दुमका: सीपीएम की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने मांग की है कि अभी हिंडनबर्ग ने जो रिपोर्ट दी है उसकी जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के द्वारा कराई जाए. आज दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग के खुलासे से यह स्पष्ट है कि सेबी चीफ की भी इसमें भूमिका है तो उनके द्वारा किये गए जांच का कोई मतलब नहीं रह जाता. ऐसे में संयुक्त संसदीय समिति इसकी जांच करे.
वृंदा करात ने कहा कि बांग्लादेश में छात्रों द्वारा भ्रष्टाचार और वहां की सरकार के तानाशाही रवैया के खिलाफ संघर्ष किया गया और इसी का परिणाम था कि शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. वृंदा करात ने कहा कि यह सच है कि वहां के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले हो रहे हैं और मैं इसकी निंदा करती हूं पर संघ परिवार और पश्चिम बंगाल के भाजपा के नेताओं के द्वारा वहां हो रही हिंसा का फेक वीडियो भी बना कर चलाया जा रहा है.
हमारे पास कुछ ऐसे सबूत आये हैं, जिसमें साफ है कि ऐसे स्थान पर जहां किसी तरह की घटना नहीं हुई, वहां का भी वीडियो बनाकर वायरल किया जा रहा है. ऐसे संवेदनशील वीडियो की वजह से माहौल खराब हो रहा है. भारत सरकार को वहां हो रही हिंसा पर बांग्लादेश सरकार से बात कर उसे रुकवाना चाहिए. इसके साथ ही ऐसे भ्रामक वीडियो जो माहौल खराब कर रहे हैं उस पर भी अंकुश लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए.
कोयला और पत्थर खदानों की वजह से झारखंड बन गया है नरक खंड
वृंदा करात ने कहा कि झारखंड में जिस तरह कोयला और पत्थर खदानों से नियमों को ताक पर रखकर माइनिंग हो रही है. सुरक्षा के मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. विस्थापितों की समस्या बढ़ती जा रही है, बढ़ते प्रदूषण को रोकने की दिशा में कोई ठोस काम नहीं हो रहा है. माइनिंग एरिया के लोगों के विकास और सुरक्षा के लिए माइनिंग फंड है उसका सही प्रयोग नहीं हो रहा है. इन सब अनियमितताओं को देखकर ऐसा लगता है कि झारखंड नरक खंड बन गया है. इसके लिए केंद्र सरकार तो जिम्मेदार है ही राज्य सरकार भी अपना काम सही ढंग से नहीं कर रही है.
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