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विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड की मांग करने वाली याचिका पर विचार करे केंद्र: दिल्ली हाईकोर्ट - Court on Uniform Banking Code - COURT ON UNIFORM BANKING CODE

Court on Uniform Banking Code: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए यूनिफ़ॉर्म बैंकिंग कोड की मांग करने वाली याचिका पर प्रतिवेदन की तरह विचार करने और उस पर फैसला करने का निर्देश दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 26, 2024, 3:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड की मांग करने वाली याचिका पर प्रतिवेदन की तरह विचार कर उस पर फैसला करे. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम पैसे ट्रांसफर करने की व्यवस्था नहीं बना सकते हैं. केंद्र सरकार इस पर फैसला करे.

अप्रैल 2022 में कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. उसके बाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया था. याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि अगर यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड लागू किया जाएगा तो इससे काला धन को रोकने में मदद मिलेगी. याचिका में विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए भारतीय बैंकिंग सिस्टम की खामियों को उजागर किया गया था.

यह भी पढ़ें- पूजा खेडकर को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत, 4 अक्टूबर को अगली सुनवाई; पुलिस ने बड़ी साजिश की कही बात

विदेशों से आने वाले धन में पारदर्शिता हो: याचिका में कहा गया था कि विदेश के किसी भी स्रोत से किसी भी भारतीय खाताधारक के खाते में आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस या किसी दूसरे तरीके से धन ट्रांसफर कर सकता है. याचिका में कहा गया था कि विदेशों से आने वाले धन का देश में आतंकी और दूसरी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में विदेशों से आने वाले धन को केवल इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर के जरिए ही ट्रांसफर करने की इजाजत दी जानी चाहिए ताकि धन भेजने वाले स्रोत का पक्का पता चल सके. इससे धन के लेनदेन में पारदर्शिता भी रहेगी.

यह भी पढ़ें- टीवी का रिमोट लेकर बैंक पहुंचा, कहा- 'मेरे हाथ में बम है, 10 लाख दो नहीं तो उड़ा दूंगा'

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड की मांग करने वाली याचिका पर प्रतिवेदन की तरह विचार कर उस पर फैसला करे. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम पैसे ट्रांसफर करने की व्यवस्था नहीं बना सकते हैं. केंद्र सरकार इस पर फैसला करे.

अप्रैल 2022 में कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. उसके बाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया था. याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि अगर यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड लागू किया जाएगा तो इससे काला धन को रोकने में मदद मिलेगी. याचिका में विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए भारतीय बैंकिंग सिस्टम की खामियों को उजागर किया गया था.

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विदेशों से आने वाले धन में पारदर्शिता हो: याचिका में कहा गया था कि विदेश के किसी भी स्रोत से किसी भी भारतीय खाताधारक के खाते में आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस या किसी दूसरे तरीके से धन ट्रांसफर कर सकता है. याचिका में कहा गया था कि विदेशों से आने वाले धन का देश में आतंकी और दूसरी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में विदेशों से आने वाले धन को केवल इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर के जरिए ही ट्रांसफर करने की इजाजत दी जानी चाहिए ताकि धन भेजने वाले स्रोत का पक्का पता चल सके. इससे धन के लेनदेन में पारदर्शिता भी रहेगी.

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