कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने आज सोमवार को 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों के लिए 2016 की चयन प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की आगे जांच करने का निर्देश दिया है. स्कूल सेवा आयोग 2016 पूर्ण पैनल (समूह-सी, डी, IX-XII) को हाई कोर्ट के द्वारा रद्द कर दिया गया.
बता दें, एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने 281 पेज का फैसला सुनाया. जस्टिस देवांशु बसाक की खंडपीठ ने फैसले में 25,753 लोगों की नियुक्ति रद्द कर दी. साथ ही स्कूल सर्विस कमीशन को नया टेंडर जारी कर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है. यह प्रक्रिया लोकसभा चुनाव 2024 के बाद शुरू होगी.
हाईकोर्ट ने अवैध रूप से नौकरी करने वालों को चार सप्ताह के भीतर 12 फीसदी ब्याज के साथ वेतन लौटाने का निर्देश दिया है. साथ ही, सीबीआई को भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी रखने का भी निर्देश दिया गया है. स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को सभी ओएमआर शीट की प्रतियां एसएससी सर्वर पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आगे की जांच में राज्य का कोई अन्य मंत्री भर्ती घोटाले में शामिल पाया गया तो सीबीआई उसे गिरफ्तार कर सकती है.
बता दें, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई राज्य में सरकारी स्कूल भर्ती प्रक्रिया में 2016 के भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है. इस मामले में राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उनके अलावा सत्ता पक्ष के कई दिग्गज जेल में हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ कि राज्य स्तरीय चयन परीक्षा 2016 (एसएलएसटी) के माध्यम से कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्ती में भी भ्रष्टाचार हुआ था.
इस मामले में पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कई अयोग्य शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार की अर्जी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी. 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की एक विशेष खंडपीठ का गठन किया गया था.
पिछले दिसंबर से वहां एसएससी मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. शीर्ष अदालत ने मामले को छह महीने के भीतर खत्म करने का आदेश दिया. वहीं, जांच एजेंसी सीबीआई, स्कूल सेवा आयोग और मध्य शिक्षा परिषद समेत सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद जस्टिस देवांशु बसाक ने कहा कि फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला रहेगा.
फैसला आने से पहले तृणमूल नेता कुणाल घोष ने एक्स हैंडल पर लिखा कि शिक्षक नौकरी मामले में जहां गलत है, अन्याय है, कार्रवाई होनी चाहिए. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. लेकिन, योग्य उम्मीदवारों को नौकरी पाने से नहीं रोका जाना चाहिए. ममता बनर्जी की सरकार ने सच्ची सद्भावना के साथ उन्हें नौकरियां दिलाने का प्रयास किया है. योग्य लोगों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें अनिश्चितता में नहीं छोड़ा जाएगा. मुझे उम्मीद है कि सरकार के प्रयासों को स्वीकार किया जाएगा.
वहीं, हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सीएम ममता बनर्जी का बड़ा बयान आया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2016 की शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को अवैध करार दिया है, साथ ही कहा कि उनकी सरकार HC के फैसले को चुनौती देगी.
बनर्जी ने उत्तर बंगाल के रायगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं पर न्यायपालिका के एक वर्ग और निर्णयों को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सभी भर्तियों को रद्द करने का अदालत का फैसला गैरकानूनी है. हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने नौकरियां खो दीं. हम सुनिश्चित करेंगे कि आपको न्याय मिले और हम इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे.