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कच्चातिवू पर दिग्विजय के बयान को लेकर बरसी भाजपा, बोली- क्या देश की भूमि को परिवार की भूमि समझते हैं ? - BJP DIGVIJAY Kachchativu ISLAND - BJP DIGVIJAY KACHCHATIVU ISLAND

BJP hits at Digvijay for his comment on Kachchativu : कच्चातिवू द्वीप पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बयान दिया. इसमें उन्होंने कहा था कि उस द्वीप पर कुछ भी उत्पादित नहीं होता है. भाजपा ने उनके बयान की आलोचना की है. पार्टी ने कहा है कि क्या दिग्विजय सिंह देश की जमीन को किसी परिवार की भूमि समझते हैं. आपको बता दें कि कच्चातीवू द्वीप को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच विवाद रहा है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने इस द्वीप को श्रीलंका को दान में दे दिया.

Digvijay Singh
दिग्विजय सिंह
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By IANS

Published : Apr 10, 2024, 5:25 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 6:26 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि आज फिर से एक बार कांग्रेस पार्टी ने यह दिखाया है कि वह कैसे देश की भूमि को परिवार की जायदाद समझती है.

पूनावाला ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा 'नेशन फर्स्ट' की बजाय 'फैमिली फर्स्ट' को प्राथमिकता दी है और दिग्विजय सिंह का बयान जवाहरलाल नेहरु की मानसिकता का परिचायक है.

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने कच्चातिवू द्वीप को श्रीलंका को देने को इस आधार पर जायज ठहराया है कि उस द्वीप पर कोई रहता नहीं है. उन्होंने कहा कि नेहरु की इसी मानसिकता के कारण भारत की हजारों किलोमीटर भूमि चाहे, वह अक्साई चीन हो या पीओके हो या अन्य इलाके की जमीन, दुश्मनों को दे दी गई.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नेहरु से जब अक्साई चीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां घास का तिनका भी नहीं उगता और उन्हीं नेहरु ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर यह कहा था कि इस द्वीप का कोई महत्व नहीं है और इसे श्रीलंका को दे देना चाहिए. जबकि, लीगल और हिस्टोरिकल ओपिनियन इसके खिलाफ थे.

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजनकारी और टुकड़े-टुकड़े मानसिकता है जो इस द्वीप को श्रीलंका को देने को जायज ठहरा रही है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह बड़े अहंकार के साथ कहते हैं कि कच्चातिवु द्वीप पर कोई रहता है क्या? जबकि, यह द्वीप भारत का अभिन्न अंग था और तमिलनाडु के मछुआरों के लिए बहुत जरूरी है. इसे श्रीलंका को देने का खामियाजा तमिलनाडु के मछुआरे आज तक भुगत रहे हैं. उनके जीवन और जीविका, दोनों पर बड़ा खतरा मंडराता रहता है.

शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी की सरकार ने 1974 में इस द्वीप को श्रीलंका को देने का काम किया और उस समय की डीएमके सरकार ने भी इसमें अहम किरदार निभाया. षड्यंत्र करके कांग्रेस ने हमारे टापू को श्रीलंका को देने का काम किया और उस समय की करुणानिधि की डीएमके सरकार ने इसको छुपाने का काम किया.

ये भी पढे़ं : क्या है कच्चातीवू विवाद, क्या इंदिरा गांधी ने इसे श्रीलंका को दे दिया था, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि आज फिर से एक बार कांग्रेस पार्टी ने यह दिखाया है कि वह कैसे देश की भूमि को परिवार की जायदाद समझती है.

पूनावाला ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा 'नेशन फर्स्ट' की बजाय 'फैमिली फर्स्ट' को प्राथमिकता दी है और दिग्विजय सिंह का बयान जवाहरलाल नेहरु की मानसिकता का परिचायक है.

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने कच्चातिवू द्वीप को श्रीलंका को देने को इस आधार पर जायज ठहराया है कि उस द्वीप पर कोई रहता नहीं है. उन्होंने कहा कि नेहरु की इसी मानसिकता के कारण भारत की हजारों किलोमीटर भूमि चाहे, वह अक्साई चीन हो या पीओके हो या अन्य इलाके की जमीन, दुश्मनों को दे दी गई.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नेहरु से जब अक्साई चीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वहां घास का तिनका भी नहीं उगता और उन्हीं नेहरु ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर यह कहा था कि इस द्वीप का कोई महत्व नहीं है और इसे श्रीलंका को दे देना चाहिए. जबकि, लीगल और हिस्टोरिकल ओपिनियन इसके खिलाफ थे.

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजनकारी और टुकड़े-टुकड़े मानसिकता है जो इस द्वीप को श्रीलंका को देने को जायज ठहरा रही है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह बड़े अहंकार के साथ कहते हैं कि कच्चातिवु द्वीप पर कोई रहता है क्या? जबकि, यह द्वीप भारत का अभिन्न अंग था और तमिलनाडु के मछुआरों के लिए बहुत जरूरी है. इसे श्रीलंका को देने का खामियाजा तमिलनाडु के मछुआरे आज तक भुगत रहे हैं. उनके जीवन और जीविका, दोनों पर बड़ा खतरा मंडराता रहता है.

शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी की सरकार ने 1974 में इस द्वीप को श्रीलंका को देने का काम किया और उस समय की डीएमके सरकार ने भी इसमें अहम किरदार निभाया. षड्यंत्र करके कांग्रेस ने हमारे टापू को श्रीलंका को देने का काम किया और उस समय की करुणानिधि की डीएमके सरकार ने इसको छुपाने का काम किया.

ये भी पढे़ं : क्या है कच्चातीवू विवाद, क्या इंदिरा गांधी ने इसे श्रीलंका को दे दिया था, जानें पूरा मामला

Last Updated : Apr 10, 2024, 6:26 PM IST
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