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BJP विधायक का दावा- फर्जी तरीके से बनवा ली थी आतंकी संगठन के सदस्य ने आईडी, जानें पूरा मामला - PFI member arrested

सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी ने बताया कि करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसका पहचान पत्र रायबरेली के दौरान ब्लॉक के पाल्हीपुर गांव में बनाया गया था.

आरोपी गिरफ्तार
आरोपी गिरफ्तार (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 6:01 PM IST

Updated : Jul 21, 2024, 7:38 PM IST

रायबरेली: जनपद के सलोन विकासखण्ड में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में एटीएस की जांच में हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है. विधानसभा सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी की दखलअंदाजी के बाद इस फर्जीवाड़े की जांच एटीएस को सौंप दी गई थी.

अशोक कुमार कोरी ने बताया कि करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसका पहचान पत्र रायबरेली के दौरान ब्लाक के पाल्हीपुर गांव में बनाया गया था. इसके बाद जांच एजेंसियों की जांच की दिशा बदल गई.

विधायक ने बताया कि केरल पुलिस और सुरक्षा एजेंसी ने यूपी पुलिस से संपर्क किया, तो जांच टीम एक हफ्ते पहले केरल से पहुंची. यहां के स्थानीय प्रशासन से संपर्क करके पालहीपुर गांव पहुंचे. यहां ग्राम विकास अधिकारी नित्यानंद राय से मुलाकात कर जानकारी ली, तब मालूम पड़ा कि नित्यानंद राय को इस मामले में कोई भी जानकारी नहीं है.

उन्होंने दस्तावेज चेक किये, तो होश उड़ गए. जांच में सामने आए की पहचान पत्र एक महीने पहले तक उस गांव में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने जारी किया था. इसके बाद पुलिस विजय यादव तक पहुंची.

ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से 19184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए थे. सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले आईपी एड्रेस का पता किया. वहां से प्रमाण पत्र बना, यह एक जन सेवा केंद्र का निकला, जो कि सालोन में मौजूद है. पुलिस ने उसके संचालक को उठा लिया और दस्तावेज खंगाला गया, तो उसके पास ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव का सीयूजी नंबर और उनके डिजिटल साइन का आईडी पासवर्ड मिला. इसके बाद पुलिस ने विजय यादव को भी हिरासत में ले लिया.

वहीं, जांच में पता चला कि विजय यादव की आईडी से लगभग 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे. इसमें ज्यादातर जन्म प्रमाण पत्र थे, जो 5 हजार रुपये में बनाए गए थे. मामला देश की सुरक्षा से जुड़ने के बाद पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई. इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव, साइबर कैफे संचालक जीशान खान, पिता रियाज खान, जीशान के परिवार के अन्य सदस्य को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.

वहीं, केरल की टीम ने दो दिन तक यहां, जांच की तब 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया, तो उन्हें प्रदेश सरकार को सूचित किया. रायबरेली के जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, एसपी अभिषेक अग्रवाल को मामले की जानकारी दी गई. इसके बाद एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी, आईजी रेंज प्रशांत कुमार, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने मामले की गंभीरता को समझा और इसकी जांच एटीएस को सौंप दी गई.

विधायक अशोक कुमार कोरी ने बताया कि वह 18 साल तक एयर इंडिया के सिक्योरिटी ऑफिसर रहे हैं. ऐसे में उन्हें मामले की गंभीरता का पता था. उन्होंने इसके लिए डीएम, एसपी, एडीएम और दूसरे अधिकारियों से बात की, लेकिन को किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उनका आरोप है की ब्लॉक प्रशासन ने इस मामले में दबाने की कोशिश की. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय और दूसरे उच्च अधिकारी को जानकरी देने के बाद मामले में तेजी आई और एटीएस ने जांच शुरू की.

भाजपा विधायक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी को बचाने के लिए स्थानीय महकमा सक्रिय हो गया था. हालांकि, उनके दबाव बनाने के बाद सहायक विकास अधिकारी जितेंद्र सिंह के तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव समेत तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. विजय यादव को निलंबित कर विभाग की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.

उन्होंने बताया कि जांच में ग्राम पंचायत सिरफिरा, लुहेरेपुर, नूरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनन्तपुर और गढ़ी इस्लामनगर में वर्ष 2023 में अनियमित तरीके से प्रमाण पत्र जारी किए जाने की भी पुष्टि हुई है. इन सभी गांव में ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव तैनात रहा.

विधायक ने यह भी बताया कि पुलिस अफसर को मैंने बताया कि जीशान को यदि नहीं पकड़ा गया, तो वह देश छोड़कर भाग जाता. इसके पास वीजा पासपोर्ट भी है, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ घंटे थाने बैठने के बाद शांति भंग में चालान किया. एसडीएम कोर्ट से उसे तुरंत जमानत दे दी गई. ऐसे में एसडीएम से लेकर अन्य अधिकारियों की भूमिका भी शक के घेरे में है.

यह भी पढ़ें: रायबरेली में डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने CHC का किया औचक निरीक्षण, गायब कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश

यह भी पढ़ें: यूपी में मिशन 2027 की तैयारी में जुटी कांग्रेस, राहुल गांधी 9 जुलाई को रायबरेली का करेंगे दौरा

रायबरेली: जनपद के सलोन विकासखण्ड में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में एटीएस की जांच में हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है. विधानसभा सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी की दखलअंदाजी के बाद इस फर्जीवाड़े की जांच एटीएस को सौंप दी गई थी.

अशोक कुमार कोरी ने बताया कि करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसका पहचान पत्र रायबरेली के दौरान ब्लाक के पाल्हीपुर गांव में बनाया गया था. इसके बाद जांच एजेंसियों की जांच की दिशा बदल गई.

विधायक ने बताया कि केरल पुलिस और सुरक्षा एजेंसी ने यूपी पुलिस से संपर्क किया, तो जांच टीम एक हफ्ते पहले केरल से पहुंची. यहां के स्थानीय प्रशासन से संपर्क करके पालहीपुर गांव पहुंचे. यहां ग्राम विकास अधिकारी नित्यानंद राय से मुलाकात कर जानकारी ली, तब मालूम पड़ा कि नित्यानंद राय को इस मामले में कोई भी जानकारी नहीं है.

उन्होंने दस्तावेज चेक किये, तो होश उड़ गए. जांच में सामने आए की पहचान पत्र एक महीने पहले तक उस गांव में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने जारी किया था. इसके बाद पुलिस विजय यादव तक पहुंची.

ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से 19184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए थे. सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले आईपी एड्रेस का पता किया. वहां से प्रमाण पत्र बना, यह एक जन सेवा केंद्र का निकला, जो कि सालोन में मौजूद है. पुलिस ने उसके संचालक को उठा लिया और दस्तावेज खंगाला गया, तो उसके पास ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव का सीयूजी नंबर और उनके डिजिटल साइन का आईडी पासवर्ड मिला. इसके बाद पुलिस ने विजय यादव को भी हिरासत में ले लिया.

वहीं, जांच में पता चला कि विजय यादव की आईडी से लगभग 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे. इसमें ज्यादातर जन्म प्रमाण पत्र थे, जो 5 हजार रुपये में बनाए गए थे. मामला देश की सुरक्षा से जुड़ने के बाद पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई. इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव, साइबर कैफे संचालक जीशान खान, पिता रियाज खान, जीशान के परिवार के अन्य सदस्य को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.

वहीं, केरल की टीम ने दो दिन तक यहां, जांच की तब 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया, तो उन्हें प्रदेश सरकार को सूचित किया. रायबरेली के जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, एसपी अभिषेक अग्रवाल को मामले की जानकारी दी गई. इसके बाद एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी, आईजी रेंज प्रशांत कुमार, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने मामले की गंभीरता को समझा और इसकी जांच एटीएस को सौंप दी गई.

विधायक अशोक कुमार कोरी ने बताया कि वह 18 साल तक एयर इंडिया के सिक्योरिटी ऑफिसर रहे हैं. ऐसे में उन्हें मामले की गंभीरता का पता था. उन्होंने इसके लिए डीएम, एसपी, एडीएम और दूसरे अधिकारियों से बात की, लेकिन को किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उनका आरोप है की ब्लॉक प्रशासन ने इस मामले में दबाने की कोशिश की. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय और दूसरे उच्च अधिकारी को जानकरी देने के बाद मामले में तेजी आई और एटीएस ने जांच शुरू की.

भाजपा विधायक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी को बचाने के लिए स्थानीय महकमा सक्रिय हो गया था. हालांकि, उनके दबाव बनाने के बाद सहायक विकास अधिकारी जितेंद्र सिंह के तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव समेत तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. विजय यादव को निलंबित कर विभाग की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.

उन्होंने बताया कि जांच में ग्राम पंचायत सिरफिरा, लुहेरेपुर, नूरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनन्तपुर और गढ़ी इस्लामनगर में वर्ष 2023 में अनियमित तरीके से प्रमाण पत्र जारी किए जाने की भी पुष्टि हुई है. इन सभी गांव में ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव तैनात रहा.

विधायक ने यह भी बताया कि पुलिस अफसर को मैंने बताया कि जीशान को यदि नहीं पकड़ा गया, तो वह देश छोड़कर भाग जाता. इसके पास वीजा पासपोर्ट भी है, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ घंटे थाने बैठने के बाद शांति भंग में चालान किया. एसडीएम कोर्ट से उसे तुरंत जमानत दे दी गई. ऐसे में एसडीएम से लेकर अन्य अधिकारियों की भूमिका भी शक के घेरे में है.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 7:38 PM IST
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