नई दिल्ली: वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के बाहर अमेरिकी वायु सेना के एक सक्रिय-ड्यूटी सदस्य आरोन बुशनेल ने खुद को आग लगा ली. उसने गाजा में इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों के 'नरसंहार' के विरोध में यह कदम उठाया. यह घटना आगामी राष्ट्रपति चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चिंता का एक बड़ा कारण होगा.
बुशनेल रविवार दोपहर एक बजे से कुछ देर पहले दूतावास पहुंचे और ट्विच वीडियो प्लेटफॉर्म पर एक लाइव स्ट्रीम शुरू की. उनकी कार्रवाई का परेशान करने वाला वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ. इससे लोगों की प्रतिक्रियाएं भड़क उठीं जो जो गाजा में इजराइल की कार्रवाई के खिलाफ बुशनेल के अपरंपरागत विरोध से स्तब्ध थे. इस संघर्ष के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. रिपोर्ट में 30,000 लोगों की मौत का संकेत दिया गया है, जिनमें हजारों महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. मैं वायु सेना का एक सक्रिय सदस्य हूं और मैं अब नरसंहार में शामिल नहीं होऊंगा. बुशनेल को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है.
इसके बाद बुशनेल ने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली. झुलसने के कारण बाद में उसने दम तोड़ दिया. स्वतंत्र थिंक टैंक इमेजिंडिया के अध्यक्ष रोबिंदर सचदेव ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह घटना गाजा में युद्ध में अमेरिकी नीतियों के खिलाफ जनमत की गंभीरता को मजबूती करेगी. इस वर्ष राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए निहितार्थ अधिक होंगे.
सचदेव ने कहा कि अरब मूल के अमेरिकी और आम तौर पर अमेरिका के युवा गाजा युद्ध पर बाइडेन प्रशासन की प्रतिक्रिया से नाखुश हैं. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव के महत्व को देखते हुए, यह बाइडेन चुनाव अभियान के लिए एक कड़ा संदेश है. यह एक चरम कदम है (बुशनेल द्वारा उठाया गया). यह निश्चित रूप से गाजा में इजराइल-हमास युद्ध में बाइडेन की नीतियों के बढ़ते विरोध को दर्शाता है.
वास्तव में बाइडेन को भी लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा कि गाजा में युद्ध पर उनकी नीतियां आगामी चुनावों में उनकी संभावनाओं को कैसे प्रभावित करेंगी. सचदेव के अनुसार बाइडेन अभियान को मिशिगन राज्य की चिंता होगी, जो अरब अमेरिकियों की सबसे बड़ी आबादी का गढ़ है. डेमोक्रेटिक प्राइमरीज 27 फरवरी को मिशिगन में आयोजित की गई.
सचदेव ने कहा, 'मिशिगन एक ऐसा राज्य है जहां सिर्फ 20,000-30,000 वोटों के अंतर से कोई उम्मीदवार जीत या हार सकता है.' 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को महज 11,000 वोटों के अंतर से हराया था. हालाँकि, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने ट्रम्प को 1,50,000 वोटों के अंतर से हरा दिया.
हालांकि, इस बार मिशिगन में बाइडेन के लिए चीजें पहले जैसी नहीं होंगी. सचदेव के मुताबिक बाइडेन के पहले के कई समर्थक अब कह रहे हैं कि वे अब उनके प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं. वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार गाजा में इजराइल की कार्रवाइयों के लिए बाइडेन प्रशासन के समर्थन के जवाब में कुछ डेमोक्रेट मतदाताओं से अपने वोटों के माध्यम से बाइडेन का समर्थन करने के बजाय 27 फरवरी को प्राथमिक मतपत्र पर अप्रतिबद्ध विकल्प का चयन करने का आग्रह कर रहे हैं.
डेट्रॉइट फ्री प्रेस की एक अन्य रिपोर्ट में लिसन टू मिशिगन अभियान प्रबंधक लैला एलाबेड के हवाले से कहा गया, 'बिना प्रतिबद्धता के मतदान करने का विकल्प होने से हमें अपना असंतोष दिखाने और बाइडेन को एक संदेश भेजने के लिए एक मजबूत एकीकृत माध्यम मिलता है कि हमें एक स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता है.' लैला की बहन और प्रतिनिधि सभा की सदस्य रशीदा तालिब (डेमोक्रेट-डेट्रॉइट) ने इस प्रयास का समर्थन किया है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिशिगन में डियरबॉर्न शहर के मेयर अब्दुल्ला हम्मौद, साथ ही डियरबॉर्न के आसपास के राज्य और स्थानीय नेता रशीदा तालिब के प्रयास का समर्थन कर रहे हैं. जनगणना के आंकड़ों के अनुसार डियरबॉर्न अमेरिका में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का गढ़ है और लगभग 54 प्रतिशत अरब-अमेरिकी हैं.
हालांकि बाइडेन को मिशिगन में डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतने की उम्मीद है, लेकिन डेमोक्रेट्स के बीच उनका कोई विरोध नहीं है. यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने मतदाता मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए वोट करने के बजाय 'अप्रतिबद्ध' विकल्प चुनते हैं. सचदेव ने कहा, 'मिशिगन में बाइडेन की स्थिति अनिश्चित है.'बाइडेन के यह कहने के साथ कि इजराइल और हमास के बीच अगले सोमवार तक युद्धविराम होने की संभावना है, यह देखना बाकी है कि क्या वाशिंगटन इस राष्ट्रपति चुनाव वर्ष में इजराइल-हमास युद्ध के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल देगा.