चंडीगढ़: बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोक सभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इन उम्मीदवारों में परिवारवादी और पूर्व कांग्रेसी नेताओं की संख्या ज्यादा है. कुछ नेता तो रातों रात बीजेपी में शामिल हुए और अगले दिन पार्टी ने उन्हें टिकट देकर लोकसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया. आइये आपको बताते हैं हरियाणा के बीजेपी उम्मीदवारों में ऐसे कौन-कौन से नेता हैं जो या तो परिवारवादी राजनीति से जुड़े हैं या फिर पूर्व कांग्रेसी हैं.
- 1. राव इंद्रजीत सिंह, बीजेपी उम्मीदवार, गुड़गांव लोकसभा सीट
राव इंद्रजीत सिंह. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. 5 बार से सांसद हैं. 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. 3 बार कांग्रेस से और पिछले दो बार (2014, 2019) से लगातार बीजेपी से सांसद बन रहे हैं.
- 2. नवीन जिंदल, बीजेपी उम्मीदवार, कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट
नवीन जिंदल मशहूर उद्योगपति और कांग्रेस नेता रहे ओपी जिंदल के बेटे हैं. ओपी जिंदल हिसार से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. 2005 में भूपेंद्र हुड्डा सरकार में वो उद्योग मंत्री बने थे. प्लैन क्रैश में मौत के समय भी वो कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. उनकी पत्नी और नवीन जिंदल की मां भी कांग्रेस की विधायक रहीं हैं. नवीन जिंदल 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 10 साल से राजनीति से गायब रहे नवीन जिंदल 24 मई को अचानक दिल्ली में बीजेपी में शामिल होते हैं और 24 घंटे के अंदर उन्हें लोकसभा का टिकट मिल जाता है. नवीन जिंदल पर खुद बीजेपी कोयला घोटाले का आरोप लगा चुकी है.
- 3. रणजीत चौटाला, बीजेपी उम्मीदवार, हिसार लोकसभा सीट
रणजीत सिंह चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के तीसरे बेटे हैं. जब देवीलाल ने सीएम की कुर्सी उनके बड़े भाई ओपी चौटाला को सौंपी तो रणजीत चौटाला इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. उसके बाद वो कई साल तक कांग्रेस में रहे. रणजीत चौटाला 2009 और 2014 में रानिया सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गये. 2019 में वो निर्दलीय चुनाव जीतकर बीजेपी सरकार में मंत्री बने. इसी साल मार्च में वो अचानक बीजेपी में शामिल हुए और तुरंत उन्हें पार्टी ने हिसार से उम्मीदवार बना दिया.
- 4. अशोक तंवर, बीजेपी उम्मीदवार, सिरसा लोकसभा सीट
अशोक तंवर कांग्रेस नेता और सांसद रहे ललित माकन के दामाद हैं. ललित माकन देश के राष्ट्रपति रह चुके शंकर दयाल शर्मा के दामाद थे. अशोक तंवर की पत्नी अवंतिका तंवर ललित माकन की इकलौती बेटी हैं. अशोक तंवर यूथ कांग्रेस और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. अशोक 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सिरसा से सांसद बने थे. तंवर ने इसी साल बीजेपी ज्वाइन की थी. बीजेपी ने उन्हें सिरसा सीट से सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर उन्हें कैंडिडेट बनाया है.
- 5. धर्मबीर सिंह, बीजेपी उम्मीदवार, भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट
धर्मबीर सिंह पुराने कांग्रेसी नेता हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2000 में भिवानी की तोशाम सीट से धर्मबीर सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया था. इसके बाद 2005 में भी वो कांग्रेट उम्मीदवार के तौर पर बाढड़ा सीट से ही विधायक बने. 2014 लोकसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गये. 2014 और 2019 में वो बीजेपी के टिकट पर जीतकर सांसद बने.
- 6. अरविंद शर्मा, बीजेपी उम्मीदवार, रोहतक लोकसभा सीट
अरविंद शर्मा कई साल तक कांग्रेस में रहे. 2004 और 2009 में वो कांग्रेस के टिकट पर करनाल से सांसद बने. 2019 चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें रोहतक लोकसभा सीट टिकट दिया. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सांसद बन गये.
- 7. बंतो कटारिया, बीजेपी उम्मीदवार, अंबाला लोकसभा सीट
बीजेपी ने हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से बंतो कटारिया को टिकट दिया है. बंतो कटारिया कोई आम कार्यकर्ता नहीं हैं. बल्कि अंबाला के पूर्व सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके रतनलाल कटारिया की पत्नी हैं. सांसद रहते हुए 23 मई 2023 को रतनलाल कटारिया की मौत हो गई थी. जानकारों का मानना है कि सहानुभूति लहर का फायदा उठाने के लिए बीजेपी ने उनकी पत्नी बंतो कटारिया को मैदान में उतार दिया.