मलप्पुरम: कांग्रेस की तरफ से वायनाड संसदीय सीट से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की उम्मीदवार प्रियंका गांधी गांधी वाड्रा ने केंद्र पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार वायनाड भूस्खलन पीड़ितों को नफरत की राजनीति का सबसे खराब चेहरा दिखा रही है. एरनाड निर्वाचन क्षेत्र के थेरट्टम्मल में एक नुक्कड़ सभा में बोलते हुए प्रियंका ने बड़ा आरोप मोदी सरकार पर लगा दिया. केंद्र सरकार ने अभी तक आपदा पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की है.
प्रियंका ने कहा कि, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी यही स्थिति देखी है. यहां तक कि जब उनकी (बीजेपी) सस्ती राजनीति के कारण बड़ी आपदाएं आती हैं, तो उन्हें राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जाता है. वहां भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि, "पिछले दस सालों से भाजपा राहुल गांधी की झूठी छवि बनाने का काम कर रही है. उन्होंने उनकी लोकसभा सदस्यता छीन ली, उन्हें उनके आधिकारिक आवास से निकाल दिया और झूठे प्रचार के जरिए उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया. इसके बावजूद, वह सत्य की लड़ाई से पीछे नहीं हटे. उन्होंने सत्य के लिए एक योद्धा की तरह लड़ाई लड़ी. एक बहन के रूप में, मैं अक्सर सोचती हूं कि उनमें (राहुल गांधी) इतनी हिम्मत कहां से आई."
उन्होंने कहा, कोई देश भर में हजारों किलोमीटर पैदल कैसे चल सकता है? कई बार मुझे उनकी (राहुल गांधी) सुरक्षा की चिंता होती है. मेरा परिवार आपका ऋणी है. कोई व्यक्ति देश के एक छोर से दूसरे छोर तक हजारों किलोमीटर पैदल कैसे जा सकता है? उन्होंने कहा कि, भारत की अवधारणा देश की मौजूदा राजनीति पर आधारित नहीं है.
प्रियंका ने कहा कि, "हमारे देश का इतिहास अहिंसा के माध्यम से, बिना खून की एक बूंद बहाए स्वतंत्रता प्राप्त करने का है. हमारे पास एक संविधान है जो आम लोगों को इसके केंद्र में रखता है. लोकतंत्र का यही मतलब है. लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा की राजनीति इससे अलग है. उन्हें इस देश के सार के बारे में कोई जानकारी नहीं है."
प्रियंका ने आगे कहा, "वे (बीजेपी) लोकतंत्र को नष्ट करने का काम कर रहे हैं. भाजपा लोगों में नफरत और दुश्मनी फैला रही है. उनकी नीतियां देश के बड़े पांच या छह उद्योगपतियों की मदद करने के लिए बनाई गई हैं. नतीजतन, आम नागरिकों के सामने आने वाले मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. उनका एकमात्र स्पष्ट लक्ष्य किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहना है, एक प्रवृत्ति जो हमने पिछले एक दशक में देखी है."
प्रियंका ने कहा कि, यह वही राजनीतिक रवैया है जो वे वायनाड में भूस्खलन आपदा के पीड़ितों के प्रति दिखाते हैं. उन्होंने आगे कहा, वायनाड के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए. फुटबॉल खेलने वाले युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए. खेल के क्षेत्र में बड़ी पहल होनी चाहिए. वायनाड के लोगों ने देश को दिखाया है कि प्रेम और सद्भाव के साथ कैसे रहा जाता है. वायनाड के लोग भारत की पहचान के लिए खड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने कहा था "हम नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलेंगे." प्रियंका गांधी ने कहा, पहली दुकान वायनाड में खुली है.
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