लखनऊ : लखनऊ समेत यूपी में 2G, 3G के बाद भारत संचार निगम लिमिटेड जल्द ही 4G सर्विस उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराएगा. इसके अलावा अब 5G पर भी तेजी से काम शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में बीएसएनएल अन्य प्राइवेट सेक्टर की टेलीकॉम कंपनियों की कतार में खड़ा हो जाएगा. बीएसएनएल के उपभोक्ता 5G सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.
स्थापित की जा रही टेस्ट लैब : भारत संचार निगम लिमिटेड 5G का उपयोग देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए भी करेगा. इसके लिए हाईटेक इक्विपमेंट (उपकरण) तैयार कराए जाएंगे. सीडॉट ने टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है और उपकरणों का जिम्मा टाटा की तेजस कंपनी को सौंपा है. टेस्ट लैब भी स्थापित की जा रहीं हैं. कई शिक्षण संस्थानों, मेडिकल संस्थानों, आईआईटी और कृषि कॉलेजों को टेस्ट लैब के लिए जोड़ा गया है.
500 करोड़ की सब्सिडी का फैसला : भारत संचार निगम लिमिटेड के अधिकारी बताते हैं कि भारत सरकार देश में 100 5G टेस्ट लैब स्थापित करने की तैयारी कर रही है. प्राइवेट और सरकारी शिक्षण संस्थानों की ओर से यह लैब बनाने पर उन्हें सब्सिडी दी जाएगी. 5G सर्विस से तमाम तकनीक और इक्विपमेंट भारत में ही बने इसके लिए सरकार ने 5G सर्विस से संबंधित स्टार्टअप शुरू करने के लिए 500 करोड़ की सब्सिडी देने का भी फैसला लिया था.
मद्रास आईआईटी को मिला मुख्य कार्य : अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है. दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मद्रास आईआईटी को इसमें मुख्य काम दिया गया है. देश के विभिन्न आईआईटी इस पर काम कर रहे हैं. कानपुर आईआईटी भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है. मेडिकल और एग्रीकल्चर में 5G तकनीक से क्रांति लाई जा सके इसे लेकर अब तेजी से तैयारी शुरू हो गई है.
5G टेक्नोलॉजी सी डॉट ने विकसित की है और इक्विपमेंट बनाने का काम टाटा की तेजस कंपनी को सौंपा गया है. बड़े स्तर पर इस दिशा में काम हो रहा है. आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को 5G की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
चल रहा अलग-अलग ट्रायल : अपर महानिदेशक दूरसंचार विभाग घनश्याम चतुर्वेदी ने बताया कि 5G के इक्विपमेंट अपने देश में बनें उसका अलग-अलग तरह का ट्रायल चल रहा है. तरह-तरह के रिसर्च टेक्नोलॉजी में इन दिनों किए जा रहे हैं. 4G, 5G या जो 6G आएगा अब हम इस आत्मनिर्भर बनेंगे और उसके लिए इक्विपमेंट अपने यहां ही बनाएंगे.
अपर महानिदेशक ने बताया कि यह काम तेजस को दिया गया है जो टाटा की कंपनी है. टेक्नोलॉजी सीडीओटी ने डेवलप की है. कुछ इक्विपमेंट कहीं-कहीं से आए हैं, लगे भी हैं. उनके ट्रायल चल रहे हैं. सभी तरह की टेस्टिंग की जा रही है. इसके बाद ही लार्ज स्केल पर इसे मैन्युफैक्चर किया जाएगा. बहुत जल्द ये होने वाला है.
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