नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सीएए पर सुनवाई होगी. इसके खिलाफ 200 से अधिक याचिकाएं दायर की गई है. इसमें प्रमुख रूप से केरल में यूडीएफ सरकार, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUMLआईयूएमएल) व अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है. इन याचिकों में सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई है. साथ ही सीएए को असंवैधानिक करार दिया है.
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है. ओवैसी ने इसमें असम में डेढ़ लाख मुस्लिमों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इतने सारे लोग इस कानून के प्रभाव में आएंगे. केरल सरकार ने सीएए के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग की है. केरल सरकार ने सीएए के नियमों को असंवैधानिक करार दिया है.
राज्य सरकार ने भारत के तीन पड़ोसी देशों के छह धर्मों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए लागू किए गए कानून को चुनौती दी है. केरल की यूडीएफ सरकार का कहना है कि धर्म के आधार पर भेदभाव अनुचित और धर्मनिरपेक्षता सिद्धांतों का उल्लंघन है. आगे यह भी कहा गया कि सीएए पारित होने के चार साल बाद इसे लागू किया गया.
इसका सीधा मतलब है कि केंद्र सरकार को इसकी जल्दबाजी नहीं थी. बता दें कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च को सीएए को लागू कर दिया. इसे 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था. सीएए के तहत भारत के पड़ोसी देशों में शामिल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत सताए गए गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिका प्रदान करना है.