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मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखी इमोशनल चिट्ठी, 'इमरजेंसी' में 'मददगारों' की भूमिका को सराहा, शायराना होकर कही ये बात

इमरजेंसी लैंडिंग की रात मदद के लिए पहुंचे थे 3 कर्मचारी और एक कुत्ता, मुख्य चुनाव आयुक्त तक पहुंचाई थी राहत

CEC RAJIV KUMAR LETTER
मुख्य चुनाव आयुक्त ने लिखी इमोशनल चिट्ठी (ETV BHART)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 12 hours ago

देहरादून: बीते कुछ दिनों पहले उत्तराखंड में केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी थी. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग पिथौरागढ़ के रालम गांव में हुई. इमरजेंसी लैंडिंग के बाद केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त ने रालम गांव में पूरी रात अंधेरे में बिताई. करीब 16 घंटे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को रेस्क्यू कर मुनस्यारी लाया गया. जिसके बाद वे वहां से दिल्ली रवाना हुये. अब केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इमरजेंसी लैंडिंग, रालम गांव और मददगारों को एक चिट्ठी लिखी है.

केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तराखंड में तैनात मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर बी वी आर सी पुरुषोत्तम को पत्र भेजा है. इस पत्र में उन्होंने अपनी भावनाओं के साथ ही ग्रामीणों, सरकारी कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया है. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रालम वासियों की सेवा समर्पण की तारीफ की है. उन्होंने लिखा 'सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सब की जीवन रक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत किया. आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी की इस मिसाल को as a first responder की पॉलिसी को प्रशासन सशक्त रूप से अपनायेगा. स्थानीय निवासियों को प्रेरित एवं सम्मानित करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है.

केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने सभी के स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की कामना की. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आईटीबीपी के महानिदेशक को भी पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात रेस्क्यू टीम की जमकर सराहना की है.

कई घंटों पैदल सफर कर पहुंची टीम: जिस गांव में केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रुके थे वहां रालम का शीतकालीन प्रवास पातौं गांव से कर्मचारी पहुंचे. ईश्वर सिंह नबियाल, सुरेन्द्र कुमार और भूपेन्द्र सिंह ढकरियाल बारिश खराब सड़क और बेहद कठिनाइयों के बावजूद 38 किमी. से अधिक पैदल दूरी पार कर रात 1 बजे गांव पहुंचे. वे अपने साथ जीवन रक्षक सामग्री, खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ एक कुत्ता भी था.

जिसे याद करते हुए केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लिखा 'कहावत है कि 'डूबते को तिनके का सहारा, हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर रालम पहुंचा. इस दल के साथ उनका पालतू श्वान भी था, ये श्वान दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था'

16 अक्टूबर को सीईसी राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग रालम गांव में हुई. जब उनका हेलीकॉप्टर लैंड हुआ तो ना तो गांव में कोई भी नहीं था. यह गांव खाली इसलिए हो चुका था क्योंकि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण नीचे उतर आते हैं. चुनाव आयुक्त के साथ बाकी सदस्यों ने जैसे तैसे करके एक घर को खुलवाया. जिसके बाद उसमें ही सभी ने रात बिताई. जिस जगह पर चुनाव आयुक्त रुके थे वहां पर ना तो बिजली की व्यवस्था है और ना ही इंटरनेट या टेलीफोन की कोई उपलब्धता है. सीईसी राजीव कुमार खाने-पीने का जो सामान अपने साथ ले गए थे उसे खाकर ही उन्होंने पूरी रात गुजारी.

पढे़ं-कभी रहते थे 500 परिवार, आज वीरान, कहानी उस गांव की जहां पहुंचने से पहले मुसीबतों में फंसे मुख्य चुनाव आयुक्त

पढे़ं- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की उत्तराखंड में इमरजेंसी लैंडिंग, पायलट ने खेत में उतारा हेली

पढे़ं- इमरजेंसी लैंडिग के 16 घंटे बाद मुनस्यारी पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, रालम गांव में अंधेरे में बिताई रात




देहरादून: बीते कुछ दिनों पहले उत्तराखंड में केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी थी. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग पिथौरागढ़ के रालम गांव में हुई. इमरजेंसी लैंडिंग के बाद केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त ने रालम गांव में पूरी रात अंधेरे में बिताई. करीब 16 घंटे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को रेस्क्यू कर मुनस्यारी लाया गया. जिसके बाद वे वहां से दिल्ली रवाना हुये. अब केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इमरजेंसी लैंडिंग, रालम गांव और मददगारों को एक चिट्ठी लिखी है.

केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तराखंड में तैनात मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर बी वी आर सी पुरुषोत्तम को पत्र भेजा है. इस पत्र में उन्होंने अपनी भावनाओं के साथ ही ग्रामीणों, सरकारी कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया है. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने रालम वासियों की सेवा समर्पण की तारीफ की है. उन्होंने लिखा 'सभी युवा देवदूतों ने मानवता के उच्च आदर्शों का पर्याय बनते हुए हम सब की जीवन रक्षा के लिए इस दिन को अविस्मरणीय यादों में अलंकृत किया. आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी की इस मिसाल को as a first responder की पॉलिसी को प्रशासन सशक्त रूप से अपनायेगा. स्थानीय निवासियों को प्रेरित एवं सम्मानित करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है.

केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने सभी के स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की कामना की. केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आईटीबीपी के महानिदेशक को भी पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात रेस्क्यू टीम की जमकर सराहना की है.

कई घंटों पैदल सफर कर पहुंची टीम: जिस गांव में केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रुके थे वहां रालम का शीतकालीन प्रवास पातौं गांव से कर्मचारी पहुंचे. ईश्वर सिंह नबियाल, सुरेन्द्र कुमार और भूपेन्द्र सिंह ढकरियाल बारिश खराब सड़क और बेहद कठिनाइयों के बावजूद 38 किमी. से अधिक पैदल दूरी पार कर रात 1 बजे गांव पहुंचे. वे अपने साथ जीवन रक्षक सामग्री, खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ एक कुत्ता भी था.

जिसे याद करते हुए केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लिखा 'कहावत है कि 'डूबते को तिनके का सहारा, हम सबके साथ यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब यह तीन सदस्यीय दल देवदूत बनकर रालम पहुंचा. इस दल के साथ उनका पालतू श्वान भी था, ये श्वान दल में चौथे सुरक्षा कवच की भूमिका निभा रहा था'

16 अक्टूबर को सीईसी राजीव कुमार के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग रालम गांव में हुई. जब उनका हेलीकॉप्टर लैंड हुआ तो ना तो गांव में कोई भी नहीं था. यह गांव खाली इसलिए हो चुका था क्योंकि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण नीचे उतर आते हैं. चुनाव आयुक्त के साथ बाकी सदस्यों ने जैसे तैसे करके एक घर को खुलवाया. जिसके बाद उसमें ही सभी ने रात बिताई. जिस जगह पर चुनाव आयुक्त रुके थे वहां पर ना तो बिजली की व्यवस्था है और ना ही इंटरनेट या टेलीफोन की कोई उपलब्धता है. सीईसी राजीव कुमार खाने-पीने का जो सामान अपने साथ ले गए थे उसे खाकर ही उन्होंने पूरी रात गुजारी.

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