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हरियाणा के नतीजे में AAP का स्कोर जीरो, केजरीवाल बोले- सबक मिला, आगे और मेहनत करेंगे

-हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों में आप को असफलता मिली है. -AAP ने 90 सीटों पर उतारे कैंडिडेट्स, कोई नहीं जीता

हरियाणा चुनाव में AAP को नहीं मिली सफलता, एक भी सीट नहीं मिली
हरियाणा चुनाव में AAP को नहीं मिली सफलता, एक भी सीट नहीं मिली (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 8, 2024, 9:39 AM IST

Updated : Oct 8, 2024, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव दिल्ली के लिहाज से काफी अहम था, क्योंकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 सीटों पर AAP प्रत्याशियों को मैदान में उतारे. 'एकला चलो' की नीति पर काम करते हुए AAP ने हरियाणा विधानसभा के रण में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. खुद अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलते ही सीधे हरियाणा पहुंचे और जनता से वोट मांगे. लेकिन स्कोर जीरो रहा. हालांकि अभी पूरा परिणाम आना बाकी है.

राजनीतिक पार्टी बनने के बाद यह दूसरा अवसर था जब आम आदमी पार्टी ने पूरे दमखम से सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव प्रचार में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर सभी नेता जोर-जोर से उतार कर जनता से वोट की अपील की थी. पार्टी ने दिल्ली और पंजाब की तरह हरियाणा में फ्री बिजली समेत काफी वादे किए थे, कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने की स्थिति में पार्टी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन एक भी उम्मीदवार विधानसभा चुनावों में कमाल नहीं दिखा सका और AAP को ज़ीरो के साथ ही संतुष्ट होना पड़ा है.

आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब की सीमा से सटे हरियाणा विधानसभा चुनाव में दूसरी बार जोर का झटका लगा है. इस बार पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, चुनाव प्रचार शुरू होने के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पत्नी सुनीता केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान समेत अन्य नेता चुनाव प्रचार में उतरे, मगर पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका.

आम आदमी पार्टी के लिए पिछली बार की तरह हरियाणा के परिणाम निराशाजनक रहे. पार्टी के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा समेत तकरीबन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. आम आदमी पार्टी को दो फीसद से भी कम वोट हासिल हुए. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा था कि जो लोग हमें कम आंक रहे हैं, उन्हें भविष्य में खुद ही इसका पछतावा होगा. उन्हें हरियाणा चुनाव नतीजे से कई उम्मीदें थी मगर नतीजे निराशाजनक ही हाथ लगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी टकराव के आसार बन गए हैं. कांग्रेस को भी चुनाव नतीजे से जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हुई. इधर, आम आदमी पार्टी के दिल्ली नजफगढ़ से विधायक नरेश बाल्यान ने दीपेंद्र हुड्डा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए तंज कसा है. 'आप' विधायक नरेश ने लिखा कि अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा आपका कैसे रहेगा.

बता दें कि राजनीतिक पार्टी बनने के बाद या दूसरा मौका था जब आम आदमी पार्टी ने पूरे जोर-जोर से हरियाणा की सभी सीटों पर अपनी उम्मीदवार उतारे थे. अरविंद केजरीवाल स्वयं हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपने आप को हरियाणा का बेटा कहकर जनता से वोट देने की अपील की थी. दिल्ली-पंजाब दोनों ही पड़ोसी राज्य है इसलिए वहां पर पार्टी की सरकार और वहां के मॉडल को दुनिया का बेहतर मॉडल बताते हुए उन्होंने हरियाणा वालों से वोट देने की मांग की थी. मगर इस मॉडल को भी जनता ने नकार दिया.
अरविंद केजरीवाल का हरियाणा से खास नाता!
अरविंद केजरीवाल हरियाणा के ही मूल निवासी हैं उन्होंने अपने आप को चुनाव प्रचार में हरियाणा का बेटा बताते हुए चुनाव प्रचार किया, तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बहू बनकर महिलाओं से वोट देने की अपील की थी. चुनाव में प्रत्याशी उतारने से पहले कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर आम आदमी पार्टी की बात शुरू हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी.

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सीटों पर प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त हो गयी थी. इस बार हरियाणा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने 20 जुलाई को टाउनहॉल मीटिंग कर हरियाणा की जनता के लिए “केजरीवाल की गारंटी” की घोषणा भी कर दी थी.

जम्मू कश्मीर में AAP का खुल गया खाता
J&K में आम आदमी पार्टी का खाता खुला है. डोडा विधानसभा में AAP की जीत हुई है. AAP उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार को 4000 से ज्यादा वोट से हराया है. AAP के मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को जीत मिली है.

ये भी पढे़ें- देश में शुरू हो चुका भाजपा का डाउनफॉल, एग्जिट पोल के नतीजों पर बोले सिसोदिया

ये भी पढ़ें- कांग्रेस 30 और बीजेपी 27 सीटों पर आगे, 2 पर इनेलो को बढ़त, उचाना से दुष्यंत चौटाला पीछे

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव दिल्ली के लिहाज से काफी अहम था, क्योंकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 सीटों पर AAP प्रत्याशियों को मैदान में उतारे. 'एकला चलो' की नीति पर काम करते हुए AAP ने हरियाणा विधानसभा के रण में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. खुद अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलते ही सीधे हरियाणा पहुंचे और जनता से वोट मांगे. लेकिन स्कोर जीरो रहा. हालांकि अभी पूरा परिणाम आना बाकी है.

राजनीतिक पार्टी बनने के बाद यह दूसरा अवसर था जब आम आदमी पार्टी ने पूरे दमखम से सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. चुनाव प्रचार में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर सभी नेता जोर-जोर से उतार कर जनता से वोट की अपील की थी. पार्टी ने दिल्ली और पंजाब की तरह हरियाणा में फ्री बिजली समेत काफी वादे किए थे, कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने की स्थिति में पार्टी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन एक भी उम्मीदवार विधानसभा चुनावों में कमाल नहीं दिखा सका और AAP को ज़ीरो के साथ ही संतुष्ट होना पड़ा है.

आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब की सीमा से सटे हरियाणा विधानसभा चुनाव में दूसरी बार जोर का झटका लगा है. इस बार पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, चुनाव प्रचार शुरू होने के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पत्नी सुनीता केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, भगवंत मान समेत अन्य नेता चुनाव प्रचार में उतरे, मगर पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका.

आम आदमी पार्टी के लिए पिछली बार की तरह हरियाणा के परिणाम निराशाजनक रहे. पार्टी के उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा समेत तकरीबन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. आम आदमी पार्टी को दो फीसद से भी कम वोट हासिल हुए. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा था कि जो लोग हमें कम आंक रहे हैं, उन्हें भविष्य में खुद ही इसका पछतावा होगा. उन्हें हरियाणा चुनाव नतीजे से कई उम्मीदें थी मगर नतीजे निराशाजनक ही हाथ लगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी टकराव के आसार बन गए हैं. कांग्रेस को भी चुनाव नतीजे से जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हुई. इधर, आम आदमी पार्टी के दिल्ली नजफगढ़ से विधायक नरेश बाल्यान ने दीपेंद्र हुड्डा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए तंज कसा है. 'आप' विधायक नरेश ने लिखा कि अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा आपका कैसे रहेगा.

बता दें कि राजनीतिक पार्टी बनने के बाद या दूसरा मौका था जब आम आदमी पार्टी ने पूरे जोर-जोर से हरियाणा की सभी सीटों पर अपनी उम्मीदवार उतारे थे. अरविंद केजरीवाल स्वयं हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपने आप को हरियाणा का बेटा कहकर जनता से वोट देने की अपील की थी. दिल्ली-पंजाब दोनों ही पड़ोसी राज्य है इसलिए वहां पर पार्टी की सरकार और वहां के मॉडल को दुनिया का बेहतर मॉडल बताते हुए उन्होंने हरियाणा वालों से वोट देने की मांग की थी. मगर इस मॉडल को भी जनता ने नकार दिया.
अरविंद केजरीवाल का हरियाणा से खास नाता!
अरविंद केजरीवाल हरियाणा के ही मूल निवासी हैं उन्होंने अपने आप को चुनाव प्रचार में हरियाणा का बेटा बताते हुए चुनाव प्रचार किया, तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बहू बनकर महिलाओं से वोट देने की अपील की थी. चुनाव में प्रत्याशी उतारने से पहले कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर आम आदमी पार्टी की बात शुरू हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी.

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सीटों पर प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त हो गयी थी. इस बार हरियाणा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने 20 जुलाई को टाउनहॉल मीटिंग कर हरियाणा की जनता के लिए “केजरीवाल की गारंटी” की घोषणा भी कर दी थी.

जम्मू कश्मीर में AAP का खुल गया खाता
J&K में आम आदमी पार्टी का खाता खुला है. डोडा विधानसभा में AAP की जीत हुई है. AAP उम्मीदवार ने भाजपा उम्मीदवार को 4000 से ज्यादा वोट से हराया है. AAP के मेहराज मलिक ने भाजपा के गजय सिंह राणा को जीत मिली है.

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Last Updated : Oct 8, 2024, 2:27 PM IST
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