ETV Bharat / bharat

स्वास्थ्य महानिदेशक ने एयर पॉल्यूशन को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा लेटर, जताई चिंता

Worsening Air Quality: स्वास्थ्य महानिदेशक ने जागरूकता बढ़ाने पर जोर देने को कहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 25, 2024, 1:55 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इन दिनों हवा की क्वालिटी बेहद खराब है. प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात इस कदर खराब हैं कि लोग मॉर्निंग वॉक के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इसी सिलसिले में आज स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आदेश जारी किया है.

आदेश में कहा गया है कि लोग प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचें. जितना संभव हो सके घर में ही रहें. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों, एमडी एनएचएम और अन्य को लेटर जारी करते हुए लिखा कि इस महत्वपूर्ण समय में, वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए कार्रवाई के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है.

गोयल ने कहा कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है. कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम से खराब स्तर तक पहुंच गया है. वायु प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. श्वसन, हृदय और मस्तिष्कवाहिकीय प्रणालियों को प्रभावित करने वाली पुरानी बीमारियों को बढ़ा देता है. वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होने वाली ये पुरानी बीमारियां अक्सर समय से पहले मृत्यु दर में वृद्धि का कारण बनती हैं. प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से कमजोर समूहों जैसे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों और अपने व्यवसायों के कारण उच्च जोखिम का सामना करने वाले लोगों, जैसे ट्रैफ़िक पुलिस अधिकारी और नगरपालिका कर्मचारियों के लिए गंभीर हैं.

स्वास्थ्य महानिदेशक गोयल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जन जागरूकता अभियान तेज करने, क्षेत्रीय भाषाओं में निर्दिष्ट जनसंचार माध्यमों के माध्यम से लक्षित संदेश प्रसारित करने, स्वास्थ्य सेवा कार्यबल की क्षमता को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारी के लिए प्रहरी निगरानी प्रणालियों में भागीदारी बढ़ाने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने को कहा.

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए जन जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है, जिसमें पराली और अपशिष्ट जलाने को रोकने, त्योहारों के दौरान पटाखे कम फोड़ने, निजी डीजल या पेट्रोल चालित वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, डीजल आधारित जनरेटर पर निर्भरता सीमित करना और धूम्रपान पर अंकुश लगाना शामिल है. इसके अतिरिक्त, लोगों को सलाह देनी चाहिए कि वे बाहर निकलने से पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर डाल लें. अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचें और खाना पकाने, हीटिंग और प्रकाश के लिए घर पर स्वच्छ ईंधन का विकल्प चुनें.

गोयल ने आगे कहा कि खेल और व्यायाम जैसी बाहरी गतिविधियों को विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन और हृदय रोग जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. गोयल ने अपने पत्र में लिखा कि जिन लोगों को खराब वायु गुणवत्ता के कारण लक्षण बिगड़ रहे हैं या परेशानी हो रही है, उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.

पढ़ें: चक्रवात 'दाना' की लैंडफॉल प्रक्रिया पूरी हुई, ओडिशा में कमजोर हुआ तूफान

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इन दिनों हवा की क्वालिटी बेहद खराब है. प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात इस कदर खराब हैं कि लोग मॉर्निंग वॉक के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इसी सिलसिले में आज स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आदेश जारी किया है.

आदेश में कहा गया है कि लोग प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचें. जितना संभव हो सके घर में ही रहें. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों, एमडी एनएचएम और अन्य को लेटर जारी करते हुए लिखा कि इस महत्वपूर्ण समय में, वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए कार्रवाई के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है.

गोयल ने कहा कि वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है. कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम से खराब स्तर तक पहुंच गया है. वायु प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. श्वसन, हृदय और मस्तिष्कवाहिकीय प्रणालियों को प्रभावित करने वाली पुरानी बीमारियों को बढ़ा देता है. वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होने वाली ये पुरानी बीमारियां अक्सर समय से पहले मृत्यु दर में वृद्धि का कारण बनती हैं. प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से कमजोर समूहों जैसे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों और अपने व्यवसायों के कारण उच्च जोखिम का सामना करने वाले लोगों, जैसे ट्रैफ़िक पुलिस अधिकारी और नगरपालिका कर्मचारियों के लिए गंभीर हैं.

स्वास्थ्य महानिदेशक गोयल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जन जागरूकता अभियान तेज करने, क्षेत्रीय भाषाओं में निर्दिष्ट जनसंचार माध्यमों के माध्यम से लक्षित संदेश प्रसारित करने, स्वास्थ्य सेवा कार्यबल की क्षमता को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारी के लिए प्रहरी निगरानी प्रणालियों में भागीदारी बढ़ाने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने को कहा.

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए जन जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है, जिसमें पराली और अपशिष्ट जलाने को रोकने, त्योहारों के दौरान पटाखे कम फोड़ने, निजी डीजल या पेट्रोल चालित वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, डीजल आधारित जनरेटर पर निर्भरता सीमित करना और धूम्रपान पर अंकुश लगाना शामिल है. इसके अतिरिक्त, लोगों को सलाह देनी चाहिए कि वे बाहर निकलने से पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर डाल लें. अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचें और खाना पकाने, हीटिंग और प्रकाश के लिए घर पर स्वच्छ ईंधन का विकल्प चुनें.

गोयल ने आगे कहा कि खेल और व्यायाम जैसी बाहरी गतिविधियों को विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन और हृदय रोग जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. गोयल ने अपने पत्र में लिखा कि जिन लोगों को खराब वायु गुणवत्ता के कारण लक्षण बिगड़ रहे हैं या परेशानी हो रही है, उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.

पढ़ें: चक्रवात 'दाना' की लैंडफॉल प्रक्रिया पूरी हुई, ओडिशा में कमजोर हुआ तूफान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.