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चुनाव के बीच मुस्लिम आबादी पर छिड़ी बहस, भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल, विपक्ष ने वोट पाने का 'हथकंडा' बताया - Muslim Population

BJP on Increase In Muslim Population: जनसंख्या पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की ताजा रिपोर्ट आने के बाद भाजपा ने मुसलमानों की आबादी में वृद्धि पर सवाल उठाए हैं. साथ ही आरोप लगाया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण कोटा में कटौती करेगी और इसे मुस्लिमों को देगी. वहीं, विपक्ष ने रिपोर्ट को विवाद पैदा कर वोट हासिल करने का प्रयास बताया है. पढ़ें पूरी खबर.

BJP Spokesperson Sudhanshu Trivedi
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (फोटो- ANI)
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By PTI

Published : May 9, 2024, 7:37 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच भाजपा ने मुसलमानों की जनसंख्या का मुद्दा उठाया है और देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है. भाजपा ने गुरुवार को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण पर मुस्लिम आबादी के प्रभाव पर आश्चर्य जताया और दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण कोटा प्रदान करेगी.

भाजपा का यह बयान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की हालिया रिपोर्ट पर आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदू आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है. 'धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी: एक क्रॉस-कंट्री विश्लेषण (1950-2015)' शीर्षक वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत की आबादी में जैन लोगों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.36 प्रतिशत हो गई.

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग से पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यही सच्चाई है और लगभग एक दशक से इस पर चर्चा हो रही है. 1951 की जनगणना के समय देश की हिंदुओं की आबादी 88 प्रतिशत थी और 9.5 फीसदी मुस्लिम थे. 2011 की जनगणना में हिंदू की आबादी 80 प्रतिशत से घटकर 79.8 प्रतिशत हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी का प्रतिशत 14.5 से अधिक हो गया. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि अगर इसी गति से जनसंख्या बढ़ती रही और कांग्रेस जनसंख्या के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने पर आमादा हो गई, तो एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से में कटौती की जाएगी.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो भविष्य में मुस्लिम आबादी में वृद्धि के साथ आरक्षण की हिस्सेदारी में बदलाव करती रहेगी, जिसकी संभावना अधिक है क्योंकि मुसलमानों के एक से ज्यादा शादी करने की संभावना है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी आरक्षण में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ती रहेगी, क्योंकि मुसलमानों को कांग्रेस से सेक्युलर कवर मिला हुआ है. इसलिए यह एक बड़ा सवाल और बड़ी चुनौती है जिसका कांग्रेस को जवाब देना होगा.

क्या अवैध अप्रवास-धर्मांतरण से हो रही मुस्लिम आबादी में वृद्धि
वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ईएसी-पीएम की रिपोर्ट कई सवाल उठाती है, क्योंकि एक विशेष समुदाय अपनी आबादी इस तरह से बढ़ा रहा है जैसे भारत की जनसांख्यिकी को बदला जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अवैध अप्रवास और धर्मांतरण के कारण मुस्लिम आबादी में वृद्धि हो रही है?

विपक्ष ने लगाया समाज को बांटने की कोशिश का आरोप
उधर, विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा पर इस रिपोर्ट के जरिये समाज को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. सीपीआई महासचिव डी राजा और राजद नेता तेजस्वी यादव ने जनगणना नहीं कराने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट को विवाद पैदा करके वोट हासिल करने का प्रयास बताया.

ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव चौथा चरण: अखिलेश से यूसुफ पठान तक, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर, जानें प्रमुख सीटों के समीकरण

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच भाजपा ने मुसलमानों की जनसंख्या का मुद्दा उठाया है और देश में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है. भाजपा ने गुरुवार को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण पर मुस्लिम आबादी के प्रभाव पर आश्चर्य जताया और दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण कोटा प्रदान करेगी.

भाजपा का यह बयान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की हालिया रिपोर्ट पर आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदू आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है. 'धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी: एक क्रॉस-कंट्री विश्लेषण (1950-2015)' शीर्षक वाली रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत की आबादी में जैन लोगों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.36 प्रतिशत हो गई.

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग से पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यही सच्चाई है और लगभग एक दशक से इस पर चर्चा हो रही है. 1951 की जनगणना के समय देश की हिंदुओं की आबादी 88 प्रतिशत थी और 9.5 फीसदी मुस्लिम थे. 2011 की जनगणना में हिंदू की आबादी 80 प्रतिशत से घटकर 79.8 प्रतिशत हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी का प्रतिशत 14.5 से अधिक हो गया. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि अगर इसी गति से जनसंख्या बढ़ती रही और कांग्रेस जनसंख्या के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने पर आमादा हो गई, तो एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से में कटौती की जाएगी.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो भविष्य में मुस्लिम आबादी में वृद्धि के साथ आरक्षण की हिस्सेदारी में बदलाव करती रहेगी, जिसकी संभावना अधिक है क्योंकि मुसलमानों के एक से ज्यादा शादी करने की संभावना है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी आरक्षण में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ती रहेगी, क्योंकि मुसलमानों को कांग्रेस से सेक्युलर कवर मिला हुआ है. इसलिए यह एक बड़ा सवाल और बड़ी चुनौती है जिसका कांग्रेस को जवाब देना होगा.

क्या अवैध अप्रवास-धर्मांतरण से हो रही मुस्लिम आबादी में वृद्धि
वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ईएसी-पीएम की रिपोर्ट कई सवाल उठाती है, क्योंकि एक विशेष समुदाय अपनी आबादी इस तरह से बढ़ा रहा है जैसे भारत की जनसांख्यिकी को बदला जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अवैध अप्रवास और धर्मांतरण के कारण मुस्लिम आबादी में वृद्धि हो रही है?

विपक्ष ने लगाया समाज को बांटने की कोशिश का आरोप
उधर, विपक्षी दलों के नेताओं ने भाजपा पर इस रिपोर्ट के जरिये समाज को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. सीपीआई महासचिव डी राजा और राजद नेता तेजस्वी यादव ने जनगणना नहीं कराने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट को विवाद पैदा करके वोट हासिल करने का प्रयास बताया.

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