पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र 12 फरवरी से शुरू होकर 1 मार्च तक चलेगा. बजट सत्र में कुल 11 बैठक होगी. बजट सत्र का पहला दिन महत्वपूर्ण होने जा रहा है. सरकार को सदन के अंदर बहुमत साबित करनी है. नीतीश सरकार विश्वास मत प्राप्त कर लेगी तो 13 फरवरी को बिहार का बजट भी पेश करेगी. ऐसे तो बजट सत्र हर बार लंबा चलता है, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहा है और इसीलिए इसे छोटा किया गया है. सबकी नजर सरकार के फ्लोर टेस्ट और विश्वास मत प्राप्त करने और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर ही लगी है.
बिहार विधानसभा का बजट सत्र: सोमवार को सबसे पहले 11 बजे बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का संबोधन होगा संबोधन के बाद कुछ देर के लिए कार्यवाही को रोक दी जाएगी. उसके बाद सेंट्रल हॉल में विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य पहुंचेंगे. जहां 11:30 बजे विधानसभा के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का विधानसभा के सदस्य और विधान परिषद के सदस्यों को संबोधित करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी.
12 को ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट होगी पेश: विधानसभा सचिव के तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के बारे में सदन को जानकारी दी जाएगी 38 विधायक इसके समर्थन में खड़ा होकर मंजूरी दिलाएंगे. फिर डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगे और विधानसभा अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान होगा. अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया तो फिर नए विधानसभा अध्यक्ष का चयन होगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से अपनी सरकार के लिए विश्वास प्रस्ताव सदन पटल पर रखा जाएगा. 12 फरवरी को ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी. इसके बाद शोक प्रस्ताव होगा फिर सदन की कार्यवाही 13 फरवरी 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी.
एनडीए में 128 विधायक हैं: ऐसे तो बजट सत्र हर बार लंबा चलता है, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहा है और इसीलिए इसे छोटा किया गया है. कुल 11 बैठकें होंगी. सबकी नजर सरकार के विश्वास मत प्राप्त करने और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर ही लगी है. सरकार विश्वास मत प्राप्त कर लेगी तभी सदन की कार्यवाही आगे सुचारू ढंग से चल पाएगी. ऐसे बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं. जिसमें से एनडीए के 128 हैं. इसमें बीजेपी 78, जदयू 45, हम चार और एक निर्दलीय विधायक है.
महागठबंधन में 114 विधायक हैं: वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन में 114 विधायक हैं. राजद 79, कांग्रेस 19, माले 12 सीपीआई 2 सीपीएम दो और एक विधायक एआईएमआईएम के है. अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए एनडीए के 122 विधायक को सदन में इसके पक्ष में मतदान करना होगा. एनडीए के पास बहुमत से 6 विधायक अधिक हैं इसलिए महागठबंधन की तरफ से यदि खेला किया गया तो 7 विधायक एनडीए का कम करना होगा.
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