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क्या लोकसभा चुनाव के बीच मंदिर से दूरी बना रहे विपक्षी नेता, भाजपा ने लगाया तुष्टीकरण का आरोप - Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीन चरण पूरे चुके हैं और यदि देखा जाए तो 2019 की तरह इस बार विपक्षी दलों में टेंपल रन यानी मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेकने का सिलसिला शुरू नहीं हुआ है. आखिर क्या ऐसी वजह है, क्या पिछले चुनाव के परिणाम के कारण कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां मंदिर से दूरी बना रही हैं. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 9, 2024, 9:12 PM IST

BJP Leader RP Singh
भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह (फोटो- ETV Bharat)
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह का बयान (ETV Bharat)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान पूरा हो चुका, मगर पिछले चुनाव की तरह इस बार विपक्षी पार्टियों में बीजेपी की तरह मंदिर जाने की होड़ नजर नहीं आ रही है. इसकी वजह ये भी है कि शायद पिछली बार विपक्ष का ये फॉर्मूला फेल साबित हो चुका है, इसलिए विपक्षी पार्टियां अब मुस्लिम तुष्टीकरण पर ही ध्यान दे रही हैं.

चौथे चरण की वोटिंग से पहले इंडी गठबंधन में शामिल आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव का मुस्लिम आरक्षण के पक्ष में बयान देना और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव का ये कहना कि अयोध्या में बने राम मंदिर का नक्शा सही नहीं हैं...कहीं ना कहीं मुस्लिम तुष्टीकरण की ओर इशारा करता है.

चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है और इन सीटों पर कुल 130 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में अकबरपुर, बहराइच, धौराहरा, इटावा, खीरी, फर्रूखाबाद, हरदोई, कन्नौज, कानपुर, मिश्रिख, शाहजहांपुर, सीतापुर और उन्नाव सीट पर चुनाव होना है. इन सीटों पर हिंदू वोट ज्यादा है. इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इंडी गठबंध के नेतओं द्वारा ये बयान वोटों के ध्रुवीकरण के लिए दिया गया है या सपा नेता का ये विवादित बयान 'इंडिया' गठबंधन के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है. ऐसे में बीजेपी भी कहां चुप बैठने वाली. भाजपा ने कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों से सवाल किया है कि आखिर कांग्रेस नेताओं का टेंपल रन इस बार क्यों नहीं दिख रहा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बात उठा चुके हैं. इसके बाद बीजेपी के नेता भी गांधी परिवार से ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर पिछली बार जिस तरह राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा मंदिर-मंदिर माथा टेक रहे थे, इस बार क्यों नहीं जा रहे.

इस संबंध में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी इस बार मंदिर जाते हुए नहीं दिख रहे. वो यूपी में अमेठी भी गए, रायबरेली भी गए, लेकिन वहां तक जाकर भी रामलला के दर्शन करने अयोध्या नहीं गए. कांग्रेस नेता मंदिर जाने से कतरा रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि उन्हें इस बार पता लग गया है कि हिंदू वोट उन्हें नहीं मिलने वाला इसलिए वे सिर्फ मुस्लिमों के तुष्टीकरण की बात कर रहे हैं.

भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि यह बात इस बार कांग्रेस के घोषणापत्र से भी साबित होती है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वो मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू करेंगे, जिसका मतलब राहुल गांधी शरीयत कानून को लागू करने के बात कर रहे हैं, जिसमें तीन तलाक, हलाल जैसी कुरीतियां शामिल हैं. उन्होंने सवाल किया कि ये तुष्टीकरण नहीं तो आखिर क्या है.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव चौथा चरण: अखिलेश से यूसुफ पठान तक, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर, जानें प्रमुख सीटों के समीकरण

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह का बयान (ETV Bharat)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान पूरा हो चुका, मगर पिछले चुनाव की तरह इस बार विपक्षी पार्टियों में बीजेपी की तरह मंदिर जाने की होड़ नजर नहीं आ रही है. इसकी वजह ये भी है कि शायद पिछली बार विपक्ष का ये फॉर्मूला फेल साबित हो चुका है, इसलिए विपक्षी पार्टियां अब मुस्लिम तुष्टीकरण पर ही ध्यान दे रही हैं.

चौथे चरण की वोटिंग से पहले इंडी गठबंधन में शामिल आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव का मुस्लिम आरक्षण के पक्ष में बयान देना और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव का ये कहना कि अयोध्या में बने राम मंदिर का नक्शा सही नहीं हैं...कहीं ना कहीं मुस्लिम तुष्टीकरण की ओर इशारा करता है.

चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है और इन सीटों पर कुल 130 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में अकबरपुर, बहराइच, धौराहरा, इटावा, खीरी, फर्रूखाबाद, हरदोई, कन्नौज, कानपुर, मिश्रिख, शाहजहांपुर, सीतापुर और उन्नाव सीट पर चुनाव होना है. इन सीटों पर हिंदू वोट ज्यादा है. इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इंडी गठबंध के नेतओं द्वारा ये बयान वोटों के ध्रुवीकरण के लिए दिया गया है या सपा नेता का ये विवादित बयान 'इंडिया' गठबंधन के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है. ऐसे में बीजेपी भी कहां चुप बैठने वाली. भाजपा ने कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों से सवाल किया है कि आखिर कांग्रेस नेताओं का टेंपल रन इस बार क्यों नहीं दिख रहा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बात उठा चुके हैं. इसके बाद बीजेपी के नेता भी गांधी परिवार से ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर पिछली बार जिस तरह राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा मंदिर-मंदिर माथा टेक रहे थे, इस बार क्यों नहीं जा रहे.

इस संबंध में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी इस बार मंदिर जाते हुए नहीं दिख रहे. वो यूपी में अमेठी भी गए, रायबरेली भी गए, लेकिन वहां तक जाकर भी रामलला के दर्शन करने अयोध्या नहीं गए. कांग्रेस नेता मंदिर जाने से कतरा रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि उन्हें इस बार पता लग गया है कि हिंदू वोट उन्हें नहीं मिलने वाला इसलिए वे सिर्फ मुस्लिमों के तुष्टीकरण की बात कर रहे हैं.

भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि यह बात इस बार कांग्रेस के घोषणापत्र से भी साबित होती है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वो मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू करेंगे, जिसका मतलब राहुल गांधी शरीयत कानून को लागू करने के बात कर रहे हैं, जिसमें तीन तलाक, हलाल जैसी कुरीतियां शामिल हैं. उन्होंने सवाल किया कि ये तुष्टीकरण नहीं तो आखिर क्या है.

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