महेंद्रगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच वोटिंग से एक दिन पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में सिरसा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले बीजेपी नेता अशोक तंवर एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. गुरुवार को महेंद्रगढ़ में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की. अशोक तंवर पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन उसके बाद कांग्रेस छोड़कर कई अलग-अलग पार्टियों में रह चुके हैं.
राहुल गांधी की मौजूदी में हुए शामिल
अहीरवाल के महेंद्रगढ़ में गुरुवार को प्रचार करने पहुंचे राहुल गांधी ने मंच पर अशोक तंवर को कांग्रेस में शामिल कराया. इस दौरान मंच पर राहुल गांधी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे. अशोक तंवर ने कांग्रेस का हाथ थामने के बाद हुड्डा को भी हाथ जोड़कर नमस्कार किया. बताया जाता है कि कांग्रेस में रहते हुए भूपेंद्र हुड्डा गुट के साथ अशोक तंवर की कभी नहीं बनी. यहां तक कि कई बार कार्यक्रम के दौरान दोनों के समर्थकों में मारपीट भी हो गई. इसी के चलते उन्होंने बाद में पार्टी छोड़ दी.
तंवर ने 3 साल में चार बार बदली पार्टी
अशोक तंवर ने पिछले तीन साल के दौरान चार बार पार्टी बदली. कांग्रेस छोड़ने के बाद नवंबर 2021 में उन्होंने सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन की थी. उसके महज 5 महीने बाद अप्रैल 2022 में वो आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये. इसी साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जनवरी में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. बीजेपी ने उन्हें सिरसा सीट से लोकसभा उम्मीदवार भी बनाया था. अब 8 महीने बाद चौथी बार पार्टी बदलते हुए वो कांग्रेस में वापस आ गये. अशोक तंवर कभी राहुल गांधी के करीबी हुआ करते थे.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष लोकसभा @RahulGandhi जी की उपस्थिति में महेंद्रगढ़ रैली में @INCIndia परिवार में शामिल हुए। pic.twitter.com/Rn7iOZkbIh
— Ashok Tanwar (@Tanwar_Indian) October 3, 2024
2014 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे अशोक तंवर
2009 में सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके अशोक तंवर 14 फरवरी 2014 को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. अशोक तंवर और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट में खुलेआम विरोध और टकराव देखा जाता रहा है. दिल्ली में अशोक तंवर और हुड्डा समर्थकों में खुलेआम लाठी डंडे भी चले थे, जिसमें तंवर घायल हो गये थे. सार्वजनिक कार्यक्रम में दोनों नेताओं के समर्थक कभी एक साथ नजर नहीं आये. यही कारण है कि कांग्रेस का जिला संगठन आज तक खड़ा नहीं हो पाया. 2019 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया.
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