नई दिल्ली: मोदी सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को यूपीए सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र सदन में रखा, जिस पर चर्चा शुक्रवार को होगी. इस श्वेत पत्र में ये भी बताया गया है कि किस तरीके से 10 सालों में मोदी सरकार ने फिर से देश के वित्तीय क्षेत्र को पुनर्जीवित किया है. इसमें यह भी जिक्र है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान मुद्रास्फीति 8.2 थी. 2014 से पहले अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत थी.
इसमें ये भी जिक्र है कि यूपीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे बदतर हालात में पहुंचा दिया था. बैंकिंग व्यवस्था भी उस वक्त चरमरा गई थी, जिसके चलते खराब अर्थव्यवस्था के कारण राजकोषीय संकट की स्थिति पैदा कर दी गई थी और जब 2014 में एनडीए की सरकार आई तब उस अर्थव्यवस्था और व्यापार को पिछले 10 वर्षों में फिर से पुनर्जीवित किया गया. मोदी सरकार के श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के 15 घोटालों का भी जिक्र किया गया है, जो इस तरह हैं.
- एंट्रिक्स देवास डील घोटाला
- नौकरी के लिए जमीन घोटाला
- पंचकुला गुरुग्राम में प्राइम लैंड का आवंटन घोटाला
- जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला
- एंब्रेयर डील घोटाला
- पिलाटस बेसिक ट्रेनर एयर क्राफ्ट घोटाला
- हॉक विमान खरीद घोटाला
- आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला
- अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला
- कोयला आवंटन ब्लॉक आवंटन घोटाला
- राष्ट्रमंडल खेल घोटाला
- 2जी टेलीकॉम घोटाला
- शारदा चिटफंड घोटाला
- INX मीडिया घोटाला
- एयरसेल मैक्सिस डील घोटाला
इसके अलावा इस श्वेत पत्र में और भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि UPA सरकार ने देश की आर्थिक नींव कमजोर कर दी थी.
- UPA काल में रुपये में भारी गिरावट हुई
- बैंकिंग सेक्टर संकट में था
- विदेशी मुद्रा भंडार में कमी हुई थी
- भारी कर्ज लिया गया था
- राजस्व का गलत इस्तेमाल हुआ
बहरहाल किसी भी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाना एक बड़ी बात है और जब लोकसभा के चुनाव नजदीक हैं तो ऐसे में चुनावी माहौल में इस व्हाइट पेपर को लेकर एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने जा रहा.
श्वेत पत्र पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि श्वेत पत्र लाना इसलिए जरूरी था, ताकि जनता को पता लगे कि 10 साल में कांग्रेस ने क्या किया है. उनके समय महंगाई डबल डिजिट में थी, जबकि हमारी सरकार में पांच से ऊपर नहीं गई. भाजपा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि इसके जवाब में कांग्रेस ब्लैक पेपर लेकर आई है, मगर वो कोई सच्चाई नहीं है. मोदी सरकार का काम जनता के सामने है.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल का कहना है कि मुद्रा स्फीति की दर यूपीए काल में हमेशा से गिरावट में थी, जिसे हमारी सरकार ने संभाला है. क्षेत्र में चाहे वो व्यापार का क्षेत्र हो या विदेश से जुड़े मुद्दे, हमारे देश की साख मजबूत हुई है. देश आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ा है और व्हाइट पेपर यूपीए के घोटालों का कच्चा चिट्ठा है, जिस पर उन्हें जनता को जवाब देना होगा. बहरहाल अब ये एक राजनीति का बड़ा मुद्दा भी बन चुका है और देखना है कि इस पर कांग्रेस क्या जवाब देती है. सूत्रों की माने तो लोकसभा में कल 12 बजे इस पर चर्चा हो सकती है.