ETV Bharat / bharat

बुजुर्ग महिला की आस्था, 100 वीं बार पूरी की हेमकुंड साहिब की यात्रा, हार्ट में पड़ा स्टंट फिर भी नहीं मानी हार - Narendra Kaur Hemkund Sahib visit

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 27, 2024, 3:35 PM IST

Narendra Kaur Hemkund Sahib visit,Shri Hemkund Sahib Yatra उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर चल रही हैं. साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शबाब पर है. हर दिन हजारों श्रद्धालु हेमकुंड में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं. इन्ही में चंडीगढ़ की बुजुर्ग नरेंद्र कौर भी शामिल हैं. नरेंद्र कौर अब तक 100 बार हेमकुंड साहिब की यात्रा कर चुकी हैं.

Etv Bharat
बुजुर्ग महिला की आस्था (Etv Bharat)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब मौजूद है. हेमकुंड साहिब दरबार में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं. विपरीत मौसम और हालात के बीच इन सब की आस्था देखते ही बनती है. श्रद्धालुओं की इस भीड़ में एक चेहरा ऐसा भी है जो 75 साल की उम्र में 100 बार हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुकी हैं. इनका नाम नरेंद्र कौर है. नरेंद्र कौर प्रतिवर्ष नियमित रूप हेमकुंड साहिब में मत्था टेकती हैं. अब तक वह 100 बार हेमकुंड साहिब के दरबार में हाजिरी लगा चुकी हैं.

चंड़ीगढ़ निवासी नरेंद्र कौर ऐसी आस्थावान हैं, जो शरीर से भले ही दुर्बल हो गई हों, लेकिन उनके हौंसले बुलंद हैं. 75 वर्षीय नरेंद्र कौर ने इस वर्ष हेमकुंड साहिब की 100 वीं यात्रा पूरी की. बदरीनाथ धाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के बाद बुधवार को नरेंद्र कौर ऋषिकेश पहुंची. नरेंद्र कौर ने गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट में मत्था टेककर निर्विघ्न यात्रा के लिए धन्यवाद अदा किया.

नरेंद्र कौर का भरापूरा परिवार है. उन्होंने बताया घर में उनके पति, पुत्र, पुत्रवधू तथा पोते-पोतियां हैं. परिवार का अच्छा खासा कारोबार है. राइस मिल और पावर प्लांट का संचालन उनके पति व पुत्र करते हैं. नरेंद्र कौर ने बताया कारोबार के सिलसिले में घर के अन्य सदस्यों को वह अपने साथ यात्रा के लिए बाध्य नहीं करती है. ड्राइवर के साथ स्वयं ही यात्रा पर आ जाती हैं.

बुजुर्ग नरेंद्र कौर ने बताया वह पिछले चालीस वर्षों से लगातार हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए आ रही हैं. शुरुआत में वह कपाट खुलने तथा बंद होने पर दो-दो बार यात्रा करती थीं. मगर, करीब दस वर्ष पूर्व हार्ट में स्टंट पड़ने के बाद से चिकित्सकों ने उन्हें इस तरह की यात्रा न करने की सलाह दी.

नरेंद्र कौर बताती हैं वह एक बार के लिए तो मायूस हो गई थी, लेकिन मन में आस्था बलवती थी. अपने घर-परिवार वालों तथा चिकित्सकों की सलाह को अनदेखा कर वाहेगुरु पर भरोसा करते हुए फिर से यात्रा शुरू की. इसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है. इतना जरूर है कि अब वह कपाट खुलने व बंद होने के समय नहीं आ सकती, लेकिन कोशिश रहती है कि प्रत्येक वर्ष में गुरु स्थान पर मत्था टेकने जरूर आऊं. पहले वह पैदल चलकर यात्रा पूरी करती थी, अब वह घोड़े के सहारे धाम तक पहुंचती हैं.

पढे़ं-हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर के रास्ते से यात्रा करवा रही SDRF, चारों तरफ फैली है बर्फ ही बर्फ - Hemkund Sahib Yatra

पढ़ें-खुल गए सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट, पंच प्यारों की अगुवाई में धाम पहुंचा श्रद्धालुओं का पहला जत्था - Hemkund Sahibs doors opened

ऋषिकेश: उत्तराखंड में सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब मौजूद है. हेमकुंड साहिब दरबार में प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं. विपरीत मौसम और हालात के बीच इन सब की आस्था देखते ही बनती है. श्रद्धालुओं की इस भीड़ में एक चेहरा ऐसा भी है जो 75 साल की उम्र में 100 बार हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुकी हैं. इनका नाम नरेंद्र कौर है. नरेंद्र कौर प्रतिवर्ष नियमित रूप हेमकुंड साहिब में मत्था टेकती हैं. अब तक वह 100 बार हेमकुंड साहिब के दरबार में हाजिरी लगा चुकी हैं.

चंड़ीगढ़ निवासी नरेंद्र कौर ऐसी आस्थावान हैं, जो शरीर से भले ही दुर्बल हो गई हों, लेकिन उनके हौंसले बुलंद हैं. 75 वर्षीय नरेंद्र कौर ने इस वर्ष हेमकुंड साहिब की 100 वीं यात्रा पूरी की. बदरीनाथ धाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के बाद बुधवार को नरेंद्र कौर ऋषिकेश पहुंची. नरेंद्र कौर ने गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट में मत्था टेककर निर्विघ्न यात्रा के लिए धन्यवाद अदा किया.

नरेंद्र कौर का भरापूरा परिवार है. उन्होंने बताया घर में उनके पति, पुत्र, पुत्रवधू तथा पोते-पोतियां हैं. परिवार का अच्छा खासा कारोबार है. राइस मिल और पावर प्लांट का संचालन उनके पति व पुत्र करते हैं. नरेंद्र कौर ने बताया कारोबार के सिलसिले में घर के अन्य सदस्यों को वह अपने साथ यात्रा के लिए बाध्य नहीं करती है. ड्राइवर के साथ स्वयं ही यात्रा पर आ जाती हैं.

बुजुर्ग नरेंद्र कौर ने बताया वह पिछले चालीस वर्षों से लगातार हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए आ रही हैं. शुरुआत में वह कपाट खुलने तथा बंद होने पर दो-दो बार यात्रा करती थीं. मगर, करीब दस वर्ष पूर्व हार्ट में स्टंट पड़ने के बाद से चिकित्सकों ने उन्हें इस तरह की यात्रा न करने की सलाह दी.

नरेंद्र कौर बताती हैं वह एक बार के लिए तो मायूस हो गई थी, लेकिन मन में आस्था बलवती थी. अपने घर-परिवार वालों तथा चिकित्सकों की सलाह को अनदेखा कर वाहेगुरु पर भरोसा करते हुए फिर से यात्रा शुरू की. इसके बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है. इतना जरूर है कि अब वह कपाट खुलने व बंद होने के समय नहीं आ सकती, लेकिन कोशिश रहती है कि प्रत्येक वर्ष में गुरु स्थान पर मत्था टेकने जरूर आऊं. पहले वह पैदल चलकर यात्रा पूरी करती थी, अब वह घोड़े के सहारे धाम तक पहुंचती हैं.

पढे़ं-हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर के रास्ते से यात्रा करवा रही SDRF, चारों तरफ फैली है बर्फ ही बर्फ - Hemkund Sahib Yatra

पढ़ें-खुल गए सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट, पंच प्यारों की अगुवाई में धाम पहुंचा श्रद्धालुओं का पहला जत्था - Hemkund Sahibs doors opened

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.