नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तमिलनाडु की मंत्री अनिता राधाकृष्णन समेत विपक्षी नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा मंगलवार को उठाया और निर्वाचन आयोग से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के खिलाफ स्वयं ही कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया.
भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में विभिन्न राज्यों में चुनाव अधिकारियों के 'अलग-अलग' रुख अपनाए जाने का जिक्र किया और दावा किया कि कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में नेताओं के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं किया गया है. इन सभी राज्यों में भाजपा की प्रतिद्वंद्वी पार्टियों की सरकार है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और महासचिव विनोद तावड़े सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस 'विसंगति' को रेखांकित करने के लिए निर्वाचन आयोग से मुलाकात की.
तावड़े ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी नेता लगातार मोदी के विरुद्ध 'अपशब्द' कह रहे हैं और महिला शक्ति तथा भारतीय संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया अभी शुरू हुई है और आयोग को आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि तमिलों के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के लिए कर्नाटक से लोकसभा चुनाव लड़ रहीं केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई लेकिन तमिलनाडु के एक मंत्री और द्रमुक नेता की आपत्तिजनक टिप्पणी की कोई निंदा नहीं की गई.
संजय राउत के खिलाफ शिकायत : इस संदर्भ में तावड़े ने शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से करने पर भी प्रकाश डाला, जिसे कई धार्मिक कट्टरपंथी मानते हैं.
उन्होंने कहा कि शोभा करंदलाजे के मामले में कार्रवाई की गई है लेकिन अन्य राज्यों में चुनाव अधिकारियों का अलग रुख है. उन्होंने कहा, 'हमने चुनाव आयोग से सही समय पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया. हमें आश्वासन दिया गया है कि आयोग इन मुद्दों को देखेगा.' प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता ओम पाठक और संजय मयूख भी शामिल थे.
भाजपा ने राधाकृष्णन के खिलाफ आयोग के समक्ष लिखित शिकायत भी दर्ज की. राधाकृष्णन ने एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. पार्टी ने मांग की कि आयोग उन्हें चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित करे और द्रमुक नेता को माफी मांगने का निर्देश दे. इसमें कहा गया है कि राधाकृष्णन के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जानी चाहिए.
शिकायत में भारतीय संस्कृति के कथित अपमान और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा समेत द्रमुक नेताओं द्वारा व्यक्तिगत हमलों का भी जिक्र किया गया है. राजा ने कहा था कि तमिलनाडु भारत माता और जय श्रीराम जैसे शब्दों को कभी स्वीकार नहीं करेगा.