भोपाल। पराली जलाने के तमाम नुकसान बताए जाने के बाद भी मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके सहित 9 जिलों के किसान सरकार की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में ही पिछले सवा महीने में 697 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं. जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा जारी किए गए 15 सितंबर से 27 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 1169 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. पंजाब के बाद मध्यप्रदेश पराली जलाने के मामले में दूसरे स्थान पर है. पंजाब में इस दौरान 1995 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए हैं.
मध्यप्रदेश के इन जिलों में नहीं सुधर रहे हालात
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच 1169 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. मध्यप्रदेश के 9 जिले अशोकनगर, दतिया, गुना, शिवपुरी, भिंड, विदिशा, सागर, मुरैना, जबलपुर में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.
- प्रदेश में गुना जिले में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. गुना में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच 380 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि पिछले साल इसी दौरान 275 मामले पराली जलाने के सामने आए थे.
- अशोकनगर जिले में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच 183 नरवाई जलाने के प्रकरण सामने आए हैं. जबकि पिछले साल इसी दौरान 109 मामले नरवाई जलाने के सामने आए थे.
- शिवपुरी जिले में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के 97 मामले आए. साल 2023 में शिवपुरी में 51 मामले सामने आए थे.
- मुरैना जिले में इस साल 26 मामले पराली जलाने के आए हैं. पिछले साल इनकी संख्या 37 थी.
- ग्वालियर जिले में इस साल सिर्फ 11 मामले पराली जलाने के हुए हैं.
- ग्वालियर चंबल इलाके के अलावा विदिशा जिले में 55 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. साल 2023 में इस दौरान 63 मामले थे. सागर जिले में 42 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए.
इन जिलों में किसानों पर समझाइश का असर दिखा
प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके के जिलों में पराली जलाने के मामलों में बढोत्तरी हुई है, वहीं कई जिले ऐसे भी हैं, जहां किसानों में जागरूकता आई है.
- सिवनी जिले में साल 2023 में पराली जलाने के 114 मामले सामने आए थे, लेकिन इस साल सिर्फ 29 मामले सामने आए.
- सीहोर जिले में पिछले साल 47 मामले पराली जलाने के थे, जबकि इस साल 13 मामले सामने आए.
- रायसेन जिले में साल 2023 में 44 मामले सामने आए थे, लेकिन इस साल सिर्फ 11 मामले ही मिले.
- हरदा जिले में इस साल 7 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल 25 मामले थे.
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मध्यप्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए प्रयास
मध्यप्रदेश कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के संचालक राजीव चौधरी बताते हैं "प्रदेश भर में पराली जलाने के मामलों की सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जाती है और जहां भी इस तरह के मामले सामने आते हैं, इसकी सूचना संबंधित कलेक्टर को दी जाती है. प्रदेश में किसानों को लगातार पराली जलाने से खेतों में होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश भर में नरवाई रथ चलाया जा रहा है." नरवाई की समस्या से निजात दिलाने के लिए हैपीसीडर ओर सुपर सीडर भी सब्सिडी पर दी जा रही है. इसकी मदद से किसानों को नरवाई को जलाने की जरूरत नहीं पड़ती. हालांकि इसका असर हुआ है. नरवाई जलाने के मामले पिछले साल के मुकाबले कम हुए हैं.