रायपुर: छत्तीसगढ़ न्यायिक सेवा परीक्षा की स्टेट टॉपर श्वेता दीवान का कहना है कि अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल जरुर हासिल होती है. श्वेता कहती हैं कि मेंस परीक्षा के दिन उनके डिलीवरी की डेट डॉक्टर ने दी थी. पूरा परिवार टेंशन में था. बावजूद इसके श्वेता ने हिम्मत नहीं हारी. श्वेता दीवान ने सेकेंड अटेंप्ट में छत्तीसगढ़ न्यायिक सेवा परीक्षा पास की वो भी टॉपर रैंक के साथ. जारी हुए परीक्षा परिणाणों श्वेता दीवान के साथ ही टॉप टेन में 7 लड़कियों के नाम शामिल रहे.
छत्तीसगढ़ न्यायिक सेवा परीक्षा की स्टेट टॉपर: सिविल जज भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाली श्वेता दीवान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा की लगातार प्रयास और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहकर ये परिणाम प्राप्त किया है. परीक्षा परिणाम में पास होना एक बड़ी चुनौती रही. इस चुनौती में मेरे पति और परिवार ने मेरा पूरा सहयोग दिया. इनके सहयोग की बदौलत ही आज मैं इस मुकाम तक पहुंच सकी हूं. श्वेता के पति सुयश फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में एसडीओ हैं.
लक्ष्य तक कैसे पहुंचीं श्वेता दीवान: परीक्षा की शुरुआती तैयारियों को लेकर श्वेता दीवान ने कहा कि इससे पहले मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. शादी से पहले मैं नौकरी करती थी. शादी के बाद मैंने नौकरी छोड़ दी और घर की जिम्मेदारी निभाने में जुट गई. श्वेता कहती हैं कि मेरे पति लगातार मुझसे परीक्षा को लेकर चर्चा किया करते. मेरी राय सुनते और उसपर सलाह भी देते. उनको लगा कि मैं न्यायिक सेवा में जा सकती हूं. इसके बाद मैंने एलएलबी की और परीक्षा देना शुरु किया.
''पहले प्रयास में मिली बड़ी चुनौती'': श्वेता दीवान ने बताया कि पहली बार जब न्यायिक सेवा की परीक्षा में शामिल हुईं तो उनको बड़ी चुनौती नजर आई. जिस दिन मेंस का एग्जाम था उसी दिन डॉक्टर ने डिलीवरी का डेट दिया था. इस वजह से बच्चे की डिलीवरी पहले करवानी पड़ी. उस परीक्षा के इंटरव्यू में वो सफल नहीं हो सकीं. इस असफलता को उन्होने चुनौती के तौर पर लिया. फिर से तैयारियों में जुट गई. दूसरे अटेंप्ट में श्वेता ने न सिर्फ परीक्षा पास की बल्कि स्टेट टॉपर बनीं.
मेरी तैयारी बढ़िया थी. परीक्षा को हर हाल में पास करना है ये मैंने तय कर रखा था. पर इस बात का अंदाजा नहीं था कि मैं स्टेट टॉपर बनूंगी. मैंने अपना हौसला और हिम्मत दोनों बनाए रखा. कड़ी मेहतन का फल मुझे मिला. सफलता के लिए पढ़ाई में निरंतरता बनी रहनी चाहिए. परेशानियां सामने आती रहती हैं लेकिन लक्ष्य से हमें नहीं भटकना चाहिए. - श्वेता दीवान, स्टेट टॉपर, छत्तीसगढ़ न्यायिक सेवा परीक्षा
श्वेता हमेशा से मेधावी रही हैं. मुझे बातचीत के दौरान हमेशा ये लगता था कि ये परीक्षा को पास कर सकती है. इनकी पढ़ाई का बैकग्राउंड भी इंजीनियरिंग रहा है. जॉब भी किया है. ऐसे में मुझे पूरी उम्मीद रही की ये परीक्षा पास करेंगी. इनकी रुचि भी न्यायिक सेवा में थी. बातचीत के बाद श्वेता ने तैयारी शुरु की. एलएलबी की पढ़ाई की और अब इस परीक्षा को पास कर टॉपर बनीं हैं. - सुयश धार दीवान, पति
''सफलता का एकमात्र रास्ता है मेहनत'': श्वेता के पति सुयश फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद पर कार्यरत हैं. सुयश कहते हैं कि श्वेता पढ़ाई के बाद हर दिन दो घंटे परीक्षा से जुड़े विषयों को लेकर चर्चा करती थीं. जब भी हमें वक्त मिलता हम विषय के हिसाब से आपस में चर्चा करते. उस चर्चा का भी हमें फायदा मिला.