नई दिल्ली: सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला 'लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024' सोमवार को लोकसभा में पेश किया. विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज सदन में इसे पेश किया. इससे पहले सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी.
इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है. उन्होंने कहा, 'इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है.'
वित्त मंत्री ने अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश किया: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया.
बजट सत्र 2024 के दौरान आज का दिन खास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे. सरकार के रूख का समर्थन करने के लिए सभी बीजेपी सासंदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया. इसके लिए व्हीप जारी किया गया. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार अंतरिम बजट पेश किया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2023-24 अनुदान की अनुपूरक मांगों को दर्शाने वाला एक वक्तव्य (अंग्रेजी और हिंदी में) भी मेज पर रखेंगी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. वहीं, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने 2019 से 2022 के बीच सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए चुने गए 1.5 लाख युवाओं की तत्काल नियुक्ति और पुरानी भर्ती प्रणाली को बहाल करने की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.