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'केंद्र के नियंत्रण में नहीं है CBI', सुप्रीम कोर्ट में बोले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता - Supreme Court - SUPREME COURT

West Bengal CBI Case: पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य की पूर्वानुमति के बिना सीबीआई की कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट
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By PTI

Published : May 2, 2024, 12:52 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य की पूर्वानुमति के बिना सीबीआई की कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं है. वहीं, एजेंसी की जांच आगे बढ़ाने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी आपत्ती जताई है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार की सहमित वापस लिए जाने के बावजूद संघीय एजेंसी कई मामलों में एफआईआर दर्ज कर रही है और अपनी जांच आगे बढ़ा रही है, जबकि उसे अपने दायरे में रहकर जांच करने चाहिए.

क्या है अनुच्छेद 131?
बता दें कि अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या एक से अधिक राज्यों के बीच विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है. केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया कि संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट के सबसे पवित्र क्षेत्राधिकारों में से एक है और इस प्रावधान को लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन किसी को भी इसके दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती.

केंद्र के नियंत्रण में नहीं
मेहता ने कहा, 'भारत संघ ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है. इन्हें सीबीआई ने दर्ज किया है और सीबीआई भारत संघ के नियंत्रण में नहीं है.' बता दें कि 16 नवंबर, 2018 को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में जांच करने या छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस ले ली थे.

गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान सीबीआई ने संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख के कथिक सहयोगी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसको लेकर टीएमसी ने आरोप लगाया था सीबीआई की कार्रवाई का मकसद इलेक्शन के दौरान पार्टी की छवि को धूमिल करना है.

यह भी पढ़ें- 2021 विधानसभा चुनाव से पहले TMC को थी स्कूल जॉब स्कैम घोटाले की जानकारी, कुणाल घोष का दावा - West Bengal Jobs Scam

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से राज्य की पूर्वानुमति के बिना सीबीआई की कार्रवाई को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं है. वहीं, एजेंसी की जांच आगे बढ़ाने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने अपनी आपत्ती जताई है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार की सहमित वापस लिए जाने के बावजूद संघीय एजेंसी कई मामलों में एफआईआर दर्ज कर रही है और अपनी जांच आगे बढ़ा रही है, जबकि उसे अपने दायरे में रहकर जांच करने चाहिए.

क्या है अनुच्छेद 131?
बता दें कि अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या एक से अधिक राज्यों के बीच विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है. केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया कि संविधान का अनुच्छेद 131 सुप्रीम कोर्ट के सबसे पवित्र क्षेत्राधिकारों में से एक है और इस प्रावधान को लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन किसी को भी इसके दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती.

केंद्र के नियंत्रण में नहीं
मेहता ने कहा, 'भारत संघ ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है. इन्हें सीबीआई ने दर्ज किया है और सीबीआई भारत संघ के नियंत्रण में नहीं है.' बता दें कि 16 नवंबर, 2018 को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में जांच करने या छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस ले ली थे.

गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान सीबीआई ने संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख के कथिक सहयोगी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसको लेकर टीएमसी ने आरोप लगाया था सीबीआई की कार्रवाई का मकसद इलेक्शन के दौरान पार्टी की छवि को धूमिल करना है.

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