रायपुर :छत्तीसगढ़ से बीजेपी ने जो उम्मीद की थी,ठीक वैसा ही हुआ. जनता से बीजेपी ने जो उम्मीद पाली थी, उसे पूरा सहयोग जनता दे दिया है. उसकी वजह भी है कि मोदी के दावे. मोदी की गारंटी,बीजेपी का दावा और विकास का वादा डबल इंजन की सरकार ये सब वो बड़ी बातें थी जो बीजेपी के पक्ष में गई. लेकिन जीत के बाद भी प्रदेश में बीजेपी के लिए चुनौतियां बड़ी हैं. बीजेपी को इसके लिए चिंता भी करनी चाहिए. क्योंकि जिस नारे को लेकर 2024 का चुनाव लड़ने की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने की उसे जनता ने हाथों हाथ लिया.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार सबसे ज्यादा समय तक रही : 2000 में छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग करके बनाया गया. जब सरकार बनने का सिलसिला शुरू हुआ तो अजीत जोगी के शासनकाल को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी सरकार सबसे ज्यादा सत्ता में रही है. रमन सिंह राज्य के सबसे लंबे समय तक काम करने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं, विकास के इसी भरोसे को बीजेपी ने चलाया भी. 2014 में मोदी के लहर के बावजूद छत्तीसगढ़ में दो इंजन के सरकार के विकास वाली कहानी नहीं दोहरा पाई. यही वजह थी कि 2018 में जनता ने सरकार को बदल दिया. बीजेपी के लिए चुनौती 2018 में इसलिए खड़ी हुई थी कि छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार को फिर से लाना था. लेकिन ऐसा ना हो सका.लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी के बूते बीजेपी ने फिर से कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया.यही गारंटी लोकसभा चुनाव में भी काम आई.
नक्सलवाद को खत्म करना बड़ी चुनौती : छत्तीसगढ़ के लिए सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ को नक्सल के नासूर से निजात दिलाना है. जिसके लिए नरेंद्र मोदी समेत पूरी बीजेपी ने गारंटी ली है. छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार पूरी रफ्तार से चल रही है. मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में सांय सांय चल रही है. किसानों को उनके फसल का उचित दाम मिलेगा, जल जंगल जमीन पर किसानों को उनका हक दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ से पलायन न हो, इस पर सरकार काम करेगी. रोजगार के अवसर पैदा होंगे,जनता को बस यही चाहिए.
क्यों है बीजेपी के लिए कांटों का ताज: राजनीति के जानकार का कहना है कि यदि जनता की इस उम्मीद को 2024 के परिणाम के बाद भी बीजेपी पूरा नहीं करती है, तो शायद जनता को ऐसा महसूस जरूर होगा कि 23 के दावे 24 के वादे , दो इंजन की सरकार, विकास की बात ,सब मोदी की गारंटी में जुमला बनकर रह गया. क्योंकि ऐसी कई बातें बीजेपी की तरफ से आई भी हैं. कहीं भी गई हैं, हुआ भी है. ऐसा कुछ भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिखा, तो निश्चित तौर पर 2023 का भरोसा 24 का विश्वास दोनों दो इंजन के रफ्तार वाले भरोसे से टूटेगा. इसलिए बीजेपी के लिए 2023 का फतेह 2024 की जीत छत्तीसगढ़ को चलाने के लिए किसी कांटे भरा ताज से कम नहीं है.