नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की संसद में अंतरिम केंद्रीय बजट पेश करने के एक दिन बाद, विधायक आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में शामिल होंगे. सीतारमण ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश किया, जो 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनने तक वोट-ऑन-अकाउंट है.
अपडेट 12:27 बजे: आईयूएमएल के सांसदों ने ज्ञानवापी मामले को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसदों ने शुक्रवार को संसद भवन परिसर में ज्ञानवापी मामले को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष 'ज्ञानवापी मस्जिद बचाओ' और 'पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा करो' लिखीं तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. आईयूएमएल के लोकसभा सांसद ई.टी. मोहम्मद बशीर, कानी के. नवास और अब्दुस्समद समदानी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में पूजा किए जाने का पिछले दिनों आदेश दिया था. मस्जिद समिति ने इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है और इस पर रोक लगाने की मांग की है.
अपडेट:11:50 बजे: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में कहा कि आज देश में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के 60 लाख लाभार्थी हैं. इसका मतलब है कि 12 करोड़ परिवार इस योजना से लाभान्वित हुए हैं.
अपडेट:11:47 बजे:
लोकसभा में कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने डॉक्टरों के खिलाफ ड्यूटी के दौरान हिंसा की घटनाओं का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि 46.3% डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा उनके तनाव का मुख्य कारण है. मैं सरकार से अपने रुख पर पुनर्विचार करने और कानून लाने का आग्रह करता हूं जो डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध करेगा उनके कार्यस्थल में.
अपडेट: 11: 40 बजे :
कांग्रेस के एक सांसद की ओर से कथित तौर पर दक्षिणी राज्यों के लिए 'एक अलग राष्ट्र' की मांग उठाए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में शुक्रवार को हंगामा हुआ और सत्ताधारी पक्ष ने इस बयान को देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता पर हमला करार देते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण और माफी की मांग की.
सदन के नेता पीयूष गोयल की ओर से उठाए गए इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर कोई भी देश को तोड़ने की बात करेगा तो कांग्रेस पार्टी उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद गोयल को बोलने का मौका दिया.
गोयल ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस शासित राज्य के एक उपमुख्यमंत्री के भाई ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक वक्तव्य दिया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वक्तव्य देने वाला कांग्रेस का सांसद भी है. कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने बृहस्पतिवार को कथित तौर पर कहा कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे 'अन्याय' को दूर नहीं किया गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
गोयल ने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है. कांग्रेस पर समय-समय पर देश को बांटने का आरोप लगाते हुए गोयल ने कहा कि ताजा प्रकरण इसका यह एक उदाहरण है. उन्होंने कहा कि जब हम सदन के सदस्य बनते हैं तब देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने की शपथ लेते हैं और संविधान के अनुपालन की शपथ लेते हैं.
उन्होंने कहा कि यह देश के संविधान का अपमान है. देश की एकता और अखंडता पर यह हमला है. सदन के नेता ने कांग्रेस से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस विभाजनकारी सोच को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा. इसका जवाब देते हुए खड़गे ने कहा कि जिस सांसद के वक्तव्य की बात की जा रही है वह दूसरे सदन (लोकसभा) का सदस्य है, लिहाजा इसकी चर्चा उच्च सदन में नहीं की जा सकती. सभापति धनखड़ ने खड़गे की इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस प्रकार की व्यवस्था दी है कि सदन में ऐसे मामलों पर चर्चा की जा सकती है.
इस पर खड़गे ने कहा कि अगर सदस्य ने ऐसा कुछ कहा है तो उसका वीडियो लाकर उसे निचले सदन में सत्तापक्ष की ओर से 'एक्सपोज' किया जा सकता है. सभापति ने इस पर टोकते हुए कहा कि सभी ने संविधान के अंतर्गत शपथ ली है और सांसद ने जो बयान दिया है, वह उनके हिसाब से बहुत गंभीर, अप्रत्याशित और संविधान की भावना के खिलाफ है.
खड़गे ने कहा कि सदन चाहे तो इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति को भेजे और उस पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश को तोड़ने की बात करेगा तो हम कभी सहन नहीं करेंगे. चाहे वह मेरी पार्टी का हो या किसी और पार्टी का हो. इस देश की एकता के लिए... कोई कहे या नहीं कहे... मैं मल्लिकार्जुन खड़गे कहूंगा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत एक है और एक रहेगा.
उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए कांग्रेस के कई नेताओं ने कुर्बानी दी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने प्राणों का बलिदान दिया. उन्होंने सत्ताधारी पक्ष पर तंज कसते हुए कि पूछा कि क्या उसके नेताओं ने देश के लिए कभी कोई कुर्बानी दी?
सभापति धनखड़ ने इस मुद्दे को उठाने वाले गोयल से संबंधित आरोपों को सबूत के साथ सदन में प्रतिस्थापित करने को कहा. डी के सुरेश ने यह भी दावा किया था कि दक्षिण से एकत्रित कर की धनराशि को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा है और दक्षिण भारत को उसका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है. सुरेश, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर वाले बयान पर बोले. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश को तोड़ने की बात करेगा, तो हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे - चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. मल्लिकार्जुन खड़गे खुद कहेंगे कि कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक हम एक हैं और एक रहेंगे..."
संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन बीजेपी सांसद कविता पाटीदार आज राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेंगी. व्यवसायों की सूची के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव अनुदान मांगों 2023-24 पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति की 45 वीं रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में एक बयान देंगे.
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश आज राज्यसभा में 'भारत को लाभ पहुंचाने के लिए स्टार्ट-अप के पारिस्थितिकी तंत्र' पर विभाग से संबंधित वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति की 182वीं रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में एक बयान देने वाले हैं.
इससे पहले, राष्ट्रपति मुर्मू ने बुधवार को संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 2023 देश के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था जब इसने सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का टैग बरकरार रखा. केंद्र सरकार की ओर से उन्होंने संसद को बताया कि वर्ष 2023 भारत के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था, जब वैश्विक संकट के बावजूद प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में यह सबसे तेजी से बढ़ी. लगातार दो तिमाहियों में भारत की वृद्धि दर लगभग 7.5 प्रतिशत रही. चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इस प्रकार यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रही.
उन्होंने कहा कि सरकार भारत में कारोबार करना आसान बनाने और उपयुक्त माहौल बनाने पर लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, हमने भारत को नाजुक पांच देशों से शीर्ष पांच देशों की सूची में आते देखा है. एफडीआई दोगुना हो गया है...आज, एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप शामिल किए गए हैं. लगभग 77 मिनट तक चले उनके संबोधन से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हुई. सरकारी कामकाज की अनिवार्यताओं के अधीन, सत्र 9 फरवरी को समाप्त होगा. नए संसद भवन में राष्ट्रपति मुर्मू का यह पहला संबोधन था.