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लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा ले रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर सहारा

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 6, 2024, 8:24 PM IST

AI in Lok Sabah Elections, भारतीय जनता पार्टी हाईटेक प्रचार का सहारा लेते हुए इस बार एआई के माध्यम से फीडबैक लेते हुए, उसके आधार पर हाईटेक प्रचार तैयार कर रही है. पार्टी ने एआई का सहारा लेते हुए, पीएम के भाषणों को अभी 11 भाषाओं में अनुवादित किया है और आगे भी कई भाषाओं में पीएम की स्पीच को अनुवादित किया जाएगा. पढ़ें इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

BJP national spokesperson Prem Shukla
बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला
बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला से बातचीत

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए हर लोकसभा की नब्ज टटोलने में जुट गई है. बीजेपी अभी पीएम मोदी की स्पीच को 8 भाषाओं में प्रसारित कर रही है और आगे पार्टी अन्य भाषाओं को जोड़ने की भी तैयारी कर रही है. एआई के माध्यम से लिए जा रहे फीडबैक में पार्टी क्रमवार प्रचार के मुद्दे तय कर रही है, जिनमें सबसे प्रभावी मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी चर्चित तौर पर निकल कर आई है.

बीजेपी एआई की मदद से अलग-अलग राज्यों खासतौर पर हिंदी भाषी क्षेत्रों में भी पार्टी के सबसे लोकप्रिय मुद्दों को कंपाइल कर रही और अलग-अलग राज्यों के मुद्दों के आधार पर भी प्रचार के मुद्दे बनाए जाएंगे. सूत्रों की माने तो बीजेपी की हुई हाल ही में पदाधिकारियों की बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मुद्दों और उम्मीदवारों पर भी चर्चा की गई थी.

इसके अलावा लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य मुद्दे, यहां के सांसदों, सरकारी स्कीमों के क्रियान्वयन और मुख्य विरोधी दल और प्रत्याशी की मजबूती को लेकर भी पार्टी द्वारा एआई फीडबैक की लगातार मॉनिटरिंग करना तय किया गया है. पार्टी द्वारा एआई के माध्यम से लिए गए फीडबैक में उत्तर-पूर्व, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ध्रुवीकरण को बड़ा मुद्दा बताया गया है, जबकि दक्षिण में सनातन और द्रविड़ गौरव जैसे मुद्दे टक्कर दे रहे हैं.

हालांकि दक्षिण में स्थानीय दलों से बराबरी के टक्कर में अभी भी भाजपा 12.7 फीसदी प्वाइंट से पीछे है. कर्नाटक और तेलंगाना में भाजपा का दारोमदार ज्यादातर प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करता है, ऐसा इस फीडबैक में बताया गया है. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने पीएम की स्पीच को फिलहाल 8 भाषाओं में एआई के माध्यम से ट्रांसलेट करने की व्यवस्था की है और आगे चलकर और भी भाषाएं इसमें जोड़ी जाएंगी.

हिंदी भाषी क्षेत्रों में भी भाजपा को अतिरिक्त वोट और सीट हासिल होने का फीडबैक एआई मैपिंग के माध्यम से मिला है. इसी तरह पश्चिम भारत में भी एआई के फीडबैक में एनडीए आगे दिख रहा है. ऐसे लिया जा रहा है फीडबैक:

- पीएम मोदी और मोदी की गारंटी पर कितनी चर्चा, सोशल मीडिया में कितना प्रभावशाली हैं ये मुद्दे

- किस राज्य में कौन सी पार्टी मुख्य विपक्ष के तौर पर

- केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों में संतुष्टि स्तर

- जहां भाजपा मजबूत नहीं वहां पार्टी की गतिविधियां और उसकी चर्चा कितनी

- द्रविड स्वाभिमान का मुद्दा कितना प्रभावी

- मोदी के नाम पर स्थानीय दलों से गठबंधन से कितना लाभ

भाजपा के इस प्रभावी और हाईटेक प्रचार और फीडबैक प्रणाली पर बोलते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि आज से नहीं भाजपा शुरू से ही प्रचार प्रसार में हाईटेक रही है और साल 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी की सरकार में तकनीकियों का इतना विकास हुआ है, फिर क्यों न आधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाए.

उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा से जनता के लिए काम करती रहती है और उन बातों को लेकर हम चुनावी मैदान में जाते हैं और पार्टी हमेशा से जनता के मुद्दों से जुड़ी रही है. बीजेपी जनता के मुद्दों को उठाकर ही कार्यान्वयन करती है और आज जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है तो ऐसे में उसकी मदद प्रचार प्रसार में भी ली जा रही है.

बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला से बातचीत

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए हर लोकसभा की नब्ज टटोलने में जुट गई है. बीजेपी अभी पीएम मोदी की स्पीच को 8 भाषाओं में प्रसारित कर रही है और आगे पार्टी अन्य भाषाओं को जोड़ने की भी तैयारी कर रही है. एआई के माध्यम से लिए जा रहे फीडबैक में पार्टी क्रमवार प्रचार के मुद्दे तय कर रही है, जिनमें सबसे प्रभावी मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी चर्चित तौर पर निकल कर आई है.

बीजेपी एआई की मदद से अलग-अलग राज्यों खासतौर पर हिंदी भाषी क्षेत्रों में भी पार्टी के सबसे लोकप्रिय मुद्दों को कंपाइल कर रही और अलग-अलग राज्यों के मुद्दों के आधार पर भी प्रचार के मुद्दे बनाए जाएंगे. सूत्रों की माने तो बीजेपी की हुई हाल ही में पदाधिकारियों की बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मुद्दों और उम्मीदवारों पर भी चर्चा की गई थी.

इसके अलावा लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य मुद्दे, यहां के सांसदों, सरकारी स्कीमों के क्रियान्वयन और मुख्य विरोधी दल और प्रत्याशी की मजबूती को लेकर भी पार्टी द्वारा एआई फीडबैक की लगातार मॉनिटरिंग करना तय किया गया है. पार्टी द्वारा एआई के माध्यम से लिए गए फीडबैक में उत्तर-पूर्व, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ध्रुवीकरण को बड़ा मुद्दा बताया गया है, जबकि दक्षिण में सनातन और द्रविड़ गौरव जैसे मुद्दे टक्कर दे रहे हैं.

हालांकि दक्षिण में स्थानीय दलों से बराबरी के टक्कर में अभी भी भाजपा 12.7 फीसदी प्वाइंट से पीछे है. कर्नाटक और तेलंगाना में भाजपा का दारोमदार ज्यादातर प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करता है, ऐसा इस फीडबैक में बताया गया है. इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने पीएम की स्पीच को फिलहाल 8 भाषाओं में एआई के माध्यम से ट्रांसलेट करने की व्यवस्था की है और आगे चलकर और भी भाषाएं इसमें जोड़ी जाएंगी.

हिंदी भाषी क्षेत्रों में भी भाजपा को अतिरिक्त वोट और सीट हासिल होने का फीडबैक एआई मैपिंग के माध्यम से मिला है. इसी तरह पश्चिम भारत में भी एआई के फीडबैक में एनडीए आगे दिख रहा है. ऐसे लिया जा रहा है फीडबैक:

- पीएम मोदी और मोदी की गारंटी पर कितनी चर्चा, सोशल मीडिया में कितना प्रभावशाली हैं ये मुद्दे

- किस राज्य में कौन सी पार्टी मुख्य विपक्ष के तौर पर

- केंद्र की योजनाओं के लाभार्थियों में संतुष्टि स्तर

- जहां भाजपा मजबूत नहीं वहां पार्टी की गतिविधियां और उसकी चर्चा कितनी

- द्रविड स्वाभिमान का मुद्दा कितना प्रभावी

- मोदी के नाम पर स्थानीय दलों से गठबंधन से कितना लाभ

भाजपा के इस प्रभावी और हाईटेक प्रचार और फीडबैक प्रणाली पर बोलते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि आज से नहीं भाजपा शुरू से ही प्रचार प्रसार में हाईटेक रही है और साल 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी की सरकार में तकनीकियों का इतना विकास हुआ है, फिर क्यों न आधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाए.

उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा से जनता के लिए काम करती रहती है और उन बातों को लेकर हम चुनावी मैदान में जाते हैं और पार्टी हमेशा से जनता के मुद्दों से जुड़ी रही है. बीजेपी जनता के मुद्दों को उठाकर ही कार्यान्वयन करती है और आज जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है तो ऐसे में उसकी मदद प्रचार प्रसार में भी ली जा रही है.

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