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आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे चंपई सोरेन, राज्यपाल ने देर रात सौंपा सीएम के रूप में नियुक्ति से जुड़ा पत्र

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 6:31 AM IST

Champai Soren will take oath. चंपई सोरेन आज झारखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. गुरुवार देर रात राज्यपाल ने उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया.

Champai Soren will take oath
Champai Soren will take oath

रांचीः झारखंड में 31 जनवरी की शाम से चल रहे राजनीतिक ड्रामे पर विराम लग गया है. 1 जनवरी को दिन भर की गहमागहमी के बाद देर रात अचानक राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने नवमनोनीत विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करते हुए शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित कर दिया है.

बता दें कि गुरुवार रात करीब 10:30 बजे चंपई सोरेन और आलमगीर आलम को राजभवन बुलाया गया. दोनों नेता भागे भागे राजभवन पहुंचे. राजभवन पहुंचने पर करीब 11: 15 बजे राज्यपाल ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से जुड़ा पत्र सौंप दिया. जानकारी के मुताबिक आज (2 फरवरी) चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. राज्यपाल ने 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करने को कहा है.

खास बात है कि 9 फरवरी से झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. 2 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद चंपई सोरेन को 11 फरवरी तक बहुमत साबित करना होगा. इस दौरान चलते सत्र में उन्हें बहुमत साबित करना होगा. इससे साफ है कि वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम बजट सत्र बेहद रोचक होगा. क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि सत्ताधारी दल के कई विधायक चंपई सोरेन के नाम से खुश नहीं हैं. लिहाजा फ्लोर टेस्ट के दिन इस रहस्य पर से भी पर्दा उठ जाएगा.

इससे पहले गुरुवार को दिन भर संशय वाली स्थिति बनी रही. सर्किट हाउस में सत्ताधारी दल के तमाम विधायक राजभवन से निमंत्रण की आस लगाए बैठे रहे. दोपहर तक कोई संदेश नहीं आने पर चंपई सोरेन और आलमगीर आलम राज भवन पहुंचे और दोबारा शपथ ग्रहण के लिए समय देने का आग्रह किया. बाहर निकलने के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि राज्यपाल ने कहा है कि इस मसले पर वह विधि विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं और कल अपने फैसले से अवगत करेंगे.

राज्यपाल के इतना कहने भर की देरी थी कि सत्ताधारी दल के विधायकों में खलबली मच गई. ऑपरेशन लोटस का खौफ इस कदर हावी हुआ कि पहले से रांची एयरपोर्ट पर मौजूद दो चार्टर्ड प्लेन से सभी विधायकों को हैदराबाद ले जाने की तैयारी शुरू हो गई. एयरपोर्ट पहुंचने पर राजभवन के रुख पर तमाम नेताओं ने नाराजगी जताई. सभी विधायक चार्टर्ड प्लेन में बैठ भी गए लेकिन खराब मौसम की वजह से उड़ान को रद्द कर दिया गया. इसके बाद एयरपोर्ट से बाहर निकले विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि मोदी जी ने फॉग बना दिया है. ऐसा होते ही फिर कयासों का दौर शुरू हो गया कि झारखंड में कुछ बड़ा होने वाला है. लेकिन देर रात होते ही तस्वीर बदल गई.

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रांचीः झारखंड में 31 जनवरी की शाम से चल रहे राजनीतिक ड्रामे पर विराम लग गया है. 1 जनवरी को दिन भर की गहमागहमी के बाद देर रात अचानक राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने नवमनोनीत विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करते हुए शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित कर दिया है.

बता दें कि गुरुवार रात करीब 10:30 बजे चंपई सोरेन और आलमगीर आलम को राजभवन बुलाया गया. दोनों नेता भागे भागे राजभवन पहुंचे. राजभवन पहुंचने पर करीब 11: 15 बजे राज्यपाल ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति से जुड़ा पत्र सौंप दिया. जानकारी के मुताबिक आज (2 फरवरी) चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. राज्यपाल ने 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करने को कहा है.

खास बात है कि 9 फरवरी से झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. 2 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद चंपई सोरेन को 11 फरवरी तक बहुमत साबित करना होगा. इस दौरान चलते सत्र में उन्हें बहुमत साबित करना होगा. इससे साफ है कि वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम बजट सत्र बेहद रोचक होगा. क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि सत्ताधारी दल के कई विधायक चंपई सोरेन के नाम से खुश नहीं हैं. लिहाजा फ्लोर टेस्ट के दिन इस रहस्य पर से भी पर्दा उठ जाएगा.

इससे पहले गुरुवार को दिन भर संशय वाली स्थिति बनी रही. सर्किट हाउस में सत्ताधारी दल के तमाम विधायक राजभवन से निमंत्रण की आस लगाए बैठे रहे. दोपहर तक कोई संदेश नहीं आने पर चंपई सोरेन और आलमगीर आलम राज भवन पहुंचे और दोबारा शपथ ग्रहण के लिए समय देने का आग्रह किया. बाहर निकलने के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि राज्यपाल ने कहा है कि इस मसले पर वह विधि विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं और कल अपने फैसले से अवगत करेंगे.

राज्यपाल के इतना कहने भर की देरी थी कि सत्ताधारी दल के विधायकों में खलबली मच गई. ऑपरेशन लोटस का खौफ इस कदर हावी हुआ कि पहले से रांची एयरपोर्ट पर मौजूद दो चार्टर्ड प्लेन से सभी विधायकों को हैदराबाद ले जाने की तैयारी शुरू हो गई. एयरपोर्ट पहुंचने पर राजभवन के रुख पर तमाम नेताओं ने नाराजगी जताई. सभी विधायक चार्टर्ड प्लेन में बैठ भी गए लेकिन खराब मौसम की वजह से उड़ान को रद्द कर दिया गया. इसके बाद एयरपोर्ट से बाहर निकले विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि मोदी जी ने फॉग बना दिया है. ऐसा होते ही फिर कयासों का दौर शुरू हो गया कि झारखंड में कुछ बड़ा होने वाला है. लेकिन देर रात होते ही तस्वीर बदल गई.

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