नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित तौर पर एक मामले में आंध्र प्रदेश में दक्षिण मध्य रेलवे, गुंतकल डिवीजन के मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम), वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक (सीनियर डीएफएम) सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को कहा कि रेलवे टेंडरों में पक्षपात करने के लिए रिश्वत दी गई.
The Central Bureau of Investigation (CBI) has arrested seven accused including five Public Servants namely the Divisional Railway Manager(DRM), Sr. Divisional Finance Manager (Sr. DFM), then Sr. Divisional Engineer (Sr. DEN) Coordination, Office Superintendent, Account Assistant…
— ANI (@ANI) July 6, 2024
सीबीआई ने पांच रेलवे अधिकारी, विनीत सिंह (डिविजनल रेलवे मैनेजर), कुंडा प्रदीप बाबू (सीनियर डिविजनल फाइनेंस मैनेजर), यू अक्की रेड्डी, तत्कालीन (सीनियर डिविजनल इंजीनियर), जिन्हें अब डिप्टी सीईएन ट्रैक के रूप में ट्रांसफर किया गया है, दक्षिण मध्य रेलवे सिकंदराबाद, एम बालाजी (कार्यालय अधीक्षक) और डी. लक्ष्मी पति राजू (खाता सहायक) सहित 13 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सीबीआई ने दावा किया कि एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित व्यक्तियों या फर्मों में बेंगलुरु स्थित कंपनी के निदेशक और उनकी कंपनी, गुंतकल स्थित फर्म के प्रतिनिधि, बेंगलुरु स्थित दो अन्य फर्मों के दो प्रतिनिधि, हैदराबाद स्थित फर्म के प्रतिनिधि और दो प्राइवेट व्यक्ति शामिल हैं.
इन आरोपों पर जांच एजेंसी ने सूचित किया है कि, आरोपी ठेकेदारों ने व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से दक्षिण मध्य रेलवे के गुंतकल डिवीजन में विभिन्न निविदाएं ली थीं और दक्षिण-मध्य रेलवे के अधिकारियों को कथित तौर भारी रिश्वत देकर विभिन्न निविदाओं के आवंटन, दिए गए कार्यों के निष्पादन और बिलों के शीघ्र प्रसंस्करण में अनुचित लाभ प्राप्त कर रहे थे. एजेंसी ने कहा कि आरोपी अधिकारी कथित तौर पर अपने अधिकार क्षेत्र के तहत विभिन्न निविदाएं देने और ठेकेदारों के कथित बढ़े हुए बिलों को मंजूरी देने में भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे, जिससे उन्हें गलत लाभ प्राप्त हुआ और सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, आरोपी डीआरएम ने कथित तौर पर सोने के आभूषणों के रूप में कुल निविदा राशि का 0.5 प्रतिशत की दर से अवैध लाभ की मांग की.
यह भी आरोप लगाया गया कि उक्त तत्कालीन सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन द्वारा 20 लाख रुपये की मांग की गई थी. सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि आरोपी निजी व्यक्ति ने आम चुनाव के बाद गुंतकल डिवीजन के आरोपी सीनियर डीएफएम और एडीआरएम प्रत्येक को 10 लाख रुपये देने की योजना बनाई. इसके अलावा निजी कंपनी के आरोपी निदेशक ने बेंगलुरु स्थित एक फर्म के आरोपी प्रतिनिधि से आरोपी तत्कालीन सीनियर डीईएन को कम से कम 10 लाख रुपये देने के लिए कहा, जो कथित तौर पर अन्यथा उनके काम में बाधा उत्पन्न करने की धमकी दे रहा था.
सीबीआई अधिकारियों ने दावा किया कि एफआईआर में नामित आरोपी अकाउंट असिस्टेंट ने बेंगलुरु स्थित कंपनी के निदेशक को सूचित किया कि आरोपी सीनियर डीएफएम ने कथित तौर पर एलसी 125 से संबंधित टेंडर के लिए मांगी गई रिश्वत के भुगतान का अनुरोध किया था.
इस मामले में सीबीआई के अधिकारियों ने जाल बिछाया और सीनियर डीएफएम को दी गई 10 लाख रुपये की राशि और कार्यालय अधीक्षक और एक अन्य लेखा सहायक को दी गई 50 हजार रुपये की राशि बरामद कर ली गई. डीआरएम के आवास से तलाशी अभियान के दौरान कथित रिश्वत के रूप में लिए गए आभूषण बरामद किए गए है. सीबीआई अधिकारी ने एक बयान में कहा, जिन अधिकारियों ने कथित तौर पर रिश्वत ली और रकम और आभूषण पहुंचाने वाले निजी व्यक्तियों पर आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि बेंगलुरु स्थित कंपनी के निदेशक और हैदराबाद स्थित एक आरोपी निजी व्यक्ति को इस मामले में पकड़ा गया था. इसमें कहा गया है कि सीबीआई ने गुंतकल, अनंतपुर, नेल्लोर, तिरूपति, हैदराबाद, सिकंदराबाद और बेंगलुरु में तलाशी ली, जिससे कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद हुए.
ये भी पढ़ें: रेहड़ी पटरी वालों के बाद अब रेलवे के लोको पायलटों से मिले राहुल गांधी, सरकार पर साधा निशाना