मुंबई: योग गुरु बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को कपूर उत्पाद से जुड़े ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में अदालत के अंतरिम आदेश का उल्लंघन करने पर 50 लाख रुपये जमा करने को कहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस आरआई छागला ने 8 जुलाई को यह आदेश दिया था. आदेश की कॉपी बुधवार को उपलब्ध कराई गई.
हाईकोर्ट ने मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में 2023 में पतंजलि को अपने कपूर उत्पाद को बेचने से रोक दिया था. कोर्ट ने पाया कि पतंजलि ने अगस्त 2023 में पारित आदेश के बाद खुद कपूर उत्पादों की आपूर्ति करने की बात स्वीकार की है.
जस्टिस छागला ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी संख्या-1 (पतंजलि आयुर्वेद) द्वारा 30 अगस्त 2023 के निषेधाज्ञा आदेश का इस तरह उल्लंघन अदालत की ओर से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आदेश के उल्लंघन/अवमानना के लिए फैसला सुनाने से पहले पतंजलि आयुर्वेद को 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश देना सही होगा. हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को तय की है.
अगस्त 2023 में, हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को अपने कपूर उत्पादों को बेचने और उनका विज्ञापन करने से रोकने वाला अंतरिम आदेश पारित किया था. मंगलम ऑर्गेनिक्स द्वारा मुकदमे दायर कर पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ उसके कपूर उत्पादों के कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. बाद में मंगलम कंपनी ने हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया कि पतंजलि ने अंतरिम आदेश का उल्लंघन किया है, क्योंकि उसने कपूर उत्पादों की बिक्री जारी रखी है.
इसके बाद पतंजलि के निदेशक रजनीश मिश्रा ने बिना शर्त माफी मांगते हुए अदालत में एक हलफनामा दायर किया। मिश्रा ने हलफनामे में कहा कि निषेधाज्ञा आदेश के बाद 24 जून तक 49,57,861 रुपये के कपूर उत्पाद की आपूर्ति की गई. 25,94,505 रुपये के उत्पाद अभी भी वितरकों के पास थे और उनकी बिक्री रोक दी गई थी.
हालांकि, मंगलम ऑर्गेनिक्स ने दावे का विरोध किया और कहा कि पतंजलि ने 24 जून के बाद भी उत्पाद बेचे. मंगलम ने बताया कि 8 जुलाई को पतंजलि की वेबसाइट पर कपूर उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध थे.
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