लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दे दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने सनातन विरोधी बयानों के चलते चर्चा में आ चुके हैं. विधान परिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता क्यों पड़ी. राम राम क्या निर्जीव हैं क्या निष्प्राण हैं जो उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुद्दे पर की जा रही चर्चा पर भड़कते हुए कहा था कि क्या रामलला निर्जीव हैं, क्या वह निष्प्राण हैं जो उनको प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता पड़ रही है. वह लगातार इस बात को दोहराते रहे. इसके बाद काफी देर तक सदन में हंगामा होता रहा. सदन के बाहर इस मुद्दे पर राजनीति गर्म हो गई है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने इस विषय पर कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं. उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर कहा है कि यह सब कुछ अखिलेश यादव की स्क्रिप्ट है.
अखिलेश यादव जो भी कहते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य वही बयान देते हैं. इसीलिए इतने आपत्तिजनक बयान देने के बावजूद उनको पार्टी से बाहर नहीं किया जा रहा. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने इस मुद्दे पर कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य निश्चित तौर पर समाजवादी पार्टी को रसातल में ले जाएंगे.
स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले रामचरितमानस को दलित विरोधी साहित्य कह चुके हैं. दिल्ली में एक सभा के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म को धर्म मानने से ही इनकार कर दिया था. इसी तरह से समय-समय पर स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म विरोधी बयान देते रहते हैं और चर्चाओं में बने रहते हैं. इसके बावजूद समाजवादी पार्टी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं कर रही है.
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