नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने बार्डर की सुरक्षा को लेकर कहा कि, गठित समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने आगे कहा कि, समिति की अध्यक्षता एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे.
समिति के अध्यक्ष के अलावा, आईजी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय (दक्षिण बंगाल), आईजी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय (त्रिपुरा), (योजना एवं विकास) - भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (LPI) और एलपीएआई के सचिव समिति के सदस्य हैं. समिति के सदस्यों को भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में अपने समकक्षों के साथ घनिष्ठ संचार बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि, "गृह मंत्रालय को बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदुओं पर जिहादी तत्वों द्वारा अत्याचार की कई रिपोर्टें मिली हैं. भारत सरकार ने ऐसी रिपोर्टों को बहुत गंभीरता से लिया है और हस्तक्षेप करने का फैसला किया है."
बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को अनियंत्रित भीड़ द्वारा सत्ता से बेदखल करने के बाद असामाजिक तत्वों ने देश में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले वीडियो भी बांग्लादेश में होने वाली ऐसी घटनाओं की पुष्टि करते हैं. भारत में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार से बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
सरकार ने हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हिंसा में वृद्धि पर संसद में अपनी चिंता व्यक्त की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक नेताओं को जानकारी दी.
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