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लैंड फॉर जॉब घोटाले में अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर सीबीआई को फटकार, जांच अधिकारी तलब - Land for Job scam - LAND FOR JOB SCAM

Land for Job scam: जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने जांच एजेंसी CBI को अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर फटकार लगाई. साथ ही कोर्ट ने 9 मई को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ बुलाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 30, 2024, 8:37 PM IST

नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने में देरी करने पर सीबीआई को फटकार लगाई. मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्पेशल जज विशाल गोगने ने अगली तारीख पर जांच अधिकारी को केस डायरी लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 9 मई को होगी.

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि अंतिम चार्जशीट करीब-करीब पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ कानूनी सवालों पर सीबीआई के अधिकारी आंतरिक चर्चा कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि तीन महीने से एजेंसी अंतिम चार्जशीट के लिए समय ले रही है. अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं होने की वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो रहा है. कार्यवाही ठप है. कई आरोपियों की विभिन्न अर्जियां लंबित हैं. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी विकास चंद्र चौरसिया और सीबीआई के एसपी निपुण गुप्ता को केस डायरी के साथ अगली तिथि को पेश होने का आदेश दिया.

आज इस मामले के आरोपियों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पेश नहीं हुए. उन्होंने पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में भोला यादव सहित नौकरी पाने वाले दो अभ्यर्थियों अशोक कुमार और बबीता को आरोपी बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः न्यूज़ क्लिक मामले में प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप तय करने के मामले में सुनवाई 31 मई को

पूरक चार्जशीट में कहा गया है कि भोला यादव लालू यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. वह अफसरों को निर्देश देते थे. सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कंप्यूटर से दस्तावेज हासिल किए हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. यह काम भोला यादव को सौंपा गया था. कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर उम्मीदवार को दी सुरक्षा, जान को खतरा की जताई थी आशंका

नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने में देरी करने पर सीबीआई को फटकार लगाई. मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्पेशल जज विशाल गोगने ने अगली तारीख पर जांच अधिकारी को केस डायरी लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 9 मई को होगी.

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि अंतिम चार्जशीट करीब-करीब पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ कानूनी सवालों पर सीबीआई के अधिकारी आंतरिक चर्चा कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि तीन महीने से एजेंसी अंतिम चार्जशीट के लिए समय ले रही है. अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं होने की वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो रहा है. कार्यवाही ठप है. कई आरोपियों की विभिन्न अर्जियां लंबित हैं. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी विकास चंद्र चौरसिया और सीबीआई के एसपी निपुण गुप्ता को केस डायरी के साथ अगली तिथि को पेश होने का आदेश दिया.

आज इस मामले के आरोपियों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पेश नहीं हुए. उन्होंने पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में भोला यादव सहित नौकरी पाने वाले दो अभ्यर्थियों अशोक कुमार और बबीता को आरोपी बनाया गया है.

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पूरक चार्जशीट में कहा गया है कि भोला यादव लालू यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. वह अफसरों को निर्देश देते थे. सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कंप्यूटर से दस्तावेज हासिल किए हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. यह काम भोला यादव को सौंपा गया था. कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2023 को इस मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी.

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