने बाहरी थे और कितने छत्तीसगढ़ के थे."
शर्मा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि-" स्टेट जोनल कमेटी मेंबर के दो ऐसे नक्सली थे जिन पर 25 लाख का इनाम था. डिविजनल कमेटी मेंबर 6 नक्सली है जिन पर 8 लाख का इनाम था, कंपनी सदस्य 13 है जिन पर 8 लाख का इनाम था. कंपनी डिप्टी कमांडर 1 जिस पर 8 लाख का इनाम था. कंपनी स्नाइपर कमांडर 8 लाख का इनाम था. स्मॉल एक्शन कमेटी के सदस्य पर 8 लाख का इनाम था. एरिया कमेटी के 22 नक्सलियों पर 5-5 लाख का इनाम था. एलजीएल के कमांडर पर 5 लाख का इनाम, प्लाटून सेक्शन कमांडर 3 लाख का इनाम, सब जोनल एंटी सदस्य 3 लाख का इनाम था. प्लाटून कमांडर 2-2 लाख का इनाम, मिलिशिया कमांडर पर 1 लाख का इनाम. इस तरह से 137 नक्सलियों पर इनाम था जो अभियान के दौरान मारे गए."
चरणदास महंत ने कहा कि "इसमें बाहरी कितने थे और छत्तीसगढ़ के कितने नक्सली थे. इस प्रश्न पर शर्मा ने कहा- इसका कैटेगिरजाइशन नहीं किया गया. इसकी जानकारी दे दी जाएगी."
महंत ने आदिवासियों की हत्या कर भरमार बंदूक रखने का आरोप लगाया: नेता प्रतिपक्ष ने अगला सवाल किया कि इस अभियान में जितने भी हथियार बरामद हुए हैं. उसमें भरमार बंदूकों की संख्या ज्यादा है. आपने कभी इसकी जांच कराई कि भरमार बंदूक चलते है या नहीं क्या इसकी जांच कराई है. शर्मा ने जवाब दिया कि मुठभेड़ के बाद जो बंदूक बरामद किए गए वो जब्त कर मालखाने में रखा गया है. आप देख सकते हैं मैं भी चलूंगा संशय किस बात की है. इस पर महंत ने कहा कि जब भी नक्सली मरता है या गांव वाला मरता है तो भरमार बंदूक बरामद होता है. अब तक कितने भरमार बंदूक जब्त हुए, क्या उसी भरमार बंदूक को लेकर जब्त किया जाता है. क्या आपने एक भी भरमार बंदूक से फायरिंग करते देखा है. 1947 से पहले भरमार बंदूक पहले कितने चलते थे अब कितने चलते हैं. मेरी शंका है कि पुलिस वाले भरमार बंदूक लेकर जाते हैं. बॉडी के साथ भरमार बंदूक रखा जाता है. भरमार बंदूक जब्त हो जाता है और वह नक्सली हो जाता है. इसी तरह आपने कई आम लोगों को नक्सली बनाया है. इसकी जानकारी दीजिए.
विजय शर्मा ने आरोपों से किया इनकार: शर्मा ने जवाब दिया कि कोई खत्म हो गया और उसके पास रखकर फोटो ले लिए,ये बात अस्वीकारणीय है. ये कहना उचित नहीं है. छत्तीसगढ़ में नक्सली मुठभेड़ में 1 दिसंबर से 30 जून तक पांच एके 47 बरामद हुए हैं. एलएसआर एलएमजी 1, इनसास एलएमजी 1, रायफल 2, इनसास रायफल 4 इसके साथ कई हथियार बरामद हुए हैं. महंत ने आगे कहा कि 1995 में मैं मध्य प्रदेश में गृहमंत्री था, उस दौरान कभी भरमार बंदूक कभी जब्त नहीं हुआ. क्या जब्त भरमार बंदूक की जांच कराएंगे. इसमें आप उत्तर नहीं दे पाएंगे.
नक्सलियों पर सदन में महंत के तीखे सवाल: महंत ने आगे पूछा 790 नक्सली जेल में है. 25 सजा प्राप्त है और 765 विचाराधीन है. इनका प्रकरण कब से विचाराधीन है. इस पर विजय शर्मा ने कहा कि महंतजी आप काफी सीनियर है. आपसे निवेदन है कि बाकी की जो चीजें भी बरामद हुई है उस पर भी ध्यान दें. आपने जो प्रश्न किया उसमें पूछा कि कौन कौन सी सामग्री बरामद हुई और कहां रखी गई है. सबका जवाब नेता प्रतिपक्ष को दिया गया है. जितनी भी घटनाएं हुई है जो लोग मारे गए हैं, ऐसी एक भी घटना नहीं कि जिन्हें हमने नक्सली घोषित किया है, और वो नक्सली ना हो. भरमार बंदूक का मिलना, नहीं मिलना शंका का विषय नहीं है. 765 विचाराधीन नक्सली कब से जेल में इसकी जानकारी आपको दे दी जाएगी.
विक्रम मंडावी ने पीडिया एनकाउंटर का उठाया मुद्दा: विधायक विक्रम मंडावी ने चर्चा के बीच में कहा कि बीजापुर के पीडिया गांव में मुठभेड़ होती है. बताया जाता है कि 600 जवान ऑपरेशन करते हैं और 11 नक्सलियों को मारते हैं. वहां 10 भरमार बंदूक मिलते हैं. पूछना चाहता हूं कि 10 भरमार बंदूकों से क्या 600 जवानों का मुकाबला हो सकता है. हम खुद उस गांव में गए. वहां पूछताछ में पता चला कि जो 10 लोग मार गए वो गांव के लोग थे. उनकी पत्नियों ने ये बात बताई. उनके छोटे छोटे बच्चे हैं. नरपल्ली गांव में 110 घर है. जहां से 95 लोगों को पकड़कर लाए गए. इस तरह से नक्सल क्षेत्रों में किया जा रहा है. फर्जी मुठभेड़ कर भरमार बंदूक रखने का काम किया जा रहा है.
पीडिया एनकाउंटर में मारे गए लोगों पर कांग्रेस काल में दर्ज हुए केस: विजय शर्मा ने कहा ये मामला पहले भी उठाया गया तब पूरी जानकारी दी गई. 60 हजार, 70 हजार है अब तक नक्सली खत्म नहीं हुए. आपने भी सरकार चलाई है तो क्या नक्सलवाद खत्म हो गया. मंडावी ने कहा आपकी सरकार ने नक्सलवाद खत्म करने का दावा किया है. इस पर विजय शर्मा ने आगे कहा- पीडिया एनकाउंटर के बारे में कुछ बातें सामने आई है जिसमें पता चला है कि बुद्धु ओयाम में साल 2021 में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज था, कल्लू ऊर्फ छोटू पर साल 2022 में अपहरण का केस दर्ज हुआ. लक्की कुंजाम में 2022 और 2023 में 307 का केस दर्ज है. इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. इस केस में मजिस्ट्रीयल जांच की बात हुई है वह भी हो जाएगी. इस तरह आरोप लगाकर सुरक्षा बलों के मनोबल को मत तोड़िए.
विधानसभा में विपक्ष की नारेबाजी: चरणदास महंत ने कहा कि सुरक्षाबलों पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है. गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों से बात करेंगे. 7 महीने होने वाले हैं आप लोगों ने नक्सलियों से बात करने की कौन सी कोशिश की है. इस सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि ये संवेदनशील विषय है इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं हो सकती, आप खुद तो गृह मंत्री रह चुके हैं. कवासी लखमा ने कहा पीडिया में अब भी लोग आंदोलन कर रहे हैं. क्या शासन की तरफ से कभी कोई नेता उनका हालचाल जानने पहुंचा. तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोगों को घेर कर उन्हें गोली मार दी गई. इस पर विजय शर्मा नाराज हो गए और कहा ये बात गलत है. इसके बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो गया. विपक्ष के नेता सदन में आदिवासियों की हत्या बंद करो के नारे लगाने लगे.